12 Wafat Kya Hai – बारावफात का महत्व, कब मनाया जाता है

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हर साल हर धर्म में कुछ कुछ खास पर्व मनाए जाते है। ऐसा ही एक इस्लामिक धर्म से जुड़ा पर्व है 12 wafat जिसको बारावफात या ईद मिलाद उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है। इस्लाम धर्म समुदाय के लिए यह दिन बड़ी खास है और इसको धूम धाम से मनाया भी जाता है। लेकिन इस पर्व से संबंधित लोगो के मन में कई सवाल है।

जो इस त्यौहार के बारे में पूरी तरह से नही जानते है कि यह त्यौहार क्या है और किस लिए मनाया जाता है। तो चलिए जानते है कि 12 Wafat Kya Hai, 12 Wafat का महत्व, 12 Wafat कब मनाया जाता है, कैसे मनाते है इत्यादि के बारे में इस लेख के माध्यम से पूरी जानकारी जानेंगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

12 Wafat Kya Hai

12 वफात क्या है (12 Wafat Kya Hai)

12 वफात एक इस्लामिक त्यौहार है। इस दिन इस्लाम धर्म के संस्थापक प्रोफेट मोहम्मद के जन्म और निधन का दिन माना जाता है। मान्यता है कि रबी-अल-अव्वल के 12वें दिन पैगंबर मुहम्मद दुनिया से रुखसत हो गए थे। इस लिए इसे 12 वफात का दिन मनाया जाता है। इसी दिन पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन और रूख्सत का दिन दोनो मनाया जाता है।

बारावफात दो शब्दो से मिलकर बना है जहां बारा का मतलब 12 से है और वफात का मतलब है इंतकाल यानी मौत से है। इस दिन मुस्लिम भाई मस्जिदों में जाकर नमाज़ पढ़ते हैं, उपदेश सुनते है और धार्मिक कार्य भी करते है।

12 Wafat का महत्व

इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगो के लिए 12 वफात का दिन बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है। 12 वफात के नाम से जाने जाने वाला इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर हज़रत मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्म और और मृत्यु के संदर्भ में मनाया जाता है। इनका जन्म जन्म 570 ई. को मक्का में हुआ था और मृत्यु 632 ई. को मदीना में हुआ था। यह त्यौहार पैगंबर हज़रत मुह़म्मद के जीवन, उनकी शिक्षाओं और ज्ञान को याद करने के रूप में मनाया जाता है।

12 वफात का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस दिन पैगंबर के बताए रास्ते को याद करते हुए इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को भी पढ़ा जाता है। मान्यता है कि 12 वफात के दिन जो भी पैगंबर के नियम या बताए रास्ते पर चलता है और पूरे नियम निभाता है। वो व्यक्ति अल्लाह के बेहद करीब चला जाता है। इसलिए बारावफात मुसलमानों के लिए प्रमुख त्यौहारों में से एक है।

12 Wafat के नाम

12 वफात मुसलमानो का बहुत ही खास और महत्वपूर्ण त्यौहार होता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार पैगंबर मोहम्मद का जन्म रबी अल-अव्वल महीने के 12वें दिन पड़ता है। इसी दिन 12 वफात मनाया जाता है। 12 Wafat के अलावा इसके अन्य और भी नाम है जैसे कि ईद-मिलादुन्नबी (मिलाद-उन-नबी), बारावफात, ईद-ए-मिलाद इत्यादि के नाम से भी इसे जाना जाता है।

12 Wafat कब मनाया जाता है

12 Wafat यानी Barawafat इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार तीसरे महीने रबी अल अव्वल के बारहवें दिन को मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन पैगंबर मोहम्मद का जन्म हुआ था और इनके जन्म को एक पर्व को तरह मनाया जाता है जिसे ईद मिलाद उन-नबी के नाम से भी जाना जाता है। बारावफात के दिन एक दिन के लिए भारत में राजपत्रित अवकाश होता है।

इस इस्लाम धर्म के त्योहार बारावफात या ईद मिलाद उन-नबी को मनाए जाने को लेकर सुन्नी और शिया में काफी विवाद भी बना रहता है की इस त्योहार को सुन्नी मुसलमान के अनुसार रबी अल अव्वल महीने के 12 वे दिन मानना चाहिए तो तो वही शिया मुसलमानों के अनुसार इस त्योहार को महीने के 17 वे दिन मनाना चाहिए।

12 Wafat कैसे मनाते है

बारावफात मनाने का सीधा मकसद हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को पर्व की तरह मनाने से है। इस दिन सभी मुस्लिम भाई लोग रात भर मस्जिदों में इबादत करते है और खास तौर पर घर घर इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान पढ़ते है और गरीबों को कपड़े, पैसे या जरूरत की समानों को दान देते है। ईद मिलाद उन-नबी के दिन शहद बांटने का खास महत्व है क्योंकि हजरत मुहम्मद को शहद बहुत ही पसंद था।

बारावफात के दिन मुस्लिम भाई पैगंबर मुहम्मद के खास प्रतीक को एक ताबूत में रखकर जुलूस निकालते है और हज़रत मुहम्मद कितने महान थे इसको बताते हुए शांति का संदेश भी देते है। इस दिन कई तरह के आयोजन किए जाते है जिसमे हज़रत मुहम्मद के शान में कई नज़्म पढ़े एवम गाने गाए जाते है। बारावफात में घरों को अच्छे से सजाते है, अच्छे अच्छे पकवान बनाना तथा एक दूसरे से मिलकर भाईचारगी का संदेश देते है।

12 Wafat Kya Hai निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में 12 Wafat Kya Hai, 12 Wafat का महत्व, 12 Wafat कब मनाया जाता है, कैसे मनाते है इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQ:

प्रश्न: 12 वफात क्या है?

उत्तर: 12 वफात एक इस्लामिक त्यौहार है। इस दिन इस्लाम धर्म के संस्थापक प्रोफेट मोहम्मद के जन्म और निधन का दिन माना जाता है। मान्यता है कि रबी-अल-अव्वल के 12वें दिन पैगंबर मुहम्मद दुनिया से रुखसत हो गए थे। इस लिए इसे 12 वफात का दिन मनाया जाता है।

प्रश्न: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का मतलब क्या है?

उत्तर: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का मतलब यह है इसी दिन पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था।

प्रश्न: 12 वफात कब मनाया जाता है?

उत्तर: 12 Wafat यानी Barawafat इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के अनुसार तीसरे महीने रबी अल अव्वल के बारहवें दिन को मनाया जाता है।

प्रश्न: पैगंबर मुहम्मद का जन्म और मृत्यु कब हुआ था?

उत्तर: पैगंबर मुहम्मद जन्म 570 ई. को मक्का में हुआ था और मृत्यु 632 ई. को मदीना में हुआ था।