Hemoglobin Ka Mukhya Karya Kya Hai – हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर, स्रोत, नुकसान

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हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के सबसे प्रमुख पार्ट में से एक है जिसके बिना हमारे शरीर को सुचारू रूप से चला पाना नामुमकिन है। हीमोग्लोबिन के द्वारा हमारे शरीर में बहुत से प्रमुख कार्य संपन्न करता है। हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के बहुत से ऐसे कार्य करता है जिसके बिना शरीर के सक्रिय होने की कल्पना करना भी मुश्किल है।

एक तरह से हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इतने महत्वपूर्ण हीमोग्लोबिन को चलिए जानते है विस्तार से की Hemoglobin Kya Hai, Hemoglobin Ka Mukhya Karya Kya Hai, हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर, हीमोग्लोबिन की अधिकता से नुकसान और हीमोग्लोबिन के मुख्य स्त्रोत इत्यादि, आगे जरूर पढ़े।

Hemoglobin Kya Hai

हमारे शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन अणु को हीमोग्लोबिन कहते है। आपको बता दे की हीमोग्लोबिन एक सामान्य वयस्क में चार प्रोटीन अणुओं से मिलकर हीमोग्लोबिन बनता है जिसमे की 2 अल्फा ग्लोबुलिन अणु और 2 बीटा ग्लोबुलिन अणु होते है। लेकिन अगर एक नवजात शिशु की बात करे तो इनमे बीटा ग्लोबुलिन की जगह पर 2 गामा ग्लोबुलिन अणु पाए जाते है, हालांकि समय के साथ जैसे ही वह नवजात शिशु वयस्क होता जाता है वैसे वैसे गामा ग्लोबुलिन अणु बीटा ग्लोबुलिन अणु में बदल जाता है।

हमारे शरीर के रक्त का लाल रंग होने का मुख्य कारण हीमोग्लोबिन में उपस्थित आयरन ही है। लाल रक्त कोशिकाओं का आकार भी हीमोग्लोबिन पर निर्धारित होता है। लाल रक्त कोशिकाओं के आकार में थोड़ी भी बदलाव आने से हमारे शरीर की सक्रियता और रक्त के संचार में प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का सही मात्रा होना बहुत जरूरी है।

Hemoglobin Ka Mukhya Karya Kya Hai

Hemoglobin Ka Mukhya Karya Kya Hai

अभी हमने जाना की हीमोग्लोबिन क्या होता है आइए अब जानते है की हीमोग्लोबिन का मुख्य कार्य क्या है। हमारे शरीर में यह किस तरह के कार्य करके अपनी अहम भूमिका निभाता है, आगे जाने विस्तार से।

  • हीमोग्लोबिन का मुख्य कार्य शरीर के उत्तकों तक फेफड़ों से ऑक्सीजन को लेकर पहुंचाना तथा फिर उत्तकों से कार्बन डाई आक्साइड को लेकर फेफड़ों तक ले जाना है।
  • लाल रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन पाए जाने वाले भाग ही हीमोग्लोबिन है।
  • हीमोग्लोबिन हमारे पूरे शरीर में घूमता रहता है ऐसे में फेफड़ों में जहां सबसे ज्यादा ऑक्सीजन होता है वह हीमोग्लोबिन से जुड़कर हीमोग्लोबिन में साथ पूरे शरीर मे भ्रमण करता है।
  • जैसे ही हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के किसी ऐसे उत्तक के पास पहुंचता है जहा ऑक्सीजन की कमी होती है तो ऑक्सीजन अणु हीमोग्लोबिन से निकलकर उस उत्तक के ऑक्सीजन के कमी को पूरा करता है। ऐसे ही ये प्रक्रिया चलती रहती है।
  • जैसे ही हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम होता है तो हीमोग्लोबिन के इन्ही प्रक्रिया में प्रभाव पड़ता हैं।

हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर

हीमोग्लोबिन हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। ऐसे में हमारे शरीर हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य होना बहुत ही जरूरी हैं। आपको बता दे की रक्त के 100 मिली के आधार पर हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य है या नही इसका पता लगाया जाता है। हीमोग्लोबिन मापते समय चिकित्सीय परीक्षण के दौरान 100 मिली को 1 डेसीलीटर से व्यक्त किया जाता है। हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर अलग अलग आयु में अलग होता है तथा महिला के मुकाबले पुरुष में भी सामान्य स्तर अलग अलग होता है।

नीचे हमने कुछ आंकड़े आपके सामने प्रस्तुत किया है जिससे आप ये समझ जाएंगे हीमोग्लोबिन के सामान्य स्तर कितना होता है। आइए जानते है की किस किस आयु तथा महिला या पुरुष में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर क्या है।

आयु सामान्य स्तर (ग्राम/100 मिलीलीटर)
नवजात शिशु17 से 22
एक सप्ताह का शिशु15 से 20
एक महीने का शिशु11 से 15
बच्चे11 से 13
वयस्क पुरुष14 से 18
वयस्क महिलाएं12 से 16
मध्यम आयु के पुरुष12.4 से 14.9
मध्यम आयु की महिलाएं11.7 से 13.8

ऊपर जितने भी आंकड़े आपके समक्ष प्रस्तुत किए गए हीमोग्लोबिन के स्तर के बारे में प्रयोगशालाओं के अनुसार कुछ भिन्न हो सकते है। कही कही पर तो वयस्क और अधेड़ आयु के लोगो के बीच इसके स्तर को अंतर नही करती है। सभी गर्भवती महिलाओ को हीमोग्लोबिन के स्तर के कम या ज्यादा दोनो ही स्तिथियों से बचना चाहिए। ताकि आगे उनको तथा उनके बच्चे को कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े।

हीमोग्लोबिन की अधिकता से नुकसान

अक्सर देखा गया है कि लोग हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के लिए कई तरह के पोषक तत्त्वों का सेवन करते है या पौष्टिक आहार लेते है। जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य रूप से बना रहता है और इसकी कमी से किसी तरह की समस्या नहीं होती है। लेकिन क्या आपको पता है हीमोग्लोबिन की अधिकता से आपके सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। तो चलिए जानते है कि हीमोग्लोबिन की अधिकता से होने वाले नुकसान जो निम्नलिखित है:–

  • शरीर में लगातार हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने से आपको थोड़े से चहलकदमी पर थकान सा महसूस होने लगता है। किसी काम को करने में जल्दी थकावट हो सकती है।
  • हीमोग्लोबिन बढ़ने की स्थिति में लोग भ्रम का शिकार हो सकते है। क्योंकि इसमें मस्तिक की क्षमता यानी सोचने समझने की क्षमता कुछ कम हो सकती है।
  • अगर आपके दांतों की जड़ों से, मसूड़ों से खून के आने या नाक से खून निकलने की समस्या होती है तो आप डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
  • हीमोग्लोबिन के बढ़ने से सिर में दर्द बना रहना और आंखों से धुंधला दिखाई देने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • हीमोग्लोबिन की अधिकता से पेट भरा हुआ लगना, पेट में दर्द की तरह होना, पेट में बायीं और एक दबाव की तरह महसूस होना इत्यादि समस्याएं देखने मिल सकती है।

हीमोग्लोबिन के मुख्य स्रोत

अगर आप भी अपने हीमोग्लोबिन के स्तर को सामान्य करना चाहते है तो आपको अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल कर सकते है, जिसमे आयरन तथा विटामिन सी, विटामिन बी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो। कई तरह की दवाइयां भी मार्केट में उपलब्ध है जिससे हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ा सकती है। लेकिन एक्सपर्ट की माने तो वह खान पान के द्वारा ही हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने की सलाह देते है।

तो चलिए जानते है कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जो हीमोग्लोबिन के मात्र को सामान्य रखने तथा कमी होने पर बढ़ाने में काफी मदद करती है। नीचे हमने कुछ हीमोग्लोबिन के मुख्य स्रोत के बारे बताया है, एक बार जरूर देखे।

  • अगर आप मांसाहारी है तो आप जानवरों के लीवर सेवन करते है तो आपको आयरन, विटामिन B 12 और फोलेट इत्यादि जरूरी चीज मिलती है। अगर आप केवल मीट का भी सेवन करते है तो उससे भी आयरन प्राप्त हो जाता है।
  • राजमा तथा चना ये दोनो फलियां भी हीमोग्लोबिन के स्रोत है जिसमे आपको बहुत अच्छी मात्रा में आयरन मिल जाता है। इसके अलावा सोयाबीन से भी आपको अच्छी मात्रा में आयरन और विटामिन सी मिल जाता है।
  • अगर अनाजों की बात करे तो गेहूं और जौ इन दोनो अनाजों में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आपने ब्राउन राइस के बारे सुना होगा, आयरन के लिए ये भी काफी अच्छा विकल्प होता है।
  • ओटमील भी अनाजों में एक अच्छा विकल्प है जिसमे प्रचुर मात्रा में आयरन मौजूद होता हैं। (आगे पढ़े: ओटमील क्या है?)
  • फल तो इंसानों के लिए एक आशीर्वाद है जिसमे हर तरह के प्रोटीन, विटामिन और कुछ जरूरी पदार्थ पाए जाते है। आयरन के वृद्धि के लिए हमारे शरीर में विटामिन सी की बहुत आवश्यकता होती है। ऐसे में आप विटामिन सी युक्त फलों का सेवन कर सकते है जैसे की नींबू, संतरा, लीची इत्यादि में काफी भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है।
  • वही खजूर और किशमिश जैसे फलों में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। सबसे प्रमुख फल सेब का सेवन तो आपको हर बीमारी में करना चाहिए, हालांकि सेब को डॉक्टर्स हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम होने पर खाने के लिए कहते है।
  • वैसे हर हरी सब्जियों में हीमोग्लोबिन के स्तर को सामान्य करने की क्षमता मौजूद होती है। इन सब्जियों में कई तरह के विटामिन, खनिज तथा आयरन की भरपूर मात्रा होती है।
  • ब्रोकली में आयरन की काफी मात्रा पाई जाती है जिसके सेवन से आपके हीमोग्लोबिन के स्तर में काफी सुधार देखने को मिल सकता है।
  • चुकंदर, आलू, पालक, मटर, टमाटर, और शतावरी जैसी सब्जियों में भी आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
  • सोयाबीन के दूध से बने पनीर जिसे टोफू भी कहते है। इसमें भी काफी अच्छी मात्रा में आयरन उपलब्ध होता है।
  • अंडा, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट, नट्स, दही, मूंगफली आदि को भी आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है।

Hemoglobin Ka Mukhya Karya Kya Hai निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में Hemoglobin Kya Hai, Hemoglobin Ka Mukhya Karya Kya Hai, हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर, हीमोग्लोबिन की अधिकता से नुकसान और हीमोग्लोबिन के मुख्य स्त्रोत इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: हीमोग्लोबिन क्या है?

उत्तर: हमारे शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन अणु को हीमोग्लोबिन कहते है।

प्रश्न: हीमोग्लोबिन के कार्य क्या क्या है?

उत्तर: हीमोग्लोबिन का मुख्य कार्य शरीर के उत्तकों तक फेफड़ों से ऑक्सीजन को लेकर पहुंचाना तथा फिर उत्तकों से कार्बन डाई आक्साइड को लेकर फेफड़ों तक ले जाना है।

प्रश्न: हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर कितना है?

उत्तर: रक्त के 100 मिली के आधार पर हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य है या नही इसका पता लगाया जाता है। हीमोग्लोबिन मापते समय चिकित्सीय परीक्षण के दौरान 100 मिली को 1 डेसीलीटर से व्यक्त किया जाता है। यहां से देखे– (यहां से देखे सामान्य स्तर)