Lampi Rog Kya Hai – इसके लक्षण, बचाव की पूरी जानकारी

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भारत में एक बड़ी आबादी में लोग पशुधन से जुड़े हुए है। ऐसे में कोरोना वायरस महामारी और मंकी पॉक्स के बाद एक और वायरस आ चुका है। यह वायरस पशुओं में तेजी से फैल रहा है। जिसका नाम इन दिनों चर्चा में भी है। इस रोग का नाम लंपी रोग है। जिसके मामले आए दिन बढ़ते ही जा रहे है। यह वायरस लाखो की संख्या में पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा है। सरकार की ओर से सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे है। जिससे कि लंपी रोग से ग्रसित पशुओं को इससे बचाया जा सके।

अभी तक इस रोग का एंटीडोज नही बन सका है। इस कारण से भी पशुओं को मौत हो रही है। इस रोग से संबंधित लोगो के मन में कई सवाल है जिसे आज हम इस लेख के माध्यम से उन सवालों के जवाब को जानेंगे। तो चलिए जानते है कि लंपी रोग क्या है ( Lampi Rog Kya Hai ), इसका इतिहास, लक्षण, कारण, बचने के उपाय इत्यादि के बारे में संपूर्ण जानकारी आज हम इस लेख के माध्यम से देने जा रहे है।

लंपी रोग क्या है (Lampi Rog Kya Hai)

लंपी रोग एक तरह संक्रामक रोग है। जो एक संक्रमित पशु के साथ रहने वाले या उनके संपर्क में आने से दूसरो पशुओं को यह रोग हो जाता है। लंपी रोग को गांठदार त्वचा रोग वायरस भी कहा जाता है। लंपी रोग को LSDV यानी Lumpy Skin Disease Virus के नाम से भी जाना जाता है। पशुओं में यह रोग Capri Poxvirus नाम के वायरस के कारण होता है।

यह वायरस तीन प्रजातीय के देखे गए है। पहली प्रजाति कैप्रि पॉक्स वायरस, दूसरी प्रजाति गोट पॉक्स वायरस और तीसरी प्रजाति शीप पॉक्स वायरस है। Lampy Skin Disease In Hindi मच्छर के काटने और खून को चूसने वालो कीड़ों की सहायता से यह रोग एक पशु से दूसरे पशु को हो रही है।

लंपी रोग का इतिहास (History Of Lumpi Disease)

लंपी रोग एक वायरल रोग है। इस वायरस का संबंध पॉक्स फैमिली से है। यह रोग सबसे पहले 1929 में अफ्रीका में देखी गई थी। मूल रूप से अफ्रीकी रोग होने के कारण इस रोग से संबंधित मामले अधिक कर के अफ्रीका के कुछ राज्यों में देखे गए है। ऐसा कहा जाता है कि यह रोग जाम्बिया देश से शुरू हुई थी और यह फैलते फैलते 1929 में पूरे दक्षिण अफ्रीका में फैल गई थी। इस रोग की फैलने की गति 2012 से तेज हो गई थी।

इस रोग के मामले 2015 में तुर्की और ग्रीस, 2016 में रूस, 2019 में बांग्लादेश और चीन, 2020 में भूटान और नेपाल, 2021 में भारत में देखे गए है। जानकारों की माने तो भारत में सबसे पहले लंपी रोग का मामला 2019 में पश्चिम बंगाल में पाया गया था। उस समय यह संक्रमण ज्यादा तेजी से पशुओं को गर्सित नही करता था। लेकिन 2021 में 15 से भी अधिक राज्यों को लंपी स्किन डिजीज वायरस का संक्रमण अपना शिकार बना चुका था।

लंपी रोग के लक्षण (Symptoms Of Lumpi Disease)

Lumpy Skin Disease Virus के नाम से जाने जाना वाला रोग “लंपी रोग” एक तरह का संक्रमण होता है। जो अधिकतर पशुओं यानी गाय और भैंसों में देखा गया है। इस वायरस से मादा पशुओं में बांझपन, गर्भपात, निमोनिया और लंगड़ापन जैसी समस्या देखने को मिली है। अगर आपके पशुओं के शरीर में भी यह संक्रमण बढ़ रही है तो इसका पता लगाया जा सकता है।

लंपी रोग के कुछ लक्षण है जिससे पता लगाया जा सकता कि आपके पशुओं के शरीर में इस रोग का संक्रमण हो चुका है। लंपी रोग के कुछ मुख्य लक्षण जो निम्न है:–

  • त्वचा पर गांठों का बनना (सिर, गर्दन, जननांगों के समीप)
  • गांठों का बड़ा होना और घाव बनना
  • बुखार आना
  • वजन में लगातार कमी
  • नाक और आंखों से पानी आना
  • लार का बहाना
  • दूध का कम देना
  • भूख का कम लगना

लंपी रोग के होने के कारण (Due To Lumpi Disease)

लंपी रोग में पशुओं के त्वचा पर गांठ जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसलिए इस रोग को “गांठदार त्वचा रोग वायरस” भी कहते है। आपके पशुओं में लंपी रोग के लक्षण दिखाई देने ये कुछ कारण है जो निम्न है:–

  • लंपी रोग से ग्रसित पशु को अन्य पशुओं के साथ रखना
  • समय रहते रोग का पता न चलना
  • मच्छरों, मक्खियों, टिक्कों, खून चूसने वाले कीड़ों इत्यादि के जरिए यह रोग पशुओं को हो जाती है।
  • संक्रमित पशुओं के लार से भी अन्य पशुओं में लंपी रोग फैलता है।
  • दूषित और संक्रमित पानी और भोजन से भी इस रोग के लगने का खतरा होता है।
  • पशुओं में लंपी रोग के लक्षणों को बार बार नजरअंदाज करना भी एक कारण हो सकता है। कि इससे अन्य पशुओं में इसके संक्रमण के फैलने की संभावना बढ़ सकती है।

लंपी रोग के लिए वैक्सीन (Vaccine For Lumpy Disease)

लंपी रोग भारत के 10 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों तक फैल चुका है और इसके फैलने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। राज्यों में 11 लाख से अधिक पशुओं को लंपी रोग से संक्रमित पाया गया है। ऐसे में पशुओं की हो रही मृत्यु को रोकने या उनपर लगाम लगाने के लिए पशुओं को वैक्सिनेट करना ही एक रास्ता है।

भारत के पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के द्वारा लंपी रोग के संक्रमण से बचाव के लिए पशुओं को टीका लगाया जा रहा है। केंद्र सरकार की सहायता से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के दो संस्थानों के द्वारा पशुओं के लिए एक स्वदेसी टीका बनाया गया है। जिससे लंपी रोग में नियंत्रण पाया जा सकता है। इस वैक्सीन नाम का नाम “लंपी-प्रोवैकइंड” वैक्सीन है।

लंपी रोग से बचने के उपाय (Ways To Prevent Lumpi Disease)

गांठदार त्वचा रोग वायरस या लंपी रोग से अपने पशुओं को बचाने के लिए अभी तक कोई खास तरह की दवा मौजूद नहीं है। इसके लिए कोई विशेष तरह एंटीवायरल दवाएं भी नही है जिससे की इसे कंट्रोल किया जा सके। सरकार के द्वारा लगाए जाने वाले वैक्सीन जो की इस रोग पर नियंत्रण पा सकता है इस पर ही निर्भर रहा जा सकता है।

इसके अलावा पशुओं के त्वचा पर होने वाले गांठ और होने वाले घाव पर भी स्प्रे और उपचार (Lampy Skin Disease Treatment) किया जाना चाहिए। जिससे संक्रमण और निमोनिया को रोका जा सके। इसके बारे में सही जानकारी ना होने के स्थिति में आपको पशु चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए और उनके कहे अनुसार ही दवा और उपचार करना चाहिए। लेकिन अगर कुछ सावधानियां पहले से ही रखे तो लंपी रोग से अपने पशुओं को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। जो निम्न है:–

  • लंपी रोग से संक्रमित पशु को अन्य पशुओं के साथ ना रखे।
  • जहां आप अपने पशुओं को रखते है वहां की अच्छे से साफ सफाई होनी चाहिए।
  • चारा, मक्खी-मच्छर इत्यादि के द्वारा यह रोग फैलता है। अतः मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे इस्तेमाल करना चाहिए।
  • अपने पशुओं को संक्रमण से बचने के लिए गोट पॉक्स वैक्सीन जरूर लगवाएं।
  • प्रदर्शनी, मंडी और मेले में पशुओं को ले जाने से बचे। इससे संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से आपके पशु भी संक्रमित हो सकते है।
  • इसके अलावा पशुओं में लंपी रोग के लक्षण दिखाई देने पर ऐसे पशुओं को ना ही खरीदे और ना ही बेचें।
  • संक्रमित पशुओं के इलाज में उपयोग किए हुए समानो को इधर उधर ना फेके।
  • संक्रमित पशुओं के उपचार हेतु पशु चिकित्सक के कहे अनुसार ही दवा दे और अन्य उपचार करे।

लंपी रोग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Some Important Facts Related To Lumpi Disease)

  • भारत में लंपी रोग 10 अधिक केंद्र शासित राज्यों और अन्य राज्यों में तेजी से फैल चुका है।
  • इस रोग के वजह से पशुओं के त्वचा में गांठ की समस्या बन जाती है। यह अक्सर सिर, गर्दन, जननांगों के आसपास की जगहों में देखे जाते है। इसके साथ साथ गांठे बड़े होकर एक घाव का रूप ले लेती है।
  • गुजरात और राजस्थान में इस बीमारी के बढ़ते मामले ज्यादा देखे गए है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अंडमान निकोबार जैसे राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में लंपी रोग के संक्रमण के मामले देखे जा रहे है।
  • लंपी रोग से संक्रमित पशुओं को तेज बुखार आती है। जिसके कारण दुधारू पशु दूध का उत्पादन कम कर देते है। इस रोग के कारण मादा पशुओं में बांझपन और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। जिससे पशुओं की मौत हो सकती है।
  • लंपी रोग से संक्रमित दुधारू पशुओं का दूध पीने से कोई भी संक्रमण या शरीर में कोई भी नुकसान को नहीं देखा गया है। अभी तक इससे संबंधित कोई भी मामला देखने को नहीं मिला है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दूध को इस्तेमाल करने से पहले इसे 100°C तक उबालना चाहिए। जिससे संक्रमण खतरा कम हो जाता है।
  • भारत में सबसे पहले लंपी रोग का संक्रमण 2019 में पश्चिम बंगाल में देखा गया था।
  • लंपी रोग का संक्रमण, संक्रमित पशुओं से अन्य पशुओं में फैलते दिखा गया है। पशुओं से इंसानों में फैलने का मामला अभी तक नही देखा गया है।
  • “लंपी-प्रोवैकइंड” वैक्सीन का निर्माण, केंद्र सरकार की सहायता से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के दो संस्थानों के द्वारा पशुओं के लिए बनाया गया है। जिससे इस स्वदेसी टीका की सहायता से लंपी रोग में नियंत्रण पाया जा सकता है।
  • यदि किसी पशु की मृत्यु लंपी रोग से संक्रमित होने के कारण हो जाती है तो ऐसे उसके शरीर को दूर ले जाकर एक गड्ढे में दफना देना चाहिए। जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।

निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में लंपी रोग क्या है ( Lampi Rog Kya Hai ), इसका इतिहास, लक्षण, कारण, बचने के उपाय इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

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FAQs:

प्रश्न: लंपी रोग क्या होता है?

उत्तर: लंपी रोग एक तरह संक्रामक रोग है। जो एक संक्रमित पशु के साथ रहने वाले या उनके संपर्क में आने से दूसरो पशुओं को यह रोग हो जाता है।

प्रश्न: लंपी रोग ठीक होने में कितना समय लगता है?

उत्तर: ठीक ठीक बता पाना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन विशेषज्ञों की माने तो 1 से 2 महीने का वक्त लग सकता है।

प्रश्न: लंपी रोग के लिए कौन सा वैक्सीन लगता है?

उत्तर: “लंपी-प्रोवैकइंड” वैक्सीन

प्रश्न: लंपी रोग से संक्रमित पशुओं के दूध का सेवन करना कितना सुरक्षित है?

उत्तर: लंपी रोग से संक्रमित दुधारू पशुओं का दूध पीने से कोई भी संक्रमण या शरीर में कोई भी नुकसान को नहीं देखा गया है।

प्रश्न: क्या लंपी रोग इंसानों में भी हो सकता है?

उत्तर: नही, क्योंकि पशुओं से इंसानों में फैलने का मामला अभी तक नही देखा गया है।