आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको H3N2 वायरस क्या है? H3N2 वायरस से कैसे बचे? H3N2 वायरस कैसे फैलता है? भारत के अंदर H3N2 वायरस कितना खतरनाक है? इन सब की जानकारी अपने इस आर्टिकल में हम आप को संक्षेप रूप से देंगे। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े साथ ही H3N2 वायरस विश्व और भारत में फैल रहे इस खतरनाक वायरस के बारे में जानकारी को प्राप्त करें।
दोस्तों पूरे विश्व ने पिछले कुछ वर्षों से करोना महामारी को झेला है। जिससे हर तरफ हाहाकार मच गया था। अभी लोग इस बीमारी से उभरे ही थे कि दुनिया के सामने एक नया वायरस दस्तक दे रहा है। इस वायरस को हम H3N2 वायरस के नाम से जानते हैं।
H3N2 Virus Kya Hai
दोस्तो H3N2 एक प्रकार का वायरस होता है। जो मुख्यता पक्षियों के अंदर, जानवरों के अंदर, सूअर प्रजातियों के अंदर और अब मनुष्य के अंदर भी पाया जा रहा है। साल 1968 के आसपास इस प्रकार का वायरस मानव जाति में दुनिया भर में फैल चुका था। इसको H3N2 इन्फ्लुएंजा के नाम से जाना जाता है। H3N2 एक ऐसा वायरस है जो मौसम के साथ आता है। जिससे इस वायरस का असर और भी अधिक गंभीर होता चला जाता है। इस वायरस की चपेट में अधिकतर बूढ़े व्यक्ति और बच्चे आते है।
H3N2 Virus कैसे फैलता है
दोस्तों H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस से ग्रस्त कोई भी मरीज हो और अगर वह दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आता है। तो उसको भी यह इन्फ्लुएंजा वायरस फैल सकता है। मुख्यता यह वायरस खांसी के रास्ते, छींकने के रास्ते, या जो व्यक्ति इस वायरस से ग्रस्त है। अगर उस व्यक्ति को छींक आ जाए और वह उस समय अपना हाथ अपने मुंह पर रख ले। तब उसके हाथ में इस वायरस की कुछ बूंदे चिपक जाती है।
अगर वह व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से अपना हाथ मिलाता है। तो उस स्थिति में भी इस वायरस के फैलने के चांसेस बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। आसान भाषा में समझे तो यह वायरस अनुवांशिक वायरस बूंदों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में छूने के कारण या वायरस बूंदों के सम्पर्क में आने के कारण फैलता है। इसे हम चेन रिएक्शन या एक के बाद एक से फैलने से भी हो सकता है।
H3N2 वायरस किस उम्र में ज्यादा फैल रहा है
दोस्तों H3N2 वायरस के शिकार अधिकतर बुजुर्ग लोग हो रहे हैं। इसके साथ में बच्चों पर इस वायरस का असर अत्यधिक देखने को मिल रहा है। जिन बच्चों की उम्र 15 वर्ष से कम है और जिन व्यक्तियों की उम्र 50 वर्ष से ऊपर है। ऐसे बच्चों और व्यक्तियों के अंदर इस वायरस से संक्रमित होने की अत्यधिक प्रभाव पाए जाते हैं। क्योंकि इस उम्र में इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और संक्रमण जैसे रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। यह संक्रमण एक ऐसा गैर बेअसर H3N2 एंटीबॉडी बनाता है।
H3N2 Virus से खतरा
दोस्तों भारत के अंदर भी H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस का खतरा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में भारत के अंदर दो ऐसे केस H3N2 वायरस से लिप्त पाए गये है। इन दोनों के इसमें से एक केस कर्नाटका राज्य का मिला है और दूसरा केस हरियाणा राज्य का पाया गया है। कर्नाटका राज्य के 82 वर्ष के एक व्यक्ति जिनका नाम हसन बताया जा रहा है। उनका इस वायरस से संक्रमण होने के बाद मृत्यु हो गई थी। यह पहला केस भारत के अंदर मौत की पुष्टि करता है।
ऐसा ही दूसरा केस जिनकी मृत्यु 1 मार्च 2023 को हुई है। उनका नाम एच•गौड़ा बताया जा रहा था। जिन्हें 24 फरवरी 2023 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऐसे ही भारत के अंदर अभी तक 90 केस H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस से लिप्त बताए जा रहे है। जिन व्यक्तियों की मौत हुई है। वह सभी डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से ग्रस्त है। हाल ही में पता चला है कि भारत के अंदर 8 ऐसे मामले है। जो H1N1 वायरस से ग्रस्त है।
H3N2 वायरस के लक्षण
दोस्तों H3N2 वायरस से संक्रमण व्यक्तियों की पहचान करने के कुछ लक्षण हैं। जिनका उल्लेख हम नीचे करेंगे। आप इन लक्षणों की मदद से H3N2 वायरस से ग्रस्त मरीज का पता लगा सकते हैं।
- इस वायरस के संपर्क में आने से उस व्यक्ति को अत्यधिक खांसी का आना।
- H3N2 वायरस से ग्रस्त मरीजों को बुखार होना, नाक से पानी बहना और सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना इस वायरस के मूल लक्षण है।
- बार-बार थकान का महसूस करना, गले के अंदर खारिश होना और शारीरिक रूप से टूटा हुआ महसूस करना।
- H3N2 वायरस के संपर्क में आने वाले मरीजों के अंदर यह सब लक्षण करीब एक हफ्ते से अधिक हो तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। कि वह व्यक्ति H3N2 वायरस से ग्रस्त है।
- अगर ऐसी स्थिति पैदा हो जाए तो तुरंत उस मरीज को या कहें H3N2 वायरस के संपर्क में आए व्यक्ति को डॉक्टर के पास जांच कराकर उन से सलाह लेनी चाहिए।
H3N2 वायरस से बचाव
दोस्तो H3N2 वायरस से बचाव के कुछ तरीके हैं। जिनका उल्लेख हम नीचे करेंगे। आप इन तरीकों को अपनी जिंदगी में रोजमर्रा की लाइफ में सावधानी रखते हुए ऐसे खतरनाक वायरस से अपने आप को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।
- प्रत्येक व्यक्ति को लगातार अपने हाथों को धोते रहना चाहिए। ताकि उनके हाथ साफ-सुथरे रहे।
- हर व्यक्ति को अपने आप को माक्स लगाकर मुंह को कवर करना चाहिए।
- ऐसी स्थिति में आप अपने आप को आंखों और नाक को बार-बार ना छूए।
- किसी भी तरह की कोई भी मेडिसन या पेरासिटामोल का इस्तेमाल ना करें। जब तक आप डॉक्टर को अच्छी तरह से अपनी जांच ना करवा ले अर्थात डॉक्टर की सलाह के बाद ही आप मेडिसिन का सेवन करें।
H3N2 वायरस की उत्पत्ति
दोस्तों कथाकथित बुद्धिजीवियों का कहना है कि H3N2 वायरस हांगकांग से आया है ऐसा माना जा रहा है। इसे हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। पिछले कुछ समय से भारत के अंदर इस तरह का वायरस एक्टिव हो चुका है। यह वायरस पुराने करोना वायरस से मिलता-जुलता पाया गया है। H3N2 वायरस H1N1 से थोड़ा ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि इस तरह के वायरस में संक्रमित व्यक्ति को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की नौबत आ सकती है।
ऐसा कथित बुद्धिजीवी और डॉक्टरों का कहना है की ऐसे वायरस से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जो अपने शुरुआती स्तर पर है और डॉक्टरों ने इस वायरस से संक्रमित लोगों पर अपनी पकड़ बनाई हुई है। उनको निमंत्रण कड़ी निगरानी में रखते हुए इलाज किया जा रहा है। आप सब इस वायरस से कुछ सावधानियों को ध्यान रखकर इससे निजात पा सकते है।
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H3N2 Virus Kya Hai निष्कर्ष:
दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में H3N2 वायरस क्या है? H3N2 वायरस से कैसे बचे? H3N2 वायरस कैसे फैलता है? भारत के अंदर H3N2 वायरस कितना खतरनाक है? इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।
FAQs
H3 N2 वायरस क्या है?
H3N2 एक प्रकार का वायरस होता है। जो मुख्यता पक्षियों के अंदर, जानवरों के अंदर, सूअर प्रजातियों के अंदर और अब मनुष्य के अंदर भी पाया जा रहा है। साल 1968 के आसपास इस प्रकार का वायरस मानव जाति में दुनिया भर में फैल चुका था।
H3N2 वायरस का मुख्य लक्षण क्या है?
H3N2 वायरस से ग्रस्त मरीजों को बुखार होना, नाक से पानी बहना और सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना इस वायरस के मूल लक्षण है।
H3N2 वायरस कहा से शुरू हुआ?
H3N2 वायरस हांगकांग से आया है ऐसा माना जा रहा है। इसे हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है।