पेसा कानून क्या है – जानिए क्या है PESA Act की विशेषता

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देखा जाएं तो भारत में चल रहे आधुनिक विकास की परिकल्पना ने अगर किसी को अधिक प्रभावित किया है तो वो है देश के जनजातीय या आदिवासी लोग, जो लगातार बेदखली का शिकार हुए है। अपने जल-जंगल-जमीन से लगातार बेदखली के कारक आदिवासियों के जीवन में हमेशा संकट बना रहता है। भारतीय संविधान के 73 वें संशोधन में देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन बाद में यह एहसास हुआ कि एक समुदाय क्षेत्र यानी आदिवासी क्षेत्रों की आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखा गया है।

तो इस कमी को देखते हुए संविधान के भाग 9 के अन्तर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में विशिष्ट पंचायत व्यवस्था लागू करने के लिए पेसा कानून को बनाया गया। लेकिन बहुत से लोगो में मन में यह बात चल रही होगी की आखिर यह पेसा कानून क्या है ? तो चलिए जानते कि पेसा कानून क्या है, पेसा कानून का पूरा नाम (PESA Act Full Name), पेसा कानून 1996 के उद्देश्य, पेसा कानून की विशेषता/प्रावधान की पूरी जानकारी आज हम इस लेख के माध्यम से देने जा रहे है। अतः इसे अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

पेसा कानून का संक्षिप्त विवरण

पेसा कानून का पूरा नामपंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) कानून
कब लागू हुआ24th Dec, 1996
उद्देश्यस्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार देना
किसके लिए बनाया गयाभारत के आदिवासी लोग
पेसा कानून क्या है - जानिए क्या है पेसा एक्ट की विशेषता

पेसा कानून क्या है (PESA Act In Hindi)

अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ग्राम सभाओं (ग्राम विधानसभाओं) के माध्यम से सामुदायिक संसाधन जैसे जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार प्राप्त हो जाता है यानी प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को भी स्वीकार करता है। इस कानून को पेसा कानून कहा जाता है।

आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार और अन्याय से उनके अंदर असंतोष की भावना थी जो लगातार बढ़ रही थी, जिसके कारण सरकार पर भी इसका दबाव बन रहा था। जिसको देखते हुए संसद ने दिसंबर, 1996 में पेसा कानून दोनो सदनो में पारित किया था और इसे 24 दिसंबर को राष्टपति की सहमति प्राप्त कर लागू किया गया था। देश के 10 राज्यो में यह कानून लागू है। आज के समय में इन्ही 10 राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान में यह कानून लागू है।

पेसा कानून का पूरा नाम (PESA Act Full Form)

पेसा कानून का पूरा नाम ‘पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) कानून’ है। PESA का संक्षिप्त नाम (The Provisions on the Panchayats Extension to the Scheduled Areas Bill) भी है।

पेसा कानून 1996 के उद्देश्य

पेसा कानून के लागू या बनाने के कुछ उद्देश्य है जिन्हे आपको जरूर पढ़ना चाहिए जो कि निम्न है:–

  • संविधान के भाग 9 यानी जो पंचायत के कार्यों से जुड़ा हो, को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार लाना और जनजातियों की स्वयं शासन के अधिकारों का स्पष्टीकरण करना है। जिसका उल्लंघन या हस्तक्षेप करने की ताकत राज्यों के पास भी न हो।
  • जनजातीय या आदिवासी लोगो को स्वशासन प्रदान करने का उद्देश्य है।
  • पारंपरिक परिपाटियों की अनुकूलता में उपयुक्त प्रशासनिक ढाँचा विकसित करना।
  • ग्राम सभाओं (ग्राम विधानसभाओं) को सभी गतिविधियों का केंद बनाने का उद्देश्य है।
  • उच्च स्तर के पंचायतों को निचले स्तर की ग्राम सभा या ग्राम विधानसभा की ताकतों और उनके अधिकारों को छिनने से रोकना।Uv

पेसा कानून की विशेषता/प्रावधान (Features of PESA Act)

पेसा कानून की कुछ विशेषताएं है जो निम्नलिखित है:–

  • जनजातीय समाजों की ग्राम सभाओं को अत्यधिक ताकत दी गई है।
  • प्रत्येक गाँव में एक ग्राम सभा होगी।
  • प्रत्येक ग्राम सभा सामाजिक एवं आर्थिक विकास के कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं को स्वीकृति देगी।
  • संविधान के भाग 9 के पंचायतों से जुड़े प्रावधानों को ज़रूरी संशोधनों के साथ अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने का लक्ष्य है।
  • गरीबी उन्मूलन और अन्य कार्यक्रमों के लिये लाभार्थियों को
  • चिन्हित करने तथा चयन के लिये भी ग्राम सभा ही उत्तरदायी होगी।

निष्कर्ष

आज हमने इस लेख में पेसा कानून क्या है, पेसा कानून का पूरा नाम (PESA Act Full Name), पेसा कानून 1996 के उद्देश्य, पेसा कानून की विशेषता/प्रावधान की पूरी जानकारी के बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई। यदि आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तो और परिवार के साथ सोशल मीडिया में जरुर साझा करे। इससे जुड़ी और भी जानकारी और इसमें आने वाले अपडेट की जानकारी के लिए इस लेख से अवश्य जुड़े रहे।

FAQs

प्रश्न: ‘पेसा’ क्या है?

उत्तर: संविधान की 5वीं अनुसूची में दर्ज़ क्षेत्रों, जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक आबादी जनजातीय समुदायों की है, जिनमे पंचायतों का अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार संबंधी कानून लागू है जिसे ‘पंचायत एक्सटेंशन ओवर शिड्यूल्ड एरियाज़ एक्ट, 1996’ (PESA) कहते हैं।

प्रश्न: PESA का संक्षिप्त नाम क्या है?

उत्तर: पेसा कानून का पूरा नाम ‘पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) कानून’ है।

प्रश्न: पेसा कानून कितने राज्यों में लागू है?

उत्तर: आज के समय में इन्ही 10 राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान में यह कानून लागू है।

प्रश्न: राजस्थान ‘पेसा’ नियम कब से लागू हुआ?

उत्तर: राजस्थान ‘पेसा’ नियम 2 नवम्बर 2011 से गज़ट अधिसूचना के बाद लागू हुआ।