Shami Patra Kya Hota Hai – Shami Patra Sawan In Hindi

Shami Patra Kya Hota Hai | Sawan 2022 Shami Patra | Shami Patra In Hindi | Shami Patra Image | शमी पत्र चढ़ाने का तरीका | शमी पत्र क्या होता है | शमी पत्र चढ़ाने का मंत्र | शमी पत्र के फायदे

हमारे देश में लोगो का पूजा पाठ में, आस्था बहुत ही ज्यादा है। सावन में हर साल भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। इसके लिए पूरे विधि विधान से शिवलिंग का अभिषेक भी होता है। अभिषेक के दौर मदार के फूल, बिल्व पत्र, शमी पत्र आदि कई चीजों को मिला कर भगवान शिव जी का अभिषेक किया जाता है और साथ में कई मंत्रों का उच्चारण भी किया जाता है।

लेकिन बहुत लोगो को शमी पत्र के बारे में ठीक से ज्ञात नही होता है कि आखिर ये Shami Patra Kya Hota Hai, शमी पत्र का शिवलिंग अभिषेक क्यों किया जाता है, शमी पत्र की पौराणिक मान्यता क्या है, शिव जी को शमी पत्र चढ़ना क्यों जरूरी है इत्यादि चीजों के बारे में आज हम इस लेख में चर्चा करेगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

Shami Patra Kya Hota Hai

शमी पत्र क्या होता हैShami Patra Kya Hota Hai

शमी के पौधे के पत्ते को Shami Patra कहा जाता है। अगर शमी के पौधे की बात करे तो हर पौधे के अंदर एक खास गुण होता है या कोई खास बात जरूर होती है। ऐसा ही यह एक पौधा है, जिसको पूजा अर्चना के लिए इसके पत्ते का खास इस्तेमाल किया जाता है। जिसे Shami Patra कहते है। शमी के वृक्ष का धार्मिक रूप से बहुत महत्व होता है। शमी का पौधा जीवन की परेशानियों और तमाम पीड़ाओ से भी मुक्ति प्रदान करने का कार्य करता है।

शिवपुराण के अनुसार अगर भगवान शिव जी की पूजा में शमी के पौधों के पत्तों को भी साथ में अर्पित किया जाए तो ऐसे में भगवान बहुत ही खुश होते है और भक्तों की मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण करते है। साथ ही Shami Patra अर्पित करने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

Shami Patra की पौराणिक मान्यता क्या है

पौराणिक मान्यताओं की बात करे तो शमी के वृक्ष के पत्ते यानी Shami Patra को भगवान शिव को अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ग्रंथों के अनुसार शमी के पेड़ो को बहुत ही शुभ माना जाता है। Shami Patra को भगवान शिव के अलावा अन्य भगवान जैसे गणेश जी और शनिदेव को भी चढ़ाया जाता है। Shami Patra गणेश जी और शनिदेव को भी बहुत प्रिय है। नवरात्रि में भी मां दुर्गा की पूजा शमी वृक्ष के पत्तों यानी शमी पत्र से करने की पौराणिक मान्यता है।

मान्यता है कि भगवान श्री राम ने जब रावण का संहार किया था तो संहार के बाद जब वह अयोध्या लौटे थे तो भगवान श्री राम ने शमी के वृक्ष की पूजा की थी। वही दूसरी कथा में मान्यता है कि महाभारत में कौरवों से जुएं में हारने के बाद पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास मिला था। तब पांडवों ने अपने अपने अस्त्र शस्त्र को शमी के वृक्ष में छिपा दिया था। इसलिए Shami Patra का महत्व धार्मिक रूप में अधिक है।

सावन में Shami Patra चढ़ाने से क्या लाभ होगा (Sawan 2022 Shami Patra)

सावन का महीना भगवान शिव का बहुत ही खास और प्रिय महीना माना जाता है। क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव का बहुत ही प्रिय है। इस दिन भगवान शिव जी को खुश करने के लिए भक्त कई तरह के पूजा पाठ करते है। पूरी श्रद्धा और आस्था से भगवान शिव की पूजा करने से भगवान जल्दी ही खुश हो जाते है और भक्तों को मनचाहे इच्छाओ को जल्दी पूर्ण करते है।

सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन शिवलिंग पर भगवान शिव के प्रिय भांग, धतूरा, मदार के फूल, बिल्व पत्र के साथ साथ यदि Shami Patra भी चढ़ाया जाए तो बहुत ही शुभ माना जाता है। ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव को Shami Patra पूरे विधि विधान के साथ अर्पित किया जाए तो इससे भक्तों को इसका फल और भी ज्यादा मिलता है। इसके साथ साथ भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

Shami Patra चढ़ाने का सही तरीका

शिवपुराण के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं की शीघ्र पूर्ति और भक्ति का फल ज्यादा मिलता है। शिव भक्त पूरे साल इस खास महीने का बेसब्री से इंतजार करते है। ऐसे देखे तो सावन में किसी भी दिन भगवान शिव को Shami Patra चढ़ाया जा सकता है लेकिन अगर सावन के सोमवार के दिन Shami Patra चढ़ाया जाए तो इससे पूजा का फल और अधिक प्राप्त होता है।

Shami Patra चढ़ाने का सही तरीका यह है कि सावन के सोमवार के दिन नहाने के बाद शिव मंदिर जाकर अपना मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर करके बैठ जाए। अब इसके बाद कांसे या तांबे या पीतल के लोटे में सफेद चंदन, चावल, गंगाजल आदि मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें। शिवलिंग पर अभिषेक के दौरान ओम नमः शिवाय का मंत्र उच्चारण करें। इसके पश्चात भगवान शिव जी को धूप, दीप और कर्पूर से आरती करें। आरती के बाद अब शिवलिंग पर बिल्व पत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ, चावल, प्रसाद के साथ Shami Patra भी चढ़ाएं। Shami Patra चढ़ाने के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करना बहुत शुभ रहेगा जो कि अगले हेडिंग में नीचे दी गई है:–

Shami Patra चढ़ाने समय इस मंत्र का उच्चारण

Shami Patra अर्पित करने के समय इस मंत्र का अगर उच्चारण करे तो और भी शुभ होगा जो निम्न है:–

अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।

Shami का पौधा लगाने की सही दिशा और लाभ

मान्यता है कि यदि घर पर शमी का वृक्ष लगाया जाए तो इससे देवी-देवताओं की कृपा हमेशा बनी रहती है और घर सुख-समृद्धि से संपन्न रहता है। शमी का पौधा घर में लगाने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर शमी के पेड़ की पूजा नियमित रूप से की जाए और साथ ही अगर शमी के पेड़ के नीचे एक सरसो के तेल का दिया जलाया जाए तो इससे घर पर महादेव की कृपा हमेशा बनी रहती है और महादेव आने वाले दुखों से रक्षा भी करते है। इसके अलावा शनिजन्य दोष से मुक्ति भी प्रदान करते है।

यदि आप शमी के पौधे को गमले में लगाते है तो ऐसे में घर के उत्तर दिशा या ईशान कोण में शमी का पौधा लगाना लाभकारी होता है। अगर आप शमी के पेड़ को जमीन में लगा रहे है तो दक्षिण दिशा में लगाना सही माना जाता है।

Shami Patra Kya Hota Hai निष्कर्ष:

आज हमने इस आर्टिकल में Shami Patra Kya Hota Hai तथा इससे जुड़े सभी खबरों के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: शमी पत्र क्या होता है?

उत्तर: अगर भगवान शिव जी की पूजा में शमी के पौधों के पत्तों यानी शमी पत्र को भी साथ में अर्पित किया जाए तो ऐसे में भगवान बहुत ही खुश होते है और भक्तों की मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण करते है। साथ ही शमी पत्र अर्पित करने वाले भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

प्रश्न: शमी पत्र का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर: राजस्थान में शमी वृक्ष को खेजड़ी के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न: शमी पत्र कौन से भगवान को चढ़ाए जाते हैं?

उत्तर: शमी पत्र को भगवान शिव के अलावा अन्य भगवान जैसे गणेश जी और शनिदेव को भी चढ़ाया जाता है। नवरात्रि में भी मां दुर्गा की पूजा शमी वृक्ष के पत्तों यानी शमी पत्र से करने की पौराणिक मान्यता है।

प्रश्न: शमी पत्र चढ़ाने से क्या होता है?

उत्तर: अगर सावन के सोमवार के दिन शमी पत्र चढ़ाया जाए तो इससे पूजा का फल और अधिक प्राप्त होता है।

प्रश्न: शमी का पौधा छत पर लगा सकते हैं क्या?

उत्तर: यदि आप शमी के पौधे को गमले में लगाते है तो ऐसे में घर के उत्तर दिशा या ईशान कोण में शमी का पौधा लगाना लाभकारी होता है।

प्रश्न: शमी पत्र चढ़ाने का मंत्र क्या है?

उत्तर: अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।