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कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय, नारियल की रस्सी का व्यवसाय, कोको पीट का व्यवसाय, कच्चा माल, प्रक्रिया, लागत, लाइसेंस, मार्केटिंग, आवश्यक जगह, लाभ।
कोको पीट एक तरह का खाद होता है। कोको पीट पर्यावरण के लिए लाभकारी होने के साथ साथ यह एंटीफंगल भी है। इसका उपयोग बगीचे, नर्सरी, किचन गार्डन, लॉन्ग गार्डन, हाइड्रोपोनिकस इत्यादि के लिए किया जाता है। यह पौधों के जड़ों के वृद्धि में कारगर साबित होता है। कोको पीट से निकलने वाले फाइबर की सहायता से कॉयर रोप यानी नारियल के रेशे से नारियल की रस्सी बनती है। जिसकी मार्केट में बहुत ज्यादा मांग है।
अगर आप भी अपना खुद व्यवसाय शुरू करना चाहते है तो कोको पीट और कॉयर रोप का व्यवसाय आपके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होगा। क्योंकि इसका कच्चा माल नारियल का वेस्ट(waste) वाला पार्ट होता है। जिसे हम कचरे के रूप में फेक देते है। यह बिल्कुल फ्री होता है इसके लिए कोई पैसे खर्च करने की जरूरत नही होती यह आसानी से प्राप्त हो जाता है। इसको कोकोनट वेस्ट रीसाइक्लिंग बिजनेस (Coconut Waste Recycling Business) भी कहा जाता है।
तो चलिए जानते है कि कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करे Coco Peat And Coir Rope Making Business Plan, कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय, नारियल की रस्सी का व्यवसाय, कोको पीट का व्यवसाय, कच्चा माल, प्रक्रिया, लागत, लाइसेंस, मार्केटिंग, आवश्यक जगह और इससे होने वाले लाभ की पूरी जानकारी आज हम इस लेख में देने जा रहे है। अतः इसे पूरा अंतिम तक जरूर पढ़े।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करे? (Coco Peat And Coir Rope Making Business Plan)
यह व्यवसाय सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देता है। यह एक तरह का रीसाइक्लिंग बिजनेस है। कचरे को रीसाइक्लिंग कर उसका अलग अलग प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए की आपके यहां नारियल का waste या कचरा आपके तरफ कितने मात्रा में आसानी से प्राप्त हो जाता है।
अगर आपके पास रोजाना 2 से 3 टन इसका कच्चा माल यानी नारियल का waste part आपको आसानी से प्राप्त हो जाता है तभी आप इस व्यवसाय को शुरू करने का सोचे। कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय शुरू करना काफी लाभप्रद और आसान है। कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण चीज़ों की आवश्यकता पड़ती है जो निम्न है–
- कच्चा माल (Raw Material)
- आवश्यक जगह (Required Space)
- मशीनरी (Machinery)
- लाइसेंस और पंजीकरण (License And Registration)
- कुल लागत (Total Investment)
- पैकेजिंग (Packaging)
कोको पीट और कॉयर रोप की मार्केट में मांग (Demand)
कोको पीट नर्सरी, गार्डन, पॉट बनाने में, कूलर में, मूर्तियों में, एग्रीकल्चर में इत्यादि जगहों में इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है। इसका उपयोग खाद के रूप ज्यादा होता है। यह मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाती है। कॉयर रोप यानी नारियल की रस्सी कंस्ट्रक्शन, पैकिंग, इत्यादि जगहों में इसका उपयोग होता है। इसलिए इसकी मांग मार्केट में बहुत ज्यादा है।
इसकी मांग इतनी ज्यादा रहती है कि इस व्यवसाय से सम्बन्धित व्यवसायी को अपने मशीनों की संख्या तक बढ़ानी पड़ जाती है। अगर आपके तरफ इस व्यवसाय की प्रतिद्वंदी कम है तो आप इस व्यवसाय में मोटा मुनाफा कमा सकते है। यह व्यवसाय ऐसा है कि इसकी मांग हमेशा रहती है और कभी कम नहीं होती है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय के लिए कच्चा माल (Raw Material)
इस व्यवसाय के लिए अगर कच्चा माल की बात करे तो नारियल या ड्वार्फ को इस्तेमाल करने के बाद उसका जो कचरा होता है उसे ही इस व्यवसाय में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह बिल्कुल फ्री में आपको प्राप्त होता है। इसके लिए कोई पैसे देने की जरूरत नही होती है।
बल्कि कही कही तो कचरे को उठाने के लिए पैसे भी मिलते है। इस व्यवसाय के लिए मुख्य कच्चा माल नारियल को इस्तेमाल करने के बाद उसका जो कचरा होता है वही इस व्यवसाय का कच्चा माल होता है।
कच्चा माल कहां से प्राप्त करे:
इस व्यवसाय के लिए कच्चा माल आपको अपने शहर में ही प्राप्त हो सकता है। आपको कच्चा माल नारियल पानी बेचने वाले से, फलों के दुकान से, मंदिर के पास, हॉस्पिटल के आस पास, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन इत्यादि से रोजाना प्राप्त हो सकता है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय के लिए आवश्यक जगह (Required Space)
इस व्यवसाय में मशीनों को, उनसे बने तैयार प्रोडक्ट को और कच्चे माल को रखने के लिए अच्छे खासे जगह की आवश्यकता पड़ती है। कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय के लिए 4 से 5 स्क्वायर फीट आवश्यक जगह की जरूरत होती है। जिसमें मशीनों के लिए और तैयार हुए प्रोडक्ट को रखने की जगह 2.5 से 3 स्क्वायर फीट की आवश्यकता होती है। 1.5 से 2 स्क्वायर फीट कच्चा माल रखने की जगह की जरूरत होती है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय के लिए मशीनरी (Machinery)
इस व्यवसाय में मशीनों का अहम रोल है। इस व्यवसाय में मुख्यत होने वाले खर्च बस इन्ही मशीनों में होती है। क्योंकि कच्चा माल में कोई खर्च नही आता है। कोको पीट मेकिंग मशीन (Coco Peat Making Machine) को फाइबर एक्सट्रैक्शन मशीन भी कहते है। इस कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय के लिए जो मुख्य 4 मशीनें ही है वो निम्नलिखत है जो इस प्रकार है–
- फाइबर एक्सट्रैक्शन मशीन (Fibre Extraction Machine)
- स्क्रीनिंग मशीन (Screening Machine)
- विलोइंग मशीन (Willowing Machine)
- रोप मेकिंग मशीन (Rope Making Machine)
इसके अलावा भी मशीनें है जिसका उपयोग इससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की पैकिंग और कोको पीट का ब्रिक्स या ब्लॉक बनाने में (Cocopeat Block Making) किया जा सकता है।
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मशीनों की कीमत (Cocopeat Making Machine Price And Rope Making Machine Price) :
अगर इस व्यवसाय के मशीनों की कीमत की बात करे तो चारों मशीनों की कीमत कम से कम 7 से 8.5 लाख रुपए तक में आ आती है।
कहां से खरीदे:
इन मशीनों को आप ऑनलाइन बड़े ही आसानी से खरीद सकते है। इन मशीनों को आप Indiamart, Alibaba इत्यादि वेबसाइटों से आप ऑनलाइन मशीनें मांगा सकते है। जिस वेबसाइट से आप मंगवाते है वहां पर डीलर का फोन नंबर भी दिया होता है। आप उससे कॉन्टेक्ट कर मशीन कैसे काम करती है उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके लिए एक प्रैक्टिकल डेमो भी आपको दिखाया जा सकता है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय में लगने वाला कुल लागत (Total Investment)
इस व्यवसाय में कच्चा माल तो फ्री में प्राप्त हो जाता है लेकिन इसको उठाने और जमा करने में आपको कुछ पैसे खर्च करने पड़ते है। इसके लिए आप दो तीन मजदूर इस कच्चे माल को इक्कठा करने में लगा सकते है। इसमें अगर देखा जाए तो मुख्य लागत इसमें मशीनों पर ज्यादा है।
चारो मशीनों की कीमत को देखते हुए अगर इस कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय में लगने वाला कुल लागत कि बात करें तो इसमें लगभग 8.5 से 9 लाख रुपए तक इस प्लांट को स्थापित करने में खर्च आ सकती है। जिसमें बिजली खर्च, मजदूरी, पैकिंग मशीन और अन्य उपकरण का खर्च शामिल है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने की पूरा प्रक्रिया (Process)
कोको पीट और कॉयर रोप या नारियल की रस्सी को बनाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए किसी कुशल व्यक्ति की जरूरत नहीं है। यह कोई भी एक बार में देख कर सीख सकता है। यह पूरी तरह मशीनों पे आधारित है। तो चलिए जानते है इसकी पूरी प्रक्रिया–
1. सबसे पहले कच्चे माल को फाइबर एक्सट्रैक्शन मशीन (Fibre Extraction Machine) में धीरे धीरे एक एक कर डाला जाता है। कोकोपीट मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया (Cocopeat Manufacturing Process) यहां से शुरू होती है।
2. अब यह दो चीजों को अलग अलग करके बाहर निकलती है। एक तरफ से कोको पीट बाहर निकलता है और मशीन के दूसरी तरफ से फाइबर बाहर निकलता है। इन दोनो से अलग अलग तरह के कई प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जाते है।
3. अब कोको पीट और फाइबर के बाहर निकलने के बाद दोनों को स्क्रीनिंग मशीन (Screening Machine) द्वारा छाना जाता है। जिससे की मौजूद फाइबर और कोकोपीट एक दूसरे से अलग हो सके। कोको पीट बनाने का प्रक्रिया (Cocopeat Making Process) यहां से समाप्त होती है। अलग होने के बाद इस मशीन से फाइन कोको पीट और फाइन फाइबर प्राप्त हो जाता है।
कोको पीट का उपयोग:
अब इस फाइन कोको पीट को पैक करके मार्केट में बेचा जाता है। इसका उपयोग खाद के रूप में टिश्यू कल्चर में, गन्ने की नर्सरी के लिए, मशरूम की खेती में, इत्यादि जगहों में इसका उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है। कोको पीट को कम्प्रेस कर के ब्रिक्स या ब्लॉक बना करके भी बेचा जा सकता है। जिससे इसका ट्रांसपोर्ट करना बेहद आसान हो जाता है। खाद को तैयार करने के लिए कोको पीट को घर में (Cocopeat Making At Home) भी तैयार किया जा सकता है।
4. अब मशीन से निकले फाइबर को विलोइंग मशीन (Willowing Machine) में डाला जाता है। मशीन फाइबर को तीन हिस्सों में अलग कर के बाहर निकलती है। पहले हिस्से में बेबी कॉयर(Baby Coir), दूसरे हिस्से में स्पिनिंग कॉयर (Spinning Coir) और तीसरे हिस्से में गांठ वाले बड़े फाइबर प्राप्त होती है। इस गांठ वाले फाइबर को दुबारा से फाइबर एक्सट्रैक्शन मशीन में डाल कर कोकोपीट और फाइबर को प्राप्त किया जाता है।
बेबी कॉयर या छोटे नारियल का जटा का उपयोग: बेबी कॉयर का उपयोग अधिकतर मूर्ति बनाने में, कोकोपॉट बनाने में, कूलर इत्यादि में इसका उपयोग होता है।
5. अब दूसरा हिस्सा यानी स्पिनिंग कॉयर को अब रोप मेकिंग मशीन (Rope Making Machine) की सहायता से रस्सी बनाने के लिए उसे मशीन में डाला जाता है। रोप मेकिंग मशीन में कनवेयर लगे होते है। जिसमें स्पिनिंग कॉयर को अच्छी तरह फैला दिया जाता जाता है। अब मशीन में लगे कनवेयर की सहायता से स्पिनिंग कॉयर आगे की तरफ बढ़ कर चार खानों में रस्सी के रूप में आ जाता है और बॉबिन (bobbin) में सारी रस्सी इकट्ठी हो जाती है।
6. अब बॉबीन से सारी रस्सी निकाल कर रस्सी की बंडलिंग करते है। जिससे की मार्केट में पैक कर बेचा जा सके। इस तरह से कॉयर रोप बनाने की प्रक्रिया (Coir Rope Making Process) पूरी हुई।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय के लिए लाइसेंस (License And Registration)
इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको कुछ आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता पड़ती है। जो इस प्रकार है–
- सबसे पहले आपको अपने व्यवसाय का पंजीकरण करवाना होगा।
- अपने जिले में उद्योग आधार के अन्तर्गत पंजीकरण करवाना होगा।
- आपको इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी पड़ती है।
- अगर सरकार द्वारा किसी योजना का लाभ उठाना चाहते हो तो आपको एमएसएमई या एसएसआई के अंतर्गत पंजीकरण करवाना होगा।
- इसके अलावा जीएसटी के लिए भी आपको पंजीकरण करना पड़ता है।
- इस व्यवसाय में प्रोडक्ट के आयात निर्यात के लिए आईईसी कोड का लाइसेंस भी बनवाना पड़ सकता है। MEIS और SEIS योजनाओं का लाभ उठाने के लिए यह लाइसेंस बहुत जरूरी होता है।
- इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको ट्रेडमार्क के लिए भी पंजीकरण करवाना पड़ सकता है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय में लाभ (Profit Margin)
इस व्यवसाय से होने वाला लाभ पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप अपना व्यवसाय किस स्तर से शुरू करना चाहते है। अगर आप रोजाना 2 से 3 टन तक अपने प्रोडक्ट का उत्पादन कर लेते है तो इस हिसाब से आप बहुत ज्यादा मुनाफा इस Coconut Waste Recycling Business से कमा सकते है।
कॉयर रोप 40 से 50 रुपए होलसेल मार्केट में आसानी से बिक जाती है और नॉर्मल कोको पीट 6 से 7 रुपए किलो बिकता है। अगर कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय में लाभ या कमाई की बात करे तो बिजली खर्च, मजदूरी, जगह का रेट, इत्यादि का खर्चा छोड़ दिया जाए तो कम से कम 50 से 65% तक प्रॉफिट मार्जिन इस व्यवसाय से कमाया जा सकता है। यानी इस व्यवसाय से आप महीने का 3 से 4 लाख रुपए तक आसानी से कमा सकते है।
कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय की मार्केटिंग (Marketing)
किसी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए या ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए उसकी मार्केटिंग करना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में अगर कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के व्यवसाय की मार्केटिंग की बात करे तो आप किसान या नर्सरी से जुड़े लोगो को अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकते हो। इसके साथ साथ आप होलसेलर्स को अपना प्रोडक्ट बेच सकते हो।
इसके अतरिक्त कंस्ट्रक्शन वालो को, बिल्डिंग पेंटिंग, रिटेलर्स को अपना प्रोडक्ट बल्क में सस्ते दामों में बेच सकते हो। कोको पीट और कॉयर रोप की डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा है। आप चाहे तो अपना प्रोडक्ट ऑनलाइन भी बेच सकते हो जैसे कि Amazon, Alibaba, Indiamart, Trendindia जैसे ऑनलाइन वेबसाइट में भी अपनी प्रोडक्ट को आसानी से बेच सकते है।
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कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करे FAQs
Q. कोको पीट और कॉयर रोप बनाने के लिए कच्चा माल कहां से मिलेगा?
Ans. इस व्यवसाय के लिए आपको कच्चा माल नारियल पानी बेचने वाले से, फलों के दुकान से, मंदिर के पास, हॉस्पिटल के आस पास, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन इत्यादि से रोजाना प्राप्त हो सकता है।
Q. कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय में कितना खर्च आता है?
Ans. लगभग 8.5 से 9 लाख रुपए।
Q. कोको पीट और कॉयर रोप बनाने का व्यवसाय में कितना कमाई हो सकती है?
Ans. इस व्यवसाय से आप महीने का 3 से 4 लाख रुपए तक आसानी से कमा सकते है।