Rajodharm Kya Hai – रजोधर्म की अवधि, संकेत, दर्द को कैसे कम करे

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ज्यादातर लड़कियो को रजोधर्म के विषय में पता नहीं होता है। ऐसे में जब पहली बार पीरियड या रजोधर्म आती है तो लड़कियां अक्सर घबरा जाती है। रजोधर्म एक ऐसी अवस्था है जिसमे लड़किया जब किशोरावस्था में आती है तो उनके शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जाते है। लड़कियों में रजोधर्म का आना सामान्य बात है। यह लड़कियों में आमतौर से 11 से 15 वर्ष के बीच में आता है। जो कि बिल्कुल ही सामान्य है।

तो चलिए इस लेख के माध्यम से रजोधर्म के बारे में और भी बाते जाने कि Rajodharm Kya Hai, रजोधर्म की अवधि, संकेत, क्या करना चाहिए, क्या नही करना चाहिए, दर्द को कैसे कम किया जा सकता है, इन सभी के बारे आज हम विस्तृत चर्चा करेंगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

रजोधर्म क्या है (Rajodharm Kya Hai)

Rajodharm Kya Hai - रजोधर्म की अवधि, संकेत, दर्द को कैसे कम करे

महिलाओं या लड़कियों के शरीर में हार्मोन के बदलाव के कारण से गर्भाशय से स्क्त यानी वजाइना से ब्लीडिंग होती है। इस होने वाले ब्लीडिंग या स्त्राव को रजोधर्म कहा जाता है। रजोधर्म को मासिक धर्म, माहवारी, पीरियड्स, मेंस्ट्रुअल साइकिल, एमसी इत्यादि के नाम से भी जाना जाता है। रजोधर्म महिलाओं को महीने में एक बार होता है यानी हर एक महीने में होता है।

जरुरी नही है कि रजोधर्म महिलाओं को एक निश्चित उम्र में ही आता है। कुछ महिलाओं का एक या दो साल बाद आता है तो किसी का पहले ही आ जाता है। वैसे लड़कियों को 8 से 17 वर्ष के बीच में कभी भी आ सकता है। सामान्य तौर से रजोधर्म लड़कियों में 11 से 13 वर्ष की उम्र में शुरू हो जाता है।

रजोधर्म की अवधि

रजोधर्म लड़कियों या महिलाओं में महीने में एक बार आने के संभावना होती है। लड़कियों का रजोधर्म किस उम्र में शुरू होगा ये उनके काम के तरीके, खानपान, रहन सहन, आदि बातो पर केंद्रित होता है। देखा जाए तो रजोधर्म की प्रक्रिया महिलाओं या लड़कियों में सामान्यतः 28 से 35 दिनों का होता है। यह हर महीने लगातार होता है। गर्भवती होने की स्थिति में ही यह रजोधर्म का चक्र रुकता है। नही तो यह चक्र लगातार हर महीने 28 से 35 दिनों तक चलती है।

कुछ महिलाओं या लड़कियों को रजोधर्म 3 से 5 दिनो तक या कुछ को 2 से 7 दिन तक रहती है। यदि किसी महिला या लड़की के रजोधर्म में 35 से अधिक दिन का अंतर दिखाई दे तो उसे स्वयं की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए। महिलाओं में खून निकलने या स्त्राव की मात्रा की स्थिति हर दिन अलग अलग होती है। जब लड़कियों को पहली बार रजोधर्म से गुजरना पड़ता है तो सबसे अधिक खून निकलता है और अगले चक्र में निकलने की गति बहुत हल्की या कम हो सकती है।

रजोधर्म शुरू होने की प्रक्रिया

जब एक लड़की किशोरावस्था में होती है तो उनके शरीर के हार्मोन में कई तरह के बदलाव होते रहते है। यही बदलाव उनके अंडाशय में होता है यानी इनके अंडाशय से इस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन निकलते है। इन हार्मोन के कारण ही गर्भाशय की परते या यूटेरिन लाइनिंग हर महीने मोटी हो जाती है। ऐसे में गर्भाशय की परते मोटी होकर गर्भावस्था के लिए तैयार हो रही होती है वो टूटकर रक्तस्राव के रूप में बाहर को निकलने लगती है। यह यूटेरिन लाइनिंग बनने, टूटने और निकलने में कम से कम 28 से 35 दिनों का समय लेता है।

रजोधर्म आने के संकेत

कुछ लड़कियां रजोधर्म के आने का कोई भी अनुमान नहीं लगा पाती है कि उनका रजोधर्म शुरू होने वाला है या रजोधर्म कब से शुरू होगा? लेकिन लड़कियों का शरीर पहले से ही बताना शुरू कर देता है कि रजोधर्म आने वाला है। सामान्यतः लड़कियों में उनके स्तन की वृद्धि के ठीक 2 साल बाद रजोधर्म की शुरुआत होती है। प्यूबिक एरिया में बालों का आना और सफ़ेद या हल्का पीला, साफ पानी जैसा स्रावित होना भी पहले पीरियड या रजोधर्म की शुरुआत भी कहा जा सकता है। ऐसे ही कुछ संकेत और भी है जिससे ये पता लग सकता है कि पीरियड या रजोधर्म शुरू होने वाला है। जो निम्न है:

  • अंडरआर्म्स, पैरों और वजाइना पर बालों का आना
  • पेट का फूलना और गैस जैसा महसूस करना
  • मुहांसे आना
  • पेट में दर्द होना
  • सिर में दर्द होना

रजोधर्म आने पर क्या करना चाहिए

रजोधर्म यानी पीरियड्स आने पर आपको चाहिए की आप एक पीरियड्स के लिए जरूरत में आने वाली सामानों का कीट अपने साथ रखे। ताकि जैसे ही रजोधर्म यानी पीरियड्स शुरू हो तो आप इनका उपयोग कर पाए। नीचे हमने कुछ छोटी मगर जरूरी चीज को बताया है जो आप इस कीट में आप रख सकती है, जैसे की..

  • एक जोड़ा एक्स्ट्रा अंडरवियर
  • 2 पैड
  • एकदम साफ कपड़ा या वाइप्स
  • कुछ दर्द की दवाएं (दर्द होने पर ही ले) आदि।

रजोधर्म में क्या नही करना चाहिए

रजोधर्म के दौरान सभी महिलाओं के लिए कुछ अलग अनुभव होता है। कभी कभी इसके दौरान काफी परेशानियां होती है जैसे ही दर्द होना, कमर में दर्द होना और कभी कभी सामान्य होता है। औसतन राजोधर्म के दौरान सभी महिलाओं की स्थिति लगभग पीड़ा वाली ही होती है। लेकिन कुछ चीजों को नहीं करने से रजोधर्म के दौरान होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।

  • रजोधर्म के दौरान कभी भी असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं। क्योंकि इस दौरान असुरक्षित यौन संबंध बनाने से इन्फेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिससे आपको काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • ज्यादा काम नही करना चाहिए यदि राजोधर्म के दौरान आपके शरीर में काफी दर्द है या पीठ में अकड़न काफी है तो क्योंकि ऐसी स्थिति में यदि शरीर से काम होगा तो दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।
  • भोजन खाने में कोई कमी नहीं करना चाहिए, क्योंकि राजोधर्म के दौरान शरीर में काफी कमजोरी आती है अगर भोजन सही नही किया जाए तो परेशानी हो सकती है।

रजोधर्म में होनी वाली समस्याएं

रजोधर्म में बहुत सी छोटी बड़ी परेशानियां होती रहती है, चलिए जानते है उनके बारे में विस्तार से।

कई बार रजोधर्म आपने से पहले महिलाओं कुछ दिन पहले ही प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम (Premenstrual Sindrom) यानी PMS आता है। प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम को अगर समझा जाए तो इसके कुछ लक्षणों जैसे की मुंहासे आना, पेट फूलना, उत्कंठा (Anxiety), चिड़चिड़ा पन होना और साथ में ज्यादा गुस्सा भी आना, से समझा जा सकता है।

रजोधर्म आने के प्रारंभिक दिनों से ही दर्द महसूस होना।
रजोधर्म के दौरान कमर में दर्द और पेट में दर्द होने की संभावना होती है। अगर आपको ये जानना है, रजोधर्म के दौरान कौन सी समस्याएं आती है तो आगे जरूर पढ़े।

रजोधर्म के समय होने वाले दर्द को कैसे कम करे

रजोधर्म के समय दौरान दर्द होना आम बात है। रजोधर्म में जैसे जैसे समय बीतता जाता है दर्द भी कम होता है। लेकिन अगर फिर भी अगर आपको ज्यादा दर्द हो या दर्द से आपके कामों किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न हो रहा है, तो आपको कुछ बातो का ध्यान रखते हुए इससे निजात पाया जा सकता है।

  • सबसे पहले एक गरम पानी भरने वाले थैले का उपयोग कर सकते है ये काफी हद तक दर्द से आपको आराम दे जाता है।
  • यदि रजोधर्म के दर्द फिर भी आराम नहीं होता तो दर्द की दवाओं का सेवन कर सकती है जिससे आपके दर्द में काफी आराम मिलेगा।
  • हालाकि अगर ये सब करने के बाद भी कुछ दिक्कत महसूस होती है तो आप एक बार जरूर अपने डॉक्टर से दिखाए ताकि दर्द के सही वजह का पता लगाया जा सके।

निष्कर्ष

आज हमने इस आर्टिकल में Rajodharm Kya Hai, रजोधर्म की अवधि, संकेत, क्या करना चाहिए, क्या नही करना चाहिए, दर्द को कैसे कम किया जा सकता है के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: रजोधर्म क्या है?

उत्तर: महिलाओं या लड़कियों के शरीर में हार्मोन के बदलाव के कारण से गर्भाशय से स्क्त यानी वजाइना से ब्लीडिंग होती है। इस होने वाले ब्लीडिंग या स्त्राव को रजोधर्म कहा जाता है।

प्रश्न: रजोधर्म के चक्र को कितना समय लगता है?

उत्तर: रजोधर्म की प्रक्रिया महिलाओं या लड़कियों में सामान्यतः 28 से 35 दिनों का होता है।

प्रश्न: रजोधर्म में काम करने से क्या होता है?

उत्तर: हां क्यों नही… विशेषज्ञों की माने तो हल्के खेल-कूद और एक्सरसाइज से पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या को कम किया जा सकता है। ऐसे में हल्का काम करना अच्छा होता है।