दोस्तों अक्सर देखा जाता है की हर दूसरा व्यक्ति किसी ना किसी कारणवश कोई ना कोई बीमारी से ग्रस्त रहता है। जिसके लिये वो नियमित डॉक्टर की निगरानी में इलाज करवाता है और दवाई लेता है। लेकिन आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में विस्तार से बताएंगे जो व्यक्ति के मस्तिक से संबधित है और इस बीमारी का नाम डिमेंशिया है।
इसलिए आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की डिमेंशिया क्या है और इसके होने के कारण क्या है, इसके अलावा जानेंगे की डिमेंशिया कितने प्रकार के होते है और इसके लक्षण क्या होते है इत्यादि। अगर आप भी डिमेंशिया से संबधित कोई भी जानकारी हासिल करना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिये काफी खास और महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
डिमेंशिया क्या है (Dementia In Hindi)
सबसे पहले हम बात करेंगे की डिमेंशिया क्या है, डिमेंशिया मस्तिक से संबधित बीमारी है। जों किसी स्ट्रोक के कारण या फिर अल्जाइमर रोग होने के कारण होता है या फिर हम कह सकते है की इस बीमारी के और भी बहुत से कारण हो सकते है जों मस्तिक से संबधित होते है। जबकि डॉक्टरों के अनुसार मस्तिक से संबधित अल्जाइमर रोग इस बीमारी का मुख्य कारण होता है।
बहुत से लोग इसे भूलने की बीमारी भी कहते है जो मस्तिक से संबधित है। जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है यह बीमारी और बढ़ती जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार 65 वर्ष से अधिक 10 लोगों में से 1 व्यक्ति को डिमेंशिया होता है। जबकि 85 वर्ष से अधिक 10 लोगों में से 4 लोग डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होते है।
डिमेंशिया होने से व्यक्ति के मस्तिक की तंत्रिकाओं को नुकसान पहुँचता है जिससे व्यक्ति अपनी याददाश्त भूलने लगता है और उसे छोटी छोटी बातें भी याद नहीं रहती है। यह बीमारी व्यक्ति के दिनचर्या के कार्यो में भी बाधा उत्पन्न करती है। जिससे उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है।
डिमेंशिया के लक्षण (Symptoms Of Dementia)
अगर बात करें डिमेंशिया के लक्षण की तो इसके बारे में हमने निचे बताने की कोशिश की है। जों निम्नलिखित इस प्रकार है–
- चिंता
- पागलपन
- छोटी छोटी बातो को भूल जाना
- अपनी याददाश्त खो जाना
- डिप्रेशन
- घबराहट
- बोलते हुए लड़खड़ाना
- शब्दो को खोजने में कठिनाई होना
- हमेशा डर बना रहना
- किसी भी कार्य को करने में कठिनाई पैदा होना
- किसी चीज को समझने में काफी देर लगाना
- सोचने में कठिनाई
- अपनी भावनाओं में नियंत्रण खो जाना इस बीमारी के मुख्य लक्षण है।
आपकी जानकारी के लिये हम आपको बताना चाहेंगे की डिमेंशिया के लक्षण शुरुवाती दौर पर कम ही दिखाई देते है। लेकिन जैसे जैसे इस बीमारी को समय होता जाता है यह बीमारी आगे चलकर गंभीर परिणाम ले लेती है और परिणाम यहाँ तक हो जाते है की व्यक्ति अपने दिनचर्या कार्य के लिये भी दूसरों पर निर्भर होने लग जाता है।
डिमेंशिया के कारण (Causes Of Dementia)
जैसा की हमने आपको पहले ही इस आर्टिकल में ऊपर बता दिया है की डिमेंशिया मस्तिक से संबधित बीमारी है। जों किसी स्ट्रोक या फिर अल्जाइमर रोग होने के कारण होता है। इस बीमारी में मस्तिक में चोट लगने के कारण या फिर कह सकते है की मस्तिक की तंत्रिकाओं को नुकसान पहुँचता है तो तब इस स्थिति में डिमेंशिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
जिससे व्यक्ति अपनी याददाश्त तक खो देता है और यहाँ तक की व्यक्ति इस बीमारी के कारण पागलपन का शिकार भी हो सकता है। इस बीमारी से व्यक्ति के व्यवहार और भावनाओं पर भी गहरा असर देखने को मिलता है। जब व्यक्ति के किसी कारणवश मस्तिक के विशेष क्षेत्र की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती है।
जैसे की मस्तिक में ट्यूमर, किसी कारणवश एक्सीडेंट की वजह से मस्तिक में चोट, स्ट्रोक और यहाँ तक की एचआईवी संक्रमण के कारण भी डिमेंशिया होने का खतरा बना रहता है। जिससे अक्सर व्यक्ति के व्यवहार में इसका गहरा असर देखने को मिल ही जाता है।
डिमेंशिया के प्रकार (Types Of Dementia)
अगर बात करें डिमेंशिया के प्रकार की तो हमने निचे इसके प्रकार के बारे में विस्तार से बताया है। जों निम्नलिखित इस प्रकार है।
फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (Frontotemporal Dementia)
इस बीमारी में व्यक्ति के व्यवहार पर असर दिखाई देने लगता है। इस बीमारी में व्यक्ति को बोलने से लेकर समझने तक में कठिनाई होती है।
अल्जाइमर रोग (Alzheimer Disease)
डॉक्टरों के अनुसार इस रोग को डिमेंशिया का सबसे प्रमुख कारणों में से एक बताया जाता है। क्यूंकि इस रोग में मस्तिक की तंत्रिकाओं पर गहरा असर पड़ता है। जिसके कारण व्यक्ति के मस्तिक का अकार घटता रहता है।
पार्किंसंस रोग (Parkinson Disease)
यह रोग भी मस्तिक से संबधित है जिसे डॉक्टर की भाषा में न्यूरोडीजेनेरेटिव कहा जाता है। इस रोग में व्यक्ति के मस्तिक की तंत्रिकाओं को क्षति पहुँचती है। जिसके कारण डिमेंशिया रोग उत्पन्न होता है।
लेवी बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body Dementia)
इस रोग में व्यक्ति को हमेशा डर सताये रहता है और व्यक्ति हर समय सहमा सहमा सा रहता है। जिससे वो किसी से बात नहीं करता और मायूस रहने लगता है। जिससे उसको नींद संबधित बीमारी पैदा होने लगती है और वह ठीक से अपनी नींद भी पूरी नहीं कर पाता है। अगर बात करें यह कैसे होता है तो हम आपको बता दे की लेवी बॉडी डिमेंशिया मस्तिक के कोर्टेक्स में प्रोटीन के एकत्र होने के कारण होता है।
वैस्कुलर डिमेंशिया (Vascular Dementia)
इस बीमारी में व्यक्ति के दिमाग में खून का प्रवाह ठीक से नहीं पहुँच पाता है। जिससे व्यक्ति के मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में समस्या उत्पन्न होने लगती है। जिसका असर व्यक्ति के मस्तिक में साफ साफ देखने को मिलता है।
डिमेंशिया का इलाज (Treatment Of Dementia)
आपकी जानकारी के लिये हम आपको बता दे की डिमेंशिया का अभी तक कोई इलाज नहीं निकला है। फिर भी डॉक्टरों के अनुसार कुछ दवाई और थेरपी से इस बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। जों डिमेंशिया के मरीजों पर कुछ हद तक कामगार साबित हो सकता है।
डिमेंशिया क्या है निष्कर्ष:
आज हमने इस आर्टिकल में डिमेंशिया क्या है और इसके होने के कारण क्या है, इसके अलावा डिमेंशिया कितने प्रकार के होते है और इसके लक्षण क्या होते है इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।
FAQs:
प्रश्न: डिमेंशिया क्या होता है?
उत्तर: डिमेंशिया मस्तिक से संबधित बीमारी है। जों किसी स्ट्रोक के कारण या फिर अल्जाइमर रोग होने के कारण होता है।
प्रश्न: डिमेंशिया किस कारण से होता है?
उत्तर: इस बीमारी में मस्तिक में चोट लगने के कारण या फिर कह सकते है की मस्तिक की तंत्रिकाओं को नुकसान पहुँचता है तो तब इस स्थिति में डिमेंशिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
प्रश्न: डिमेंशिया के क्या लक्षण होते है?
उत्तर: चिंता, पागलपन, छोटी छोटी बातो को भूल जाना, याददाश्त खोना, डिप्रेशन, घबराहट, बोलते हुए लड़खड़ाना इत्यादि लक्षण होते है।