पैक्स चुनाव क्या है – PACS Election से फायदा, उद्देश्य और क्यों करवाए जाते है

दोस्तों भारत एक ऐसा देश है जहां पर चुनावों की बहुत अहमियत होती है। इसीलिए भारत को एक स्वतंत्र प्रणाली वाला देश माना जाता है। इस देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव 5 साल के लिए होते हैं और कुछ चुनाव 3 साल के लिए या 1 साल के लिए भी होते हैं। इन सब चुनावों की प्रवृत्ति अलग-अलग होती है। ऐसे ही एक चुनाव है जिसे हम पैक्स चुनाव के नाम से जानते हैं। अगर आपने यह नाम सुना होगा तो अच्छी बात है।

अगर आपने यह नाम नहीं सुना है तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पैक्स चुनाव क्या है, पैक्स चुनाव कब पारित हुआ, पैक्स चुनाव क्यों कराए जाते हैं पैक्स चुनाव का फुल फॉर्म इत्यादि की जानकारियों को अपने इस आर्टिकल में लिखित रूप में आपके समक्ष रखेंगे। अगर आप भी पैक्स चुनाव से संबंधित जानकारियां जानने के इच्छुक हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें और पैक्स शब्द के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

पैक्स चुनाव क्या है (PACS Election In Hindi)

पैक्स चुनाव एक ऐसी पद्धति है जो गवर्नमेंट के द्वारा करवाया जाता है। पैक्स एक ऐसा एसोसिएशन है जो बैंक के माध्यम से ग्राम स्तर और पंचायत स्तर के लोगों को लोन दिलवाने के लिए मध्यस्था का कार्य करता है। जिसे हम सहकारी सह ॠण सोसाइटी के नाम से भी जानते हैं। यह सरकारी सह सोसाइटी हर राज्य में कॉर्पोरेट सिस्टम की तरह कार्य करती है।

पैक्स चुनाव पारित किया गया (PACS Established)

पैक्स को इंग्लिश में “Primary Agricultural Credit Society” कहते है। जबकि हिन्दी में “प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी” कहा जाता है। जिसकी शुरुआत वर्ष 1904 में सर फ्रेडरिक निकोलसन और सर एडवर्ड लॉ की सिफारिशों के बाद इस अधिनियम को लाया गया और वर्ष 1912 में इसको पारित करके कानून बनाया गया।

पैक्स चुनाव से फायदा (Advantage)

पैक्स कोऑपरेटिव बैंकों के तहत या कहें अधीन ही काम करती है। फैक्स के माध्यम से ही सब को क्रेडिट कार्ड दिए जाते हैं। क्रेडिट का मूल मतलब समझे तो लोन देना होता है। क्योंकि सरकार ने गांव लेवल तक यह सब सुविधा मुहैया करवाई होती है। जिसमें वह कम दामों में लोगों को लोन दिलाती है।

सरकार पिछले 15 वर्षों से लगातार पैक्स चुनाव करवाती आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग इसके बारे में जानकारी नहीं रखते हैं। लेकिन अब इसको लेकर लोगों के अंदर जागरूकता पैदा हो गई है। पैक्स चुनाव के माध्यम से लोग अपना एक खुद के अध्यक्ष का चुनाव करते है। यह अध्यक्ष गांवों के लोगों से संबंधित किसी भी एग्रीकल्चर जमीन के तहत कोई भी लोन की सुविधा लेना चाहता है।

वह इस अध्यक्ष के माध्यम से ही आसानी से ले सकता है। यह अध्यक्ष ही सरकार के द्वारा चलाई जा रही ग्राम पंचायत लेवल पर जनता को हितों में योजना का विवरण भी लोगों तक पहुंच जाता है। इसलिए सरकार पैक्स चुनाव करवाती है।

पैक्स चुनाव क्यों कराए जाते है

दोस्तों पैक्स चुनाव भारत में एक ऐसी इकाई का चुनाव माना जाता है जो हर राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है। पैक्स चुनाव प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी का होने वाला एक चुनाव है जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत के लोगों को ऋण कैसे मुहैया करवाया जाए। यह सोसाइटी ग्राम पंचायत और गांव जैसे मुख्य बिंदुओं पर अमल को लाने के लिए बनाई जाती है।

सरकार का मुख्य पहलू पैक्स चुनाव करवाना है और इस पैक्स चुनाव के माध्यम से गांव स्तर में लोग पैक्स अध्यक्ष का चुनाव करता है। जिससे कि वह सरकार के द्वारा चलाई जा रही किसानों के योजना के तहत लोन का लाभ ले सके। जिनके पास एग्रीकल्चर से संबंधित जगह होती है। या कहें एग्रीकल्चर से संबंधित कोई भी कार्य करने की यंत्र हो। ऐसे लोगों को सरकारी सह ॠण सोसाइटी के माध्यम से लोन देने का कार्य पैक्स को दिया जाता है। जिसमें यह लोगों को उनकी सहूलियत के हिसाब से लोन को मुहैया करवाती है।

यह लोन कई प्रकार के हो सकते है। जैसे कि मकान का लोन, कृषि लोन, एग्रीकल्चर यंत्रों से संबंधित लोन इत्यादि प्रकार के लोन को दिलाने के लिए सरकार के द्वारा एक संगठन नियुक्त कराया जाता है। यह संगठन हर गांव में छोटे-छोटे स्तर पर खुले होते है जिसमें कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। जिसे हम सहकारी ऋण सोसाइटी बैंक के नाम से जानते हैं।

पैक्स चुनाव करवाने का लक्ष्य (Aim)

भारत सरकार ने हाल ही में पैक्स चुनाव घोषणा की है कि देशभर में 63,000 से अधिक पैक्स संगठन है। जिन सब का कंप्यूटरीकरण करने का निर्णय किया गया है। इसको देखते हुए अगले वर्ष 2024 के आसपास सभी पैक्स चुनाव करवा दिए जाएंगे। इस पैक्स चुनाव में केंद्र सरकार की तरफ से 75 प्रतिशत और बाकी राज्यों की तरफ से 25 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी। यह राशि लगभग 25 करोड के आसपास की होगी। जिससे प्रत्येक पैक्स संगठन को 4 लाख रुपए तक की धनराशि मुहैया करवाई जाएगी।

पैक्स चुनाव करवाने का उद्देश्य (Purpose)

पैक्स चुनाव को कराने का मुख्य उद्देश्य है पारदर्शी को लाना। जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को हर सुविधा का लाभ मिल सके। इस पैक्स चुनाव करवाने से छोटे बड़े किसान लगभग 13 करोड़ के आसपास किसानों को इसका लाभ मिलेगा। ऐसा सहकारिता बैंक के मंत्री और भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह की ओर से बताया गया है।

उन्होंने यह भी बताया है कि मौजूदा समय में भारतवर्ष में पैक्स संगठन की संख्या 63,000 है। जिसको बढ़ाकर तीन लाख करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिससे गांव के विकास में अहम भूमिका निभाई जाएगी। हर फैक्स संगठन पर 6 से 7 व्यक्तियों को एक स्वरोजगार भी दिया जाएगा। इस तरह स्वरोजगार बढ़ाने का भी एक मुख्य बिंदु माना जाता है।

पैक्स चुनाव में बदलाव (Changes)

कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से यह भी सूचना मिली है कि स्टेट कॉर्पोरेटिव सोसाइटी संशोधन कानून 2002 में भी बदलाव किया जाएंगे। जिन बदलावों के तहत हर राज्य में एक ही योजना और एक ही प्रणाली के तहत पैक्स संगठन काम करेगा और यह सब हर राज्यों के साथ शेयर किया जाएगा।इसलिए केंद्र सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है। इस पैक्स संगठन के अंतर्गत लोक मित्र केंद्र, सरकारी राशन की दुकाने और कोल्डस्टोरेज इत्यादि प्रकार के जो सरकार के तरफ से चलाई जा रहे हैं।

उन सब को शामिल करने का भी प्रावधान किया जाएगा। क्योंकि जो मौजूदा समय में पैक्स कानून है उसमें यह सब प्रावधान नहीं लिखे गए हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष सहकारिता विभाग को कृषि मंत्रालय से निकाल कर एक नया मंत्रालय के रूप में विख्यात कर दिया गया है। जिसका नाम सहकारिता मंत्रालय रखा गया है। जिसके मंत्री अमित शाह है।

इसका एक और मुख्य उद्देश्य है कि पैक्स का अधुनीकरण करते हुए इसे कोऑपरेटिव के तहत पारदर्शिता को लाना है। जिसमें राष्ट्रीय सहकारिता नीति और एक सहकारिता विश्वविद्यालय का गठन भी किया जाएगा। जिसमें सहकारिता नीति के क्षेत्र में निवेश कैसे करें और व्यापार को कैसे बढ़ाएं। ऐसे विषयों को इस गठन के माध्यम से शामिल किया जाएगा।

पैक्स चुनाव क्या है निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में पैक्स चुनाव क्या है, पैक्स चुनाव कब पारित हुआ, पैक्स चुनाव क्यों कराए जाते हैं पैक्स चुनाव का फुल फॉर्म इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs:

प्रश्न: पैक्स चुनाव क्या होता है?

उत्तर: पैक्स चुनाव एक ऐसी पद्धति है जो गवर्नमेंट के द्वारा करवाया जाता है। पैक्स एक ऐसा एसोसिएशन है जो बैंक के माध्यम से ग्राम स्तर और पंचायत स्तर के लोगों को लोन दिलवाने के लिए मध्यस्था का कार्य करता है।

प्रश्न: पैक्स चुनाव का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी चुनाव

प्रश्न: पैक्स चुनाव कब पारित किया गया?

उत्तर: वर्ष 1912 में पारित हुआ।