PCR Kya Hai – पीसीआर का पूरा नाम, उपयोग, चरण और उद्देश्य

दोस्तों दुनिया के अंदर समय समय पर बहुत से बदलाव हुए हैं। जिसको लेकर नई नई तकनीकी का अविष्कार होता चला गया है और उन तकनीकों का इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए भरपूर किया जा रहा है। ऐसे ही एक तकनिकी का नाम PCR है। जिसका अविष्कार अमेरिकी बायोकेमिस्ट के एक शख्स के द्वारा किया गया था। इस तकनीक का इस्तेमाल करोना काल में कोरोना संक्रमण को पता लगाने के लिए अधिकतर पीसीआर तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। आज हम अपने आर्टिकल में PCR क्या है, PCR का उपयोग कैसे करें, PCR के चरण क्या है, PCR के घटक क्या है, इन सब विषय के ऊपर प्रकाश डालेंगे। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें और पीसीआर से संबंधित पूरी जानकारी को प्राप्त करें।

PCR Kya Hai - पीसीआर का पूरा नाम, उपयोग, चरण और उद्देश्य

PCR Kya Hai

दोस्तों पीसीआर एक ऐसी तकनीक है। जो चेन रिएक्शन के अंतर्गत अपने काम को पूरा करती है। जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक डीएनए की खंड प्रतियां बनाने के लिए किया जात हैं। यह एक खास तरह की प्रयोगशाला तकनीक है। जिसे Gene संवर्धन के रूप में किया गया। पीसीआर का फुल नाम Polymerase Chain Reaction है। जिसे हिन्दी में पोलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया भी कहा जा है।

वर्ष 1984 में “कैरी मुलिस” ने सबसे पहले पीसीआर को डवलप किया था। उन्होंने इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऐसे विलुप्त या कहें खंड हुए डीएनए के ऊपर किया। जिसके बाद उस डीएनए के कई लाख गुना प्रतियां तैयार की गई।
इस तकनीक की खासियत यह है कि इसमें Gene संवर्धन करने के लिए किसी कोशिकाओं के अंदर डालने की जरूरत नहीं पड़ती और ना ही कोशिका में कोई क्लोन बनाने की जरूरत होती है। पीसीआर तकनीक की मदद से वांछित डीएनए खंड की बहुत ही कम समय में एकदम से कई गुना प्रतियां तैयार की जा सकती है।

PCR के चरण (Steps)

दोस्तों पीसीआर तकनीक को करने के तीन प्रमुख चरण है. जिसके तहत पीसीआर तकनीक को किया जाता है और डीएनए खंड की प्रतियां तैयार की जाती है. इसके बारे में नीचे आपको विस्तार से बताएंगे.

  • Denaturation
  • Renaturation Or Primer Annealing
  • Synthesis

Denaturation

पहले चरण में पीसीआर तकनीक के अनुसार वांछित डीएनए को 94 डिग्री सेल्सियस तक पर तरकीबन 1 मिनट तक गर्म किया जाता है। जिसके उपरांत डीएनए के दोनों रज्जुकों का आपसी एच बंद टूट कर बिखर जाता है। जिसके बाद रज्जुकों अलग-अलग खंड बन जाता है। इस तरह पहले चरण की प्रक्रिया पूर्ण रूप से प्रयोगशाला के अंदर की जाती है।

Renaturation Or Primer Annealing

दूसरे चरण के अंतर्गत खंड डीएनए को 55 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक तरकीबन डेढ़ मिनट तक ठंडा किया जाता है। ठंडा होने के बाद अलग-अलग अखंड बने हुए डीएनए के दोनों सिरों के ऊपर एक प्राइमर को जोड़ दिया जाता है।

Synthesis

तीसरे चरण की शुरुआत में खंड डीएनए के मिश्रण को 72 डिग्री सेल्सियस तक टैक पोलीमरेज द्वारा न्यूक्लियोटाइड्स को तरकीबन 1 मिनट तक जोड़ा जाता है।

इस तरह आप देख सकते हैं कि 4 से 5 मिनट के अंतराल के बीच में पीसीआर तकनीक के तहत डीएनए का एक चक्कर पूरा होता है और अपने एक चक्कर के तहत तीन चरण को पूरा करने के उपरांत डीएनए की प्रक्रिया दोगुनी होती चली जाती है। इस तरह पीसीआर की तकनीक के तहत डीएनए खंड की प्रतियां को बहुत ही कम समय में कई गुना लाख तक बढ़ाया जा सकता है।

PCR के उपयोग (Uses)

PCR तकनीक का उपयोग निम्नलिखित कुछ तरीकों से किया जा सकता है। जिसके बारे में हम नीचे बताएंगे।

  • PCR तकनीक की मदद से हम शरीर के अंदर खून सीरम के तहत छोटे से छोटे रोग को भी पता लगाने के लिए कर सकते हैं।
  • PCR तकनीक की मदद से किसी भी गर्भाशय के तहत भ्रूण के लिंग सीमांकन करने के साथ लिंग से संबंधित किसी भी तरह की आ रही दिक्कतों या विकारों का भी पता लगा सकते हैं।
  • PCR तकनीक की मदद से अलग किये हुए जीवों के डीएनए खंड से पीसीआर चरण के तहत कई गुना प्रतियां तैयार की जा सकती है या कहें प्राप्त की जा सकती है।
  • PCR तकनीक की मदद से हम अन्य प्रकार के भी रोगों का पता लगा सकते हैं।
  • PCR तकनीक की मदद से हम डीएनए की भी जांच कर सकते हैं अर्थात डीएनए का भी पता लगा सकते हैं।
  • PCR तकनीक का इस्तेमाल हम मैपिंग जीन के लिए भी कर सकते हैं।
  • PCR तकनीक का इस्तेमाल हम फॉर रेसिंग चांस के तहत और कृषि जैविक प्रौद्योगिक और वैज्ञानिक निदान के लिए भी किया जा सकता है।

PCR के उद्देश्य

दोस्तों PCR टेक्निक का मुख्य उद्देश्य यह है कि बहुत ही कम समय में विशेष प्रकार के वांछित डीएनए खंड के हजारों से लाखों, लाखों से अरबों, अरबों से खरबों का डीएनए खंड की प्रतियां तैयार की जाती है। जिसके बाद उन पर विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जाए। इसी सोच के साथ कैरी मुलिस ने पीसीआर तकनीक को विकसित किया था जो आज के दौर में मील का पत्थर साबित हो रही है।

PCR के घटक (Component)

दोस्तों जहां तक पीसीआर के घटकों की बात करें तो PCR प्रक्रिया को करने के लिए पांच प्रमुख घटक होते हैं।

  • ओलिगोन्युक्लियोटाइड प्राइमर
  • Taq Polymerase
  • Target DNA
  • DNTP डीऑक्सी न्यूक्लियोटाइड
  • Mg2+ आयन (Co-factor)

इन सभी घटकों को मिलाकर एक मिश्रण बनाकर ट्यूब के अंदर डाल दिया जाता है। फिर उस मिश्रण को उच्च तापमान के अनुकूल लाया जाता है। फिर उसे ठंडा किया जाता है। इस तरह वंचित डीएनए खंड की प्रतियां को तैयार किया जाता है।

PCR Kya Hai निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में PCR क्या है, PCR का उपयोग कैसे करें, PCR के चरण क्या है, PCR के घटक क्या है इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs:

Q. पीसीआर का पूरा नाम क्या है?

Ans. पीसीआर का पूरा नाम Polymerase Chain Reaction है.

Q. पीसीआर में कौन सा एंजाइम प्रयुक्त होता है?

Ans. टेक पॉलीमरेज एंजाइम.

Q. पीसीआर के उद्देश्य क्या है?

Ans. डीएनए खंड के हजारों से लाखों, लाखों से अरबों, अरबों से खरबों का डीएनए खंड की प्रतियां तैयार की जाती है। जिसके बाद उन पर विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जाए.