हुंडी क्या है, हुंडी किसे कहते है, हुंडी के कितने प्रकार होते है, हुंडी का मतलब क्या होता है, हुंडी की विशेषता क्या है
अगर आपको भी यह जानना है की आखिर ये हुंडी क्या है इसका किन किन जगहों पर उपयोग होता है, तो आप बिलकुल सही जगह पर आए है। आज हम अपने इस आर्टिकल द्वारा आपके इसी सवाल का जवाब बड़े विस्तार से देने वाले और साथ ही आपको इसके बारे में समझाना भी हमारा लक्ष्य है जिससे आपको इस शब्द हुंडी के बारे में पूरी जानकारी मिल पाए। तो चलिए जानते है की हुंडी क्या है, हुंडी के कितने प्रकार, हुंडी की विशेषता और इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से, आगे जरूर पढ़े।
हुंडी क्या है
हुंडी बिना शर्त के लिखा जाने वाला एक प्रकार का लिखित आज्ञा पत्र है, जिसमे पत्र लिखने वाले व्यक्ति के द्वारा हुंडी में लिखित धनराशि भुगतान करने का आदेश किसी अन्य व्यक्ति को दिया जाता है।
अगर सरल शब्दों में समझे तो हुण्डी स्थानीय भाषा में जाने वाला शर्तरहित यानी बिना शर्त के लिखा जाने वाला आज्ञा पत्र है, जिसमे एक व्यक्ति को यह आदेश दिया जाता है, कि वह हुण्डी में लिखे व्यक्ति या फिर उसके द्वारा आदेशित किसी भी व्यक्ति को या फिर धारक की हुण्डी में लिखित निश्चित अवधि पर भुगतान कर दिया जाना चाहिए।
हुंडी की विशेषताएं
हम उम्मीद करते की आप अब अच्छे से जान गए होंगे की हुंडी किसे कहते है या हुंडी क्या है। आइए अब जानते है हुंडी की विशेषताएं क्या क्या है, आगे जरूर पढ़े।
- हुंडी स्थानीय भाषा में लिखा जाता है जिससे हर एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा इसे समझा जा सके।
- हुंडी बिल्कुल शर्तरहित होता है।
- हुंडी लिखित रूप में होता है।
- हुंडी में लिखने वाले का हस्ताक्षर होता है।
- इसका भुगतान इसके धारक या फिर लिखने वाले के
- द्वारा आदेशित व्यक्ति को किया जाता है।
हुंडी के प्रकार
आइए अब नजर डालते है हुंडी के प्रकार के बारे में जिसको हम नीचे विस्तार से आपको बताने वाले है। हुंडी मुख्यत 7 प्रकार के होते है तो चलिए जानते है की वो कौन कौन से हुंडी है इसके बारे में विस्तार से जानते है।
1. दर्शनी हुण्डी :- यह मांग-बिल की तरह होता है, जो भुगतान के समय माँग पर तुरंत देना होता है। ये उसी तरह है जो हमने विनिमय विपत्र में पढ़ा है।
2. मुद्दती हुण्डी :- इस साख-पत्र का भुगतान एक निश्चित समय के अंतराल पर देय होता है, इसी कारण इसे मुद्दती हुण्डी कहते हैं |
3. शहजोग हुण्डी :- यह हुण्डी किसी विशेष व्यक्ति यानी किसी विशेष प्रतिष्ठित व्यक्ति को लिखा जाता है और उसी को भुगतान करना होता है।
4. फरमानजोग हुण्डी :- यह हुण्डी ठीक आदेश-पत्र की तरह होता है । जिसका भुगतान हुंडी पर लिखित व्यक्ति को या उसके आदेशित व्यक्ति को दिया जाता है।
5. नामजोग हुण्डी :- यह एक ऐसा हुण्डी होता है, जिसमे प्राप्त करनें वाले का नाम लिखा होता है और हुण्डी में लिखित व्यक्ति को ही इसका भुगतान किया जाता है।
6. धनजोग हुण्डी :- इस हुण्डी की यह विशेषता है, कि यह हुण्डी जिसके कब्जे में होता है, उसी को भुगतान प्राप्त करने का अधिकार होता है। इसका मतलब यह हुआ की अगर हुंडी कही खो जाए और किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाए तो अब उसको ही भुगतान प्राप्त होगा।
7. जोखिम हुण्डी :- इस प्रकार की हुण्डी का इस्तेमाल माल का बीमा करने या रकम दिलाने के दोहरे उद्देश्य से लिखा जाता है | इस प्रकिया में माल भेजने वाला व्यापारी एक हुण्डी लिखता है, जिसे कोई और व्यापारी खरीद लेता है । यह एक प्रकार से सुरक्षित माल पहुँचाने की जोखिम का बीमा है।
हुंडी का उपयोग
हुण्डी का प्रयोग स्थानीय स्तर के व्यापारी अपनी व्यापारिक आवश्यकताओं के अनुसार करते रहते हैं | यह मात्र एक ऐसा साख-पत्र है जो स्थानीय भाषा में लिखा जाता है | विनिमय- साध्य अभिलेख अधिनियम 1881 में हुण्डी के सन्दर्भ में कोई प्रावधान नहीं है । मध्यकालीन भारत में इस साख-पत्र का प्रचलन माना जाता है |
हुंडी क्या है निष्कर्ष:
आज हमने इस लेख में हुंडी क्या है, हुंडी के कितने प्रकार, हुंडी की विशेषता और इसके बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई। यदि आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तो और परिवार के साथ सोशल मीडिया में जरुर साझा करे। इससे जुड़ी और भी जानकारी और इसमें आने वाले अपडेट की जानकारी के लिए इस लेख से अवश्य जुड़े।
FAQs
प्रश्न: हुंडी किसे कहते है?
उत्तर: हुंडी बिना शर्त के लिखा जाने वाला एक प्रकार का लिखित आज्ञा पत्र है।
प्रश्न: हुंडी किस भाषा में लिखी जाती है?
उत्तर: हुंडी हमेशा उस जगह के स्थानीय भाषा में लिखी जाती है जहा इसका उपयोग किया जाना है।
प्रश्न: हुंडी के कुल कितने प्रकार होते है?
उत्तर: हुंडी मुख्यत 7 प्रकार की होती है। जिसका उल्लेख हमने इस आर्टिकल में किया है।