आज हम आपको यह बताएंगे कि Ionization Urja Kya Hota Hai, आयनीकरण ऊर्जा, आयनीकरण ऊर्जा के कारक क्या है, इसके साथ ही में आयनीकरण ऊर्जा और बोह्र का परमाणु मॉडल में क्या संबंध है इन सब की जानकारी अपने इस आर्टिकल में विस्तार पूर्वक देंगे। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे विषय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देने जा रहे है। जो एक ऐसे विषय पर निर्धारित है, जिसके बारे में आपने स्कूल में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं तक जरूर पढ़ा होगा। लेकिन इसमें सिर्फ उसके कुछ मुख्य बिंदुओं पर ही बताया गया है। लेकिन आज हम अपने इस आर्टिकल में ‘Ionization Urja‘ या कहें ‘आयनीकरण उर्जा‘ से संबंधित सभी जानकारी का विवरण देने जा रहे हैं।
Ionization Urja Kya Hota Hai
Ionization ऊर्जा, जिसे हम हिंदी में आयनीकरण ऊर्जा कहते हैं। यह ऊर्जा एक प्रकार की ऐसी ऊर्जा होती है। जो एक अणु को उसके न्यूक्लियस से अलग करने के लिए जरूरी होता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान एक ऊर्जा बाहर से अणु तक पहुंचाई जाती है। जो अणु के बाहरी इलेक्ट्रॉनों को उसके परमाणु चुंबकीय क्षेत्र से अलग-अलग करने में सहायता प्रदान करती है। जब यह सब होता है, तब अणु के बाहरी इलेक्ट्रॉनों का उनके परमाणु चुंबकीय क्षेत्र से अलग हो जाना, अणु को Ionization कर देता है। Ionization ऊर्जा धातुओं और अणुओं को Ionization की प्रक्रिया के माध्यम से इलेक्ट्रॉन कम करने में उपयोगी मानी जाती है। यह उपयोग धातुओं की क्रियाओं, रासायनिक प्रयोग, जैसे अणु-अणु संघटन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण के लिए किया जाता है।
Ionization Urja की इकाई
आयनीकरण ऊर्जा एक इलेक्ट्रॉन को गैसीय परमाणु के 1 मोल से अलग करने के लिए जरूरी ऊर्जा होता है। जिसे की KJmol-1 की ईकाई से मापा जाता है।
Ionization Urja के कारक
आयनीकरण ऊर्जा के कुछ मुख्य बिंदुओं या कहें कारकों पर नजर डालते हैं। जिसके बारे में हमने ‘नीचे’ विस्तार से बताया है।
- धातु या अणु के प्रकार – आयनीकरण ऊर्जा का उत्पाद उत्तेजित धातु या अणु की प्रकृति पर निर्भर करता है। विभिन्न धातुओं और अणुओं की ऊर्जा अलग-अलग प्रकार की होती है। इस तरह आयनीकरण ऊर्जा धातु या अणु के प्रकार पर भी निर्भर होती है।
- ऊर्जा की मात्रा – आयनीकरण ऊर्जा का उत्पाद करने के लिए ऊर्जा की मात्रा भी एक महत्वपूर्ण कारक होती है। धातु या अणु को उत्तेजित करने के लिए ऊर्जा की मात्रा और उसकी अवधि और उसके अंतराल की भी एक निर्धारित समय सीमा होती है। जिस पर आकर आयनन ऊर्जित अवस्था में पहुंच जाता है और आयनीकरण ऊर्जा का उत्पाद होता है।
- अवस्था या स्थिति – आयनीकरण ऊर्जा के उत्पाद के लिए किसी भी धातु को या अणु को उत्तेजित करने के लिए उसकी अवस्था का सही होना भी एक महत्वपूर्ण कारक होता है। इस प्रक्रिया में से तापमान का होना और भी अन्य प्रकिया। जैसे कि बिजली विकिरण, उच्च तापमान का इस्तेमाल करके धातु या अणु को उत्तेजित करने के लिए सही अवस्था का अनुकूल या अनुसरण करना या कहें सही स्थिति को उत्पन्न करना।
- अन्य उत्पाद – आयनीकरण ऊर्जा के उत्पाद में अन्य उत्पाद भी उत्पन्न होते हैं। जैसे कि रेडियो विकिरण, न्यूक्लियर विकिरण।
- प्रतिरोध – यह ऊर्जा किसी भी आयनन के विद्युत विकिरण को रोकने वाले प्रतिरोध को नियमित करती है।
- आयनन का आकार – आयनन का आकार भी ऊर्जा की मात्रा पर प्रभाव डालता है। बड़े आयनन अणुओं में उत्तेजना ऊर्जा अधिक होती है।
- आयनन के प्रकार – आयनन के प्रकार भी ऊर्जा की मात्रा पर प्रभाव डालते हैं। उच्च पावर आयननों जैसे कि गेम आयनन ऊर्जा की मात्रा अधिक होती है।
- विद्युत विकिरण के दौरान निकटता – यह ऊर्जा किसी भी विद्युत विकिरण के दौरान आयननों के निकटता को नियमित करती है। ज्यादा निकटता वाले आयननों के बीच ऊर्जा का अंतर अधिक होता है। जो ऊर्जा की मात्रा बढ़ाता है।
Ionization Urja को नियंत्रण करने के मुख्य कारक
आयनीकरण ऊर्जा को नियंत्रित करने वाले कारक निम्नलिखित होते हैं। जिसके बारे में हमने नीचे बताया है।
- प्रकार और अवस्था – प्रकार और अवस्था मतलब वह धातु और अणु किस प्रकार और उनकी स्थिति क्या है? उसके आधार पर आयनीकरण ऊर्जा को नियंत्रित करने का पहला कारक धातु या अणु के प्रकार और अवस्था होता है। धातु या अणु के प्रकार और अवस्था को नियंत्रित करके आयनीकरण ऊर्जा की मात्रा और दिशा को नियमित किया जा सकता है।
- ऊर्जा की मात्रा – आयनीकरण ऊर्जा को नियंत्रित करने का दूसरा महत्वपूर्ण कारक ऊर्जा की मात्रा होती है। ऊर्जा की मात्रा को नियंत्रित करके धातु या अणु को उत्तेजित करने की आवश्यक ऊर्जा की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए आयनीकरण ऊर्जा के लिए ऊर्जा की मात्रा को नियंत्रित करना बेहद ही महत्त्वपूर्ण कारक माना जाता है।
- संयोजन – आयनीकरण ऊर्जा को नियंत्रित करने का तीसरा कारक संयोजन को माना जाता है। धातु या अणु को उत्तेजित करने के लिए अन्य धातुओं या अणुओं के साथ संयोजन का उपयोग किया जाता है। संयोजन विभिन्न प्रकार की विधियों द्वारा हो सकता है। जैसे कि उच्च तापमान, विद्युत विकिरण, या अन्य रासायनिक विधियों का उपयोग करके आयनीकरण ऊर्जा को नियंत्रण किया जा सकता है।
Ionization Urja और बोह्र का परमाणु मॉडल
आयनीकरण ऊर्जा और बोह्र का परमाणु मॉडल की बात करें तो इन दोनों के बीच गहरा संबंध है। बोह्र का परमाणु मॉडल एक प्रकार का समझौता मॉडल है। जो परमाणु संरचना को समझने मे सहयोग करता है। जबकि आयनीकरण ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया को समझने में सहयोग करती है। जिसके बारे में हमने नीचे विस्तार से बताया है।
आयनीकरण ऊर्जा
आयनीकरण ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया की बात करें तो उसमें धातु या अणु को उत्तेजित कर उससे एक इलेक्ट्रॉन निकाला जाता है। इस तरह की ऊर्जा उत्पाद प्रक्रिया में उत्तेजित धातु या अणु को अलग करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। जो उसे आयनीकृत करने में सहायक होती है।
बोह्र का परमाणु मॉडल
बोह्र का परमाणु मॉडल में परमाणु को एक केंद्रीय निकटतम संभावित आवास में माना जाता है। जिसे इलेक्ट्रॉन आवास भी कहा जाता है। इस मॉडल में इलेक्ट्रॉन के पास आकर्षक विकर्षक तरह का फोर्स होता है। जो उसे अपने आवास से दूर की ओर खींचता है और इस प्रकार वह परमाणु को अपने संभावित निकटतम आवास के पास रखता है। इस तरह से हम कह सकते है कि आयनीकरण ऊर्जा और बोह्र का परमाणु मॉडल दोनों के बीच गहर संबंध है।
Ionization Urja Kya Hota Hai निष्कर्ष (Conclusion)
आज हमने इस लेख में Ionization Urja Kya Hota Hai, आयनीकरण ऊर्जा, आयनीकरण ऊर्जा के कारक क्या है, इसके साथ ही में आयनीकरण ऊर्जा और बोह्र का परमाणु मॉडल में क्या संबंध है इत्यादि के बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई। अगर आपको हमसे कोई सवाल या सुझाव देना है तो कृपया नीचे कॉमेंट बॉक्स में हमें लिख भेजिए। यदि आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तो और परिवार के साथ सोशल मीडिया में जरुर साझा करे। इससे जुड़ी और भी जानकारी और इसमें आने वाले अपडेट की जानकारी के लिए इस लेख से अवश्य जुड़े।
FAQs
प्रश्न: Ionization Urja की इकाई क्या है?
उत्तर: KJmol-1 की ईकाई से मापा जाता है।
प्रश्न: उच्चतम प्रथम आयनन विभव वाला तत्व कौन है?
उत्तर: उच्चतम प्रथम आयनन विभव वाला तत्व नाइट्रोजन (N) है।
प्रश्न: बोह्र का परमाणु मॉडल क्या है?
उत्तर: इस मॉडल में इलेक्ट्रॉन के पास आकर्षक विकर्षक तरह का फोर्स होता है। जो उसे अपने आवास से दूर की ओर खींचता है और इस प्रकार वह परमाणु को अपने संभावित निकटतम आवास के पास रखता है।