Gyanvapi Kya Hai, Gyanvapi Meaning In Hindi, Gyanvapi Masjid History In Hindi, Gyanvapi Case In Hindi, Gyanvapi Masjid Case, Kashi Vishwanath Temple
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद बहुत ही पुराना है। हिंदू पक्ष से दावा किया गया है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 16वीं शताब्दी में काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर यहां ज्ञानवापी मस्जिद बनाया था। जिसके खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की गई है जो सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाई कोर्ट और वाराणसी की अदालतों में दर्ज की गई है। इसलिए ज्ञानवापी केस इन दोनो काफी चर्चा में है।
तो ऐसे में लोग यह भी जानना चाहते है की आखिर यह ज्ञानवापी क्या है (Gyanvapi Kya Hai), ज्ञानवापी केस क्या है, ज्ञानवापी का इतिहास, ज्ञानवापी केस में पहले भी हो चुके है मुकदमें इत्यादि की जानकारी आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।
ज्ञानवापी क्या है (Gyanvapi Kya Hai)
ज्ञानवापी की चर्चा इन दिनों बहुत ही ज्यादा हो रही है। वैसे ज्ञानवापी एक मस्जिद है। लेकिन ज्ञानवापी शब्द चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर है जहां काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही मस्जिद भी है। ज्ञानवापी शब्द एक संस्कृत शब्द है। ज्ञानवापी ज्ञान और वापी से मिलकर बना है। जहां ज्ञान का मतलब बोध और वापी का मतलब तालाब होता है। इसका पूरा मतलब “ज्ञान का तालाब” है। ऐसा कहा जाता है कि यह नाम उस तालाब के कारण ही पड़ा और यह तालाब ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर है।
पुराण के अनुसार स्कंद पुराण में ऐसा मानना है कि भगवान शंकर ने इस कुआं का निर्माण खुद अपने त्रिशूल से किया था। ऐसा कहा जाता है कि इस कुएं का पानी बहुत ही पवित्र है। अतः जो भी इस पानी को ग्रहण करता है उसे ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। भगवान शंकर ने माता पार्वती को इसी स्थल पर ज्ञान दिया था। इसलिए इसे ज्ञानवापी भी कहते है। यानी ज्ञान का कुआं।
ज्ञानवापी केस क्या है (Gyanvapi Case Kya Hai)
वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद को लेकर काफी विवाद हो रहा है। इस केस में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष का कहना अलग अलग है। इस मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि 400 साल पहले मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद की स्थापना की गई है। ज्ञानवापी मस्जिद को अंजुमन-ए-इंतजामिया कमेटी संचालित करती है।
विश्वेश्वर भगवान ने 1991 में वाराणसी में स्थित सिविल जज की अदालत में एक याचिका दर्ज करवाई। इस याचिका में यह कहा गया है कि जहां पर ज्ञानवापी मस्जिद है वहां पर भगवान विश्वनाथ का मंदिर हुआ करता था और इसके साथ साथ श्रृंगार गौरी की पूजन, आराधना भी हुआ करता था।
याचिका में यह मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर को मुस्लिम पक्ष से खाली कर दिया जाए और इसे हिंदुओ को सौप दिया जाए क्योंकि यहां पहले मंदिर हुआ करता था। इसी को लेकर वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर में मंदिर और मस्जिद का पूरा विवाद है।
ज्ञानवापी का इतिहास (Gyanvapi History In Hindi)
इतिहास के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद होने से पहले बहुत पहले काशी विश्वनाथ का मूल मंदिर हुआ करता था। आज से करीब दो हजार से भी कही ज्यादा साल पहले इस जगह पर मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। इतिहास में ऐसा कहा गया है की ज्ञानवापी में स्थित मंदिर को तोड़कर साल 1669 में औरंगजेब ने इसे तुड़वा दिया था तथा ये भी बताया जा रहा है की मस्जिद को बनाने में मंदिर के ही तोड़े हुए अवशेषों की मदद ली गई थी। रानी अहिल्याबाई ने ज्ञानवापी के ठीक बगल में काशी विश्वनाथ मंदिर की स्थापना भी की है जो की आज तक मौजूद है। ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ मंदिर एक दूसरे से काफी नजदीक है। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण पुनः साल 1735 में रानी अहिल्याबाई होलकर ने इसका निर्माण करवाया।
ज्ञानवापी केस में पहले भी हो चुके है मुकदमे
अगर ज्ञानवापी में हुए मुकदमों की बात करे तो सबसे पहले साल 1936 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जिला न्यायालय में मुकदमा इसलिए दर्ज कराया क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने उस समय ज्ञानवापी क्षेत्र में नवाज पढ़ने का अधिकार प्रदान कराया था। 15 अगस्त 1937 को पूरी तरह से ज्ञानवापी क्षेत्र में नमाज अदा करने का अधिकार दिया गया।
इसके बाद साल 1991 में फिर एक बार ज्ञानवापी के लिए मुकदमा दर्ज किया गया जो की नए मंदिर के निर्माण तथा पूजा करने की पूर्ण स्वतंत्रता को लेकर था। 15 अक्टूबर 1991 को पंडित सोमनाथ व्यास, डॉ. रामरंग शर्मा और लोगो द्वारा वाराणसी के अदालत में इसको लेकर मुकदमा दायर किया गया था।
साल 2021 में एक बार फिर ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमे दर्ज किए गए। आपको बता दे की कुछ स्थानीय महिलाओं ने वाराणसी न्यायालय में याचिका दर्ज करते हुए ये सिफारिश की, की उन्हे ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मां के नियमित दर्शन करने की बात कही और जिसके बाद से ही मस्जिद में सर्वे भी कराए गए।
Gyanvapi Kya Hai निष्कर्ष:
दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में ज्ञानवापी क्या है (Gyanvapi Kya Hai), ज्ञानवापी केस क्या है, ज्ञानवापी का इतिहास, ज्ञानवापी केस में पहले भी हो चुके है मुकदमें इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।
FAQs
प्रश्न: ज्ञानवापी का क्या अर्थ होता है?
उत्तर: ज्ञानवापी शब्द एक संस्कृत शब्द है। ज्ञानवापी ज्ञान और वापी से मिलकर बना है। जहां ज्ञान का मतलब बोध और वापी का मतलब तालाब होता है। इसका पूरा मतलब “ज्ञान का तालाब” है।
प्रश्न: ज्ञानवापी केस क्या है?
उत्तर: इस मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि 400 साल पहले मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद की स्थापना की गई है।
प्रश्न: ज्ञानवापी परिसर कहां स्थित है?
उत्तर: ज्ञानवापी परिसर वाराणसी में स्थित है।