Taraweeh Ki Namaz Kya Hai – तरावीह नमाज अदा करना, रकात और नियत

आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको Taraweeh Ki Namaz Kya Hai, तरावीह की नमाज को बीच में क्यों नहीं छोड़नी चाहिए, पांच वक्त की नमाज के नाम क्या है, तरावीह नमाज से संबंधित जानकारी को अपने इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार पूर्वक उल्लेख करेंगे। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें और यह जाने की पुरुषों और महिलाओं के लिए तरावीह नमाज़ नियत कैसे करें?

दोस्तों नमाज अदा करना मुसलमानों का एक धर्म माना जाता है। जो कि अपने अल्लाह तआला को याद करते हुए दुनिया और अपने देशवासियों की सलामती के लिए दुआ करते हैं। इसलिए प्रत्येक सच्चा मुसलमान रोजाना पांच वक्त की नमाज अदा करता है। ऐसी ही एक तरावीह की नमाज होती है, जो खासकर रमजान के महीने में रोजे रखने के दौरान मुसलमानों के द्वारा अदा की जाती है।

तरावीह की नमाज क्या है?

Taraweeh Ki Namaz Kya Hai (Taraweeh Ki Namaz In Hindi)

दोस्तों कुरान पाक किताब के अनुसार अल्लाह की रहमत से मुसलमान को नमाज पढ़ने को दी गई है। हर मुसलमान का एक कर्ज और फर्ज दोनों होते है। कि वह अल्लाह की देन में नमाज अदा करें। रमजान के दिनों में नमाज करने का अपना एक अलग ही त्योहार होता है। तरावीह शब्द की अरबी में व्याख्या करे, तो इस शब्द को तरविह भी कहते हैं। जो हिंदी शब्दावली के अनुसार बहुवचन बनता है। जिसका अर्थ होता है कि एक साथ मिलकर नमाज को अदा करना।

सुन्नी मुस्लिमानों ने इस तरह की नवाज का परिचालन किया था। जिसमें उन्होंने रात के दौरान पढ़ी जाने वाली नमाज के अनुसार वह इस नमाज को ठहरकर और आराम करके ही नमाज को अदा करते हैं। इस  तरह की नमाज को प्रतेक 4 रकात के बाद थोड़ा रुक कर आराम कर-कर पढ़ा जाता है। इसलिए इस तरह कि नमाज को तरावीह की नमाज कहकर संबोधित किया गया हैं।

Taraweeh की रकात कितनी होती है

दोस्तों तरावीह की नमाज करने की अपने आप में खास विशेषता होती है। इस तरह की नमाज खासतौर पर रमजान के महीने में रमजान शरीफ का चांद देखने से लेकर ईद का चांद देखने के दौरान तक मुसलमान प्रत्येक दिन अदा करते हैं। तरावीह नमाज से पहले ईशा नमाज को अदा किया जाता है। इस तरह पूरी 37 रकात नमाज को अदा किया जाता है। इस तरह 10 सलाम में 20 रकात नमाज होती है।

ईशा नमाज में 20 रकात की जाती है और प्रत्येक दो रकात नमाज के बाद सलाम फेरने का प्रचलन होता है। इस तरह एक नमाज के दौरान पांच दुआएं पढ़ी जाती है। वहीं प्रत्येक 4 रकात के बाद दुआ अदा की जाती है। इस नमाज के दौरान प्रत्येक नमाजी और मुसलमान देश और दुनिया के लिए दुआ अदा करते हैं और सब जगह खुशहाली छाए और बरकत बनी रहे। इसकी भी दुआ अल्लाह से की जाती है। इस तरह प्रत्येक नमाजी और सच्चा मुसलमान तरावीह की नमाज को 27 दिन तक लगातार अदा करता है। इससे उनके ऊपर हमेशा अल्लाह की रहमत से बरकत बनी रहती है।

Taraweeh की नियत करने का तरीका

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं। की तरविह अरब भाषा का बहुवचन शब्द है। जिसका मतलब होता है एक से ज्यादा और एक साथ। तरावीह नमाज अदा करने के लिए लगभग 2 घंटे का समय लगता है। इस नमाज के दौरान यह नमाज एक ऐसे स्थान पर पढ़ी जाती है। जहां पर सभी नमाजियों और मुसलमानों को एकत्रित होना होता है। इस नमाज के दौरान एक के साथ एक मतलब जब नमाजमी नमाज को अदा करते हैं। तो उस दौरान उनके बीच में किसी भी तरह का कोई भी गैप नहीं होना चाहिए। मतलब एक दूसरे के साथ सटे हुए ही तरावीह की नमाज अदा करना होता है। तरावीह की नमाज करने का तरीका महिला और पुरुषों के लिए अलग अलग होते है।

महिलाओं को Taraweeh की नियत कैसे अदा करनी चाहिए

महिलाओं को तरावीह की नियत करते समय कहना चाहिए कि, मैं नियत करती हूं कि दो रकात सुन्नत तरावीह नमाज की, अल्लाह तआला के लिए, ईशा वक्त का होगा, मक्का काबा की और मुंह मेरा, अल्लाहु अकबर कहकर अपने हाथ ऊपर की ओर करके नियत बांध लेते हैं। इस तरह महिलाएं तरावीह की नियत करती है।

पुरूषों को Taraweeh की नियत कैसे अदा करनी चाहिए

दोस्तों पुरुषों के लिए तरावीह नमाज की नियत करते समय सुन्नत तरविह नमाज की दो रकात की नियत होती है। जैसे की मैंने, अपने अल्लाह ताला के लिए ईशा का वक्त पीछे इस इमाम के काबा शरीफ की तरफ मुंह मेरा अल्लाहु अकबर कहकर अपने हाथों को नियत बांध कर सना पढेंगे। इस प्रकार पुरुष तरावीह की नियत करते हैं।

Taraweeh Ki Namaz अदा करने का तरीका

दोस्तों तरावीह की नमाज अदा करने का तरीका होता है। जिसमें हमें 20 रकात नमाज को अदा करना होता है। इस दौरान दो-दो की 4 रकात नमाज को पूरा करने के बाद ही तरावीह की नमाज की दुआ अदा करना चाहिए। उसके बाद फिर से दो-दो की 4 रकात नमाज को पूरा करें और फिर से तरावीह की नमाज की दुआ को अदा करें। इस तरह आप जब तक 20 रकात नमाज पूरी ना हो जाए। तब तक यह क्रम दोहराते रहें और ऐसा ही करते रहें।

महिलाएँ, बच्चे या लड़के तरावीह की नमाज को घर पर अदा कर सकते हैं। जैसे व अन्य नमाज को अदा करते हैं। पुरुष मस्जिद में जाकर अपनी तरावीह नमाज को अन्य नमाज की तरह अदा करने के बाद फिर जो मस्जिद के अंदर इमान जो पढ़ता है। उस बात को मन और ध्यान लगाकर अच्छे से सुने और फिर दोहराते हुए अपनी तरावीह की नमाज अदा करें।

Taraweeh Ki Namaz को बीच में क्यों नही छोड़ना चाहिए

दोस्तों तरावीह की नमाज, जो कि रमजान के महीने में शुरू होती है। अपने पहले रोज़ के साथ पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार रमजान के महीने में प्रत्येक मुसलमान को तरावीह की नवाज को हर रोज अपनी नियत के अनुसार अदा करना चाहिए। इस नमाज को अदा करने का मकसद कुरान शरीफ का तीस पारा खत्म करना होता है। एक नमाज के दौरान पढ़ी जाने वाली आयातों, जो कुरान शरीफ में लिखी गई आयात, सूरह, पारा और हिफ्ज कुरान हाफिज के माध्यम से पढ़ी जाती है। इस तरह रमजान के महीने में रोजों के दौरान नमाजी और मुसलमानों को हर रोज तरावीह की नमाज अदा करना होता है।

जिससे कि कुरान शरीफ का तीस पारा खत्म हो जाता है। सुन्नत मौअक्क्दा के द्वारा तरावीह नमाज अदा की जाती है। इसीलिए सच्चे नमाजी और मुसलमानों को इस नमाज को एक बार शुरू करने के उपरांत बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसे में अल्लाह तआला नाराज हो जाते हैं और एसे मुसलमानों के सिर के ऊपर से अल्लाह तआला का हाथ उठ जाता है और उनकी जिंदगी में से बरकत और रहमत दूर जाने लगती है।

पांच वक्त की नमाज के नाम

कुरान शरीफ किताब जो कि अल्लाह तआला की देन है। उस पुस्तक के अनुसार नमाजी और सच्चे मुसलमान को अपनी पांच वक्त की नमाज को अदा करना चाहिए। जिससे अल्लाह तआला रसूल उनकी जिंदगी में खुशियां भर देते हैं। पांच वक्त की नमाज के नाम इस प्रकार है- फज्र, जोहर, असर, मगरिब और ईशा रमजान महीने में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज़ है।

Taraweeh Ki Namaz निष्कर्ष:

आज हमने इस लेख में Taraweeh Ki Namaz Kya Hai, तरावीह की नमाज को बीच में क्यों नहीं छोड़नी चाहिए, पांच वक्त की नमाज के नाम क्या है इत्यादि के बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई। यदि आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तो और परिवार के साथ सोशल मीडिया में जरुर साझा करे। इससे जुड़ी और भी जानकारी और इसमें आने वाले अपडेट की जानकारी के लिए इस लेख से अवश्य जुड़े।

FAQs:

प्रश्न: तरावीह की नमाज का क्या मतलब है?

उत्तर: तरावीह शब्द की अरबी में व्याख्या करे, तो इस शब्द को तरविह भी कहते हैं। जो हिंदी शब्दावली के अनुसार बहुवचन बनता है। जिसका अर्थ होता है कि एक साथ मिलकर नमाज को अदा करना।

प्रश्न: पांच वक्त की नमाज के नाम क्या है?

उत्तर: फज्र, जोहर, असर, मगरिब और ईशा रमजान महीने में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज़ है।

प्रश्न: तरावीह की कितनी रकात होती है

उत्तर: तरावीह नमाज से पहले ईशा नमाज को अदा किया जाता है। इस तरह पूरी 37 रकात नमाज को अदा किया जाता है। इस तरह 10 सलाम में 20 रकात नमाज होती है।