किसी भी नौकरी को प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जिसको पूरा करने के बाद नौकरी प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया में इंटरव्यू का पार्ट होता है। फिजिकल का पार्ट होता है और एक DV टेस्ट भी होता है।
आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको DV Test Kya Hota Hai, DV Test कहां पर किया जाता है, DV Test क्यों किया जाता है, DV Test कब किया जाता है और DV टेस्ट करने की पूरी प्रकिया से संबंधित पूरी जानकारी देंगे। आप में से अधिकतर लोग शायद ही DV टेस्ट के बारे में जानते होंगे। लेकिन जो नए लोग हैं, जिन्होंने नौकरी को प्राप्त करना है। उनके लिए DV टेस्ट को जानना बहुत ही आवश्यक है। आज का हमारा यह आर्टिकल DV टेस्ट के ऊपर आधारित है। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। इसके अलावा नये लोग नौकरी को प्राप्त करने के लिए DV टेस्ट प्रक्रिया को पूरी तरह से जाने।
DV Test Kya Hota Hai
DV का फुल फॉर्म (Document Verification) होता है। इस DV टेस्ट के दौरान सभी प्रकार के लाभार्थियों के दस्तावेजों की जांच होती है। जिसके तहत उनको नौकरी मिलती है या कहे किसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त होता है।
एक बार सत्यापन होने के बाद यह निश्चित हो जाता है, कि जो व्यक्ति नौकरी प्राप्त करना चाहता है या फिर किसी सरकारी योजना के तहत लाभ प्राप्त करना चाहता है। यह वही व्यक्ति है, जिसने अपने डाक्यूमेंट्स सबमिट किये है। इस तरह DV टेस्ट होता है। जिसे हम डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम से जानते है।
DV Test कहां पर किया जाता है
नौकरी प्राप्त करने के लिए, जब आप किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संस्था में अपने दस्तावेजों को जमा करते हैं। तब पूरी प्रक्रिया होने के बाद आपके दस्तावेज निश्चित अधिकारी के पास जाते है। जहां पर इन दस्तावेजों की जांच होती है। यह दस्तावेज सरकारी विभाग में वेरिफिकेशन ऑफिसर करता है और प्राइवेट संस्थाओं में एचआर डिपार्टमेंट के तहत किया जाता है।
जहां पर इन सभी दस्तावेजों की जांच ऑनलाइन वेरिफिकेशन द्वारा किया जाता है। अगर किसी कारणवश दस्तावेज मैच नहीं होते है। तो नौकरी प्राप्त करने वाले व्यक्ति के दस्तावेजों की वेरिफिकेशन दस्तावेज संबंधित इकाई से करवाया जाता है अगर तब भी डॉक्यूमेंट मैच नहीं होते है। तो अंत में नौकरी प्राप्त करने वाले व्यक्ति के सभी डाक्यूमेंट्स को वापस कर दिये जाते है।
DV Test क्यों किया जाता है
जब किसी कंपनी में एंप्लाइज की कोई वैकेंसी निकलती है। तब वह कंपनी उस वैकेंसी को सार्वजनिक तौर पर विज्ञापनों द्वारा लोगों तक पहुंचाती है। तब उस स्थिति में जिस भी व्यक्ति ने उस कंपनी में या सरकार के द्वारा निकाले गए विज्ञापन के तहत नौकरी को प्राप्त करना है। वह अपने दस्तावेजों को उस कंपनी या सरकारी विभाग में जमा करवाता है।
यह दस्तावेज जमा होने के बाद कंपनी के द्वारा या सरकारी विभाग के द्वारा, इस बात का सत्यापन किया जाता है। कि यह व्यक्ति की क्वालिफिकेशन क्या है? उस व्यक्ति का आधार क्या है? उस व्यक्ति ने किस विषय से संबधित पढ़ाई कर रखी है?
इसके अलावा उस व्यक्ति का करैक्टर क्या है? इन सभी बातों का DV टेस्ट के माध्यम से ही होता है। इसीलिए कोई भी विभाग किसी भी एंप्लाइज को नौकरी पर रखने से पहले उसका DV टेस्ट जरूर करता है। यही कारण है कि DV टेस्ट हर कंपनी या सरकारी विभाग में नौकरी करने से पहले व्यक्ति के लिए किया जाता है।
DV Test कब किया जाता है
DV Test निम्नलिखित समय के आधार पर किया जाता है। जिसको उल्लेख हम नीचे विस्तारपूर्वक करने जा रहे हैं।
- DV टेस्ट का उपयोग उस समय किया जाता है। जब किसी ने नौकरी को प्राप्त करने के लिए अपने दस्तवेजों को जमा करवाया होता है।
- DV टेस्ट किसी भी सरकारी या गैर सरकारी नौकरी को प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं।
- DV टेस्ट किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए जामा किए गए दस्तावेजों के आधार पर किया जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति ने किसी को किराये में अपना घर दे रखा है। तब मकान मालिक द्वारा किरायेदार से दस्तावेजों को लेकर पुलिस वेरिफिकेशन के लिए दिया जाता है। तब पुलिस उस दस्तावेजों के आधार पर वेरीफिकेशन करती है। कि वह किरायेदार वही है, जिसने दस्तावेज जमा करवाएं। मतलब दस्तावेज सत्यापन के आधार पर, दस्तवेजों की जांच मकान मालिक द्वारा खुद भी किया जा सकता है।
DV टेस्ट करने की पूरी प्रकिया क्या है
DV टेस्ट प्रकिया निम्नलिखित तरह की होती है। जिसे हम विस्तार पूर्वक हम नीचे बताने जा रहे हैं।
सरकारी नौकरी को प्राप्त करने के लिए DV टेस्ट की प्रकिया होती है। सरकारी नौकरी को प्राप्त करने के लिए जब एक बार आप प्रारंभिक प्रक्रिया से गुजरते हैं। तब आपकी नौकरी के आधार पर एक डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन टेस्ट होता है।
जिस टेस्ट को करने से पहले आपकी लिखित परीक्षा होती है। फिर उसके बाद मौखिक इंटरव्यू होता है। जब आप इन दोनों प्रक्रियाओं को पूरा कर लेते हैं। तब उसके बाद आपके डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन टेस्ट होता है। जिसके तहत दस्तावेजों की जांच की जाती है। यह दस्तावेजों की जांच संबधित अधिकारी के द्वार की जाती है।
कई ऐसी सरकारी नौकरी भी होती है, जहां पर दस्तवेजों की जांच उसके गांव में पुलिस वैरिफिकेशन के द्वार भी करवायी जाती है। जैसे कि अर्धसैनिक बल सेना, सेना बल, नेवी बल संबधित विभाग इत्यादी प्रकार।
प्राइवेट नौकरी को प्राप्त करने के लिए DV टेस्ट प्रक्रिया क्या होती है?
प्राइवेट नौकरी को प्राप्त करने के लिए संस्था के द्वारा निकाले गए विज्ञापन के आधार पर सबसे पहले आपके दस्तावेज जमा करवाए जाते हैं। फिर आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप के दस्तावेजों की जाँच HRA विभाग के माध्यम से होती है। दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया का सत्यापन होने के बाद आपको नौकरी पर रख लिया जाता है।
सरकारी योजना का लाभ के तहत DV टेस्ट प्रक्रिया क्या होती है?
अगर आप किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेना चाहते हैं। तब आप से दस्तावेज मांगे जाते हैं। संबंधित अधिकारी के द्वारा दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप उसी योजना का लाभ लेने के पात्र माने जाते हैं। इस तरह किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होती है।
DV Test Kya Hota Hai निष्कर्ष
दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में DV Test Kya Hota Hai, DV Test कहां पर किया जाता है, DV Test क्यों किया जाता है, DV Test कब किया जाता है और DV टेस्ट करने की पूरी प्रकिया इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।