कॉर्नफ्लोर और कॉर्नफ्लोर मील या मक्के का आटा क्या है, इसके फायदे एवं उपयोग, कॉर्नफ्लोर मील या मक्के का आटा और कॉर्न फ्लोर में अंतर ( Cornflour Benefits and Uses, difference between Cornflour or cornmeal flour in Hindi, Ararot)
Cornflour का नाम सुनते ही दिमाग़ में सबसे पहले यही बात आती होगी कि Corn flour kya hota hai, ज्यादातर लोग Corn ka मतलब मक्का समझते है और Flour का मतलब आटा, अगर दोनो शब्दों को मिलाकर देखा जाए तो मक्के के आटे को ही Cornflour कह सकते है ।
हां यह कुछ तक हद ठीक है लेकिन मक्के के आटे को आप पूरी तरह से Corn Flour नही कह सकते, असल में Cornflour मक्के के आटे का स्टार्च रूप होता है, जिसे Cornflour कहते हैं । अब आप के मन में एक प्रश्न आ रहा होगा की Cornflour और मक्के के आटे में क्या अंतर है और Cornflour कैसे बनता है? तो आइये इनके बारे में आगे जानते है ।
कॉर्नफ्लोर मील (Cornflour Meel) और कॉर्न फ्लोर (Cornflour) में क्या अंतर है?
कई प्रकार के अनाजों की खेती दुनिया भर में होती है। जिसमें कई प्रकार के पोषक तत्त्व पाए जाते है जो हमारे शरीर की वृद्धि को बढ़ाने में बहुत उपयोगी साबित होते है। इन अनाजों का अलग अलग तरीके से उपयोग भी होता है जिनके विभिन्न फायदे भी है। इनमें से एक मक्का भी है।
Cornmeal Flour Kya Hota Haiमक्के का आटा (Cornmeal flour) कहते है जो मोटा या बारीक होता है।
Corn Flour Kya Hota Hai
Corn flour (कॉर्न फ्लोर) या Corn starch ( Corn starch) जोकि मक्के का स्टार्च होता है। Corn flour, मक्के के दानों से छिलका निकाल कर पीसकर बनाया जाता है यह एक चिकना पाउडर के समान होता है ।
White Corn Flour Meaning In Hindi
कॉर्नफ्लोर या कॉर्नस्टार्च को ही White Corn Flour कहते है जैसे की हमने पहले भी बताया है कि ये एक चिकना पाउडर के रूप में होता है।
कॉर्नफ्लोर के उपयोग (Uses of Cornflour)
कॉर्न फ्लोर का उपयोग खाने के व्यंजनों में मुख्य तौर से किया जाता हैं । इसके साथ ही मेडिकल उत्पादों और चिकित्सा संबंधी क्षेत्रों में भी इसका उपयोग किया जाता है। कॉर्न फ्लोर का उपयोग और कहां कहां होता है ये भी जाने –
- रसोई घर में अलग अलग तरह के व्यंजनों को बनाने में इसका उपयोग होता है।
- किसी प्रकार के रसा को गाढ़ा बनाने में कॉर्न फ्लोर की मदद लेनी पड़ती है जोकि कुछ अलग तरीके के व्यंजनों जैसे की पोहा, आलू की टिक्की के साथ खाने में प्रयोग होने वाली चीजे जैसे कि सॉस, स्टेव, सूप इत्यादि में भी कॉर्न फ्लोर का उपयोग होता है।
- दूध को गाढ़ा करने में कॉर्न फ्लोर की मदद ली जाती है जिससे बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन जैसे की आइसक्रीम आदि बनाए जाते है।
- कॉर्न फ्लोर का उपयोग डीप फ्राई फूड जैसे कटलेट, कोफ्ता, रसमलाई, गुलाब जामुन, हलवा, छेना इत्यादि व्यंजनों को बाधने में भी इसका उपयोग होता है। ये व्यंज के स्वाद को भी बढ़ाता है।
- बहुत लोग अरारोट और कॉर्न फ्लोर को एक ही मानते है हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है लेकिन हां दोनो का काम एक जैसा ही है। कॉर्न फ्लोर को अरारोट का सब्सटीट्यूट
कहते भी है क्योंकि चीनी के पाउडर में Corn flour को एंटी-कैकिंग नामक एजेंट की तरह सम्मलित किया जाता है। - डिसर्ट, पाई, टार्ट आदि बनाने के लिए कॉर्नस्टार्च का उपयोग सेंकने से पहले फलों को कोट करने में किया जाता है। फलों के रस में कॉर्नस्टार्च की पतली परत धुली होती है और बेक करती है।
- कटे हुए पनीर को कॉर्नस्टार्च के पतले घोल के साथ लपेटा जाता है। घोल की वजह से यह बिखरता नही है बंधा रहता है जिससे की कटे हुए पनीर को आसानी से सेंका जा सके और हर तरफ से कटा हुआ पनीर अच्छे से सिक सके।
- कॉर्नस्टार्च या कॉर्नफ्लोर का उपयोग एयरबैग और बायोप्लास्टिकस बनाने में किया जाता है । रसोई घर में बनने वाले व्यंजनों के अलावा कॉर्नस्टार्च का उपयोग बेबी पाउडर में भी किया जाता है।
- चिकित्सा के क्षेत्र में भी कॉर्नस्टार्च का महत्वपूर्ण उपयोग है। मेडिकल उत्पाद जैसे डायाफ्राम, कंडोम, मेडिकल ग्लव्स कॉर्नस्टार्च के द्वारा, प्राकृतिक लेटेक्स से बने होते है। जिसमें एंटी-स्टिक एजेंट होता है।
- जिन लोगो को ग्लाइकोजन स्टोरेज नामक डिजीज है उनके ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस रखने में कॉर्नफ्लोर काफी मददगार साबित होता है। इसमें शरीर में ग्लूकोस को पहुंचाने का गुण होता है। मुख्य रूप से कॉर्न फ्लोर का उपयोग 6 से 12 वर्ष में ही कर देना चाहिए जिससे की ग्लूकोस के उतार चढ़ाव पर अंकुश लगा सके।
इसी प्रकार हम कॉर्न फ्लोर का उपयोग अपने रोजमर्रा की जिदंगी में करते है ।
कॉर्नफ्लोर में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrition Value in Cornflour)
क्रम संख्या | पोषक तत्व | पोषक तत्वों की मात्रा |
---|---|---|
1. | एनर्जी | 44 कैलोरीज |
2. | प्रोटीन | 1.1 ग्राम |
3. | कार्बोहाइड्रेट | 9.1 ग्राम |
4. | फैट | 0.5 ग्राम |
5. | फाइबर | 1.2 ग्राम |
6. | विटामिन बी 1 (थियामाइन) | 0.17 mg |
7. | विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) | 0.09 mg |
8. | विटामिन बी 3 (नियासिन) | 1.17 mg |
9. | फोलेट विटामिन बी 9 | 27.9 mcg |
10. | कैल्शियम | 16.9 mg |
11. | आयरन | 0.86 mg |
12. | मैग्नीशियम | 13.2 mg |
13. | फॉस्फोरस | 26.7 mg |
14. | जिंक | 0.22 mg |
15. | पोटैशियम | 35.7 mg |
कॉर्नफ्लोर के फायदे (Benefits of Cornflour)
• कॉर्नफ्लोर वही लोग रखते है जो मैदा और सूजी अर्थात् गेहूं से बने उत्पाद नहीं रख पाते जो ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं होते उनके पास कॉर्नफ्लोर ही विकल्प होता है क्योंकि कॉर्नफ्लोर ग्लूटेन फ्री होता है।
• कॉर्नफ्लोर में पॉलीफेनोल्स एंटीओक्सिडेंट पाया जाता है। इसमें हाई लेबल के एंटीओक्सिडेंट होते है जो शरीर के सूजन को कम करने और विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सहायता करता है।
- कॉर्नफ्लोर में अधिक मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है। प्रत्येक बड़ी चम्मच में लगभग 1 ग्राम फाइबर पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है।
कॉर्नफ्लोर से होने वाले नुकसान (Effects of Cornflour)
• मक्के में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और रेसिस्टेंट स्टार्च अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि शरीर के सभी ऑर्गन को सुचारु रूप से चलाने में बहुत लाभकारी माना जाता है लेकिन ऐसा तभी संभव है जब मक्के को सही ढंग से नेचुरल तरीके से उगाया जाए क्योंकि बाजार में मिलने वाले मक्के ज्यादातर नेचुरल नही रहते उनको संशोधित किया गया होता है और साथ ही उसपे हानिकारक कीटनाशकों के छिड़काव भी किये जाते हैं जो कि स्वास्थ के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता हैं। एक शोध से पता चला है कि मानव निर्मित कॉर्न सिरप में फ्रक्टोस की मात्रा काफी अधिक पायी जाती है। इसके सेवन से कैंसर, फैटी लीवर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ सकता है।
• कॉर्नफ्लोर में कैलोरीज और कार्बोहाइड्रेट अधिक लेबल में होता है जो की फैट को बढ़ावा देता है। अधिक कार्बोहाइड्रेट होने के कारण ये डायबिटीज के मरीज के शरीर में ब्लड ग्लूकोज के लेबल को तुरंत बढ़ा देता है जो बाद में फैट बन जाता है। डायबिटीज और मोटापा कम करने वाले डाइट में इसी कारण इसे शामिल नहीं किया गया है।
• यह शरीर में एलडीएल जो एक खराब कोलेस्ट्रॉल होता है कॉर्नफ्लोर का अधिक सेवन करने से इसका स्तर बढ़ जाता है और अगर शरीर में इसका ऑक्सीकरण हो जाए तो एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकता है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक हृदय संबंधी रोग है जो हृदय की धमनियों में प्लाक बनाने लगता है। कॉर्नफ्लोर का सेवन अधिक मात्रा में करने से हृदय संबंधी बीमारी भी हो सकती है।
कॉर्नफ्लोर या कॉर्नस्टार्च को कैसे स्टोर करें? (How to store Cornflour or Cornstarch?)
कॉर्नफ्लोर को सूखी और ठंडी जगह पर एयरटाइट कंटेनर में रखा जाता है क्योंकि कॉर्नफ्लोर नमी को ज्यादा अवशोषित करता है इसी वजह से इसे नमी वाली जगह से दूर रखते है। धूप की सीधी किरणों से इसे बचाया जाता है। यह अधिक तापमान वाली जगह में जल्दी खराब हो जाता है इसलिए इसे ठंडी सील वाले कंटेनर में रखते है जिससे कि यह लंबे समय तक चले और जल्दी खराब ना हो।
ये रही कॉर्नफ्लोर या कॉर्नस्टार्च की पूरी जानकारी, आशा करते है कि इस आर्टिकल से आपको अच्छी तरह समझ में आ गया होगा की कॉर्नफ्लोर क्या होता है और इसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में कैसे होता है ।