5 मुखी रुद्राक्ष क्या है – 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

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5 मुखी रुद्राक्ष को जानने से पहले आपको ये जानना चाहिए कि रुद्राक्ष क्या है? रुद्राक्ष एक सदाबहार पेड़ है। जो ऑस्ट्रेलिया, नेपाल, दक्षिण पूर्वी एशिया, गंगा और हिमालय के मैदानों में पाए जाते है। ऐसा माना जाता है कि यह रुद्राक्ष भगवान शिव के आसूंओ से उत्पन्न हुए है। रुद्राक्ष का नाम दो शब्दो “रूद्र” और “अक्ष” से मिलकर बना है। जहां पर रूद्र का तात्पर्य भगवान महादेव से है और अक्ष का तात्पर्य आसूं से है। मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान शिव कठोर तपस्या में लीन हो गए थे। कई वर्षो के बाद जब उन्होंने अपनी आंखे खोली तो उनके आंखों से अश्रु की कुछ बूंदे धरती पे गिर गई और ये अश्रु, रुद्राक्ष के रूप में बदल गए। जिससे रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई।

प्राचीन काल से ही लोग रुद्राक्ष को सही नियम और विधि पूरक धारण करते है और आध्यात्मिक, दुख निवारक माला के रूप में इसे धारण करते है। तो ये रही रुद्राक्ष में कुछ जानकारी अब हम आपको 5 मुखी रुद्राक्ष क्या है, 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे, 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम और विधि इत्यादि के बारे में इस लेख के माध्यम से संपूर्ण जानकारी देने जा रहे है। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

5 मुखी रुद्राक्ष क्या है

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5 मुखी रुद्राक्ष क्या है (5 Mukhi Rudraksha In Hindi)

पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष 38 मुखी तक पाए जाते है। ऐसे में 5 मुखी रुद्राक्ष भी रुद्राक्ष का एक प्रकार ही है। आमतौर पर जिस रुद्राक्ष के पांच मुख होते है उसे ही 5 मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। पांच मुख होने के कारण इसे पंचमुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है। 5 मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि के रूप से भी जाना जाता है। इस रुद्राक्ष पर पांच देवताओं की कृपा हमेशा रहती है। इसी कारण से 5 मुखी रुद्राक्ष बहुत खास माना गया है। 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के सभी बुरे प्रभावों का अंत होता है।

इसके साथ साथ इसको धारण करने से व्यक्ति के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा भी पूरी तरह समाप्त हो जाती है। 5 मुखी रुद्राक्ष पर मां दुर्गा, भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान विष्णु और सूर्य देव की खास कृपा रहती है। 5 मुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह बृहस्पति है। 5 मुखी रुद्राक्ष सर्व कल्याणकारी, मंगलकारी और आयुष प्रदान करने वाला भी होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले लोग पर भगवान शिव का आशीर्वाद रहता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

5 मुखी रुद्राक्ष को किसे पहनना चाहिए (Who Should Wear 5 Mukhi Rudraksha)

5 मुखी रुद्राक्ष को समृद्धि और सफलता के लिए धारण किया जाता है। इस रुद्राक्ष के धारण मात्र से जीवन में आने वाले अनेक तरह के रुकावट, रोग व्याध हर तरह के बुरे प्रभाव को समाप्त करती है। 5 मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है चाहे वो पुरुष, महिला या बच्चे ही क्यों ना हो, हर कोई इसे आसानी से धारण कर सकता है।

5 मुखी रुद्राक्ष वो धारण कर सकते है जिन जातकों के कुंडली में बृहस्पति का असर अच्छा ना हो, यानी अशुभ हो। इसके साथ साथ हृदय रोगी, नींद ना आने की समस्या, तनाव, एसिडिटी, सिर में दर्द इत्यादि रोगों से पीड़ित व्यक्ति भी 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वाले व्यक्ति को ही 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे (5 Mukhi Rudraksha Advantage)

5 मुखी रुद्राक्ष को बहुत ही शुभ माना गया है क्योंकि यह भगवान शिव का प्रिय रुद्राक्ष है। इस रुद्राक्ष को कोई भी धारण कर सकता है। जो भी जातक 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है, उन्हे अनेक तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के अनगिनत फायदे है जो निम्नलिखित है:–

  • 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने व्यक्तियों का हेल्थ हमेशा अच्छा रहता है और वो हमेशा फिट रहते है।
  • व्यवसायिक दृष्टि से देखा जाए तो 5 मुखी रुद्राक्ष को यदि पत्रकार, राइटर, पंडित इत्यादि लोग धारण करे तो उनको हर क्षेत्र में बहुत ही लाभ मिलेगा।
  • यदि बच्चे 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करते है तो उनका मन पढ़ाई में अच्छी प्रकार से लगता है। यानी बच्चों के पढ़ाई में मन ना लगने की समस्या को दूर करता है।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से असमय आने वाले मृत्यु से बचाता है।
  • बृहस्पति के बुरे प्रभाव से भी यह रुद्राक्ष बचाता है।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष के धारण मात्र से ही यह व्यक्ति को तनाव मुक्त रखता है।
  • नींद न आने की समस्या में भी इससे बहुत अच्छा लाभ प्राप्त होता है।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति का मन अच्छे कामों में लगता है। यानी यह जीवन में नकारात्मकता को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • यह मस्तिस्क को तेज बनाने में भी सहायक होता है।
  • यह 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को डर से मुक्ति प्रदान करता है और साहसी बनाता है।
  • किसी काम को करने में आलस और शिथलन जैसे परेशानियों से भी 5 मुखी रुद्राक्ष, निजात दिलाता है।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से किसी में फोकस यानी एकाग्रता बढ़ती है और साथ ही याद करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है।

रुद्राक्ष के प्रकार और 5 मुखी रुद्राक्ष से लाभ (Types Of 5 Mukhi Rudraksha And 5 Mukhi Rudraksha Benefits)

रुद्राक्ष में भगवान शिव का वास होता है इसलिए इसे बहुत शुभ माना जाता है। सामान्य तौर पर रुद्राक्ष 21 प्रकार के होते है यानी अक्सर रुद्राक्ष 21 मुखी तक देखा जाता है। लेकिन शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष 38 मुखी तक पाए जाते है। कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है कि रुद्राक्ष 14 मुखी तक होते है।

अलग अलग ज्योतिषियों और विद्वानों के अनुसार रुद्राक्ष को लेकर अलग अलग धारणाएं है। लेकिन आज हम रुद्राक्ष के प्रकार के बारे में और उनसे जीवन में क्या लाभ होगा ये भी बताने का प्रयास करेगे। जो अक्सर सभी जगहों में बताया जाता है और ऐसा होता भी है। जो निम्न है:–

रुद्राक्ष के नामरूपलाभ
1 मुखी रुद्राक्षभगवान शंकरसूर्य के दोषों को दूर करने में
2 मुखी रुद्राक्षगौरी शंकर सभी तरह की मनोकामना को पूरा करते है
3 मुखी रुद्राक्षअग्नि देवमंगल दोष के निवारण के लिए
4 मुखी रुद्राक्षब्रह्मात्वचा के रोगों और वाणी की समस्या में
5 मुखी रुद्राक्षकालाग्निशक्ति और ज्ञान की प्राप्ति
6 मुखी रुद्राक्षकार्तिकेयआर्थिक और व्यवसायिक लाभ
7 मुखी रुद्राक्ष सप्तमातृका तथा सप्तऋषियों मृत्युतुल्य कष्टों को दूर करने में
8 मुखी रुद्राक्ष अष्टदेवियों जीवन में सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति
9 मुखी रुद्राक्ष मां भगवती मृत्यु के डर से मुक्ति
10 मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु शांति और सौंदर्य की प्राप्ति
11 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के 11 रुद्रों का ज्ञान और भक्ति को प्रदान करना
12 मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु धन प्राप्ति
13 मुखी रुद्राक्षइंद्र देव शुभ लाभ की प्राप्ति
14 मुखी रुद्राक्ष भगवान हनुमान जी सभी पाप नष्ट होता है

5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के सही नियम (Right Rules For Wearing 5 Mukhi Rudraksha)

पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले कुछ नियम के बारे में आपको जानकारी होना आवश्यक है। नही तो बिना नियम के अगर आप इस रुद्राक्ष को धारण करते है तो जो भी लाभ इसको धारण करने से प्राप्त होता है, उसका लाभ आपको नही प्राप्त हो सकेगा। इसलिए 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले कुछ आवश्यक नियम है जिसे पालन करने के बाद ही धारण करे जो निम्न है:–

  • इसे धारण करने से पहले आपका हाथ पूरी तरह से साफ होना चाहिए और इसमें मिट्टी नही लगी होनी चाहिए। यानी व्यक्ति को सात्विक होना आवश्यक है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से पहले तामसिक भोजन का सेवन न करना सख्त मना है।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष वही व्यक्ति धारण कर सकता है जिसको किसी प्रकार का कोई घमंड या जलन की भावना न हो।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष को शौचालय, शवयात्रा, शमशान या गंदी जगहों पर नही पहनना चाहिए।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष को लाल, पीला और सफेद धागे में ही धारण करना चाहिए।
  • 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने बाद रोजाना नियम से भगवान शिव की आराधना एवं पूजा करना अनिवार्य होता है।

5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान (Identification Of 5 Mukhi Rudraksha)

हम जानते है कि जिस रुद्राक्ष के पांच मुख होते है उसे ही 5 मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। यानी पांच मुख इसकी पहचान है। इसके अलावा इसे पहचानने के लिए आपको रुद्राक्ष को थोड़ा पानी में डाल कर उबालना होगा। रुद्राक्ष को उबालने से अगर रुद्राक्ष कोई भी रंग नहीं छोड़ता है तो यही असली रुद्राक्ष है, इसकी पहचान इस प्रकार से हो सकती है।

एक तरीका और भी है जिससे यह पता लगाया जा सकता है की ये 5 मुखी रुद्राक्ष असली है या फिर नकली है? इसके लिए आपको रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डाल कर छोड़ दे और यह देखे कि इसके रंग की तरह गहरा रंग निकलता दिखाई दे रहा है या नही। अगर इसके रंग जैसा ही गहरा रंग निकलते दिखाई दे रहा है तो यही असली पांच मुखी रुद्राक्ष है।

5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि (How To Wear 5 Mukhi Rudraksha)

5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का सही तरीका या विधि की जानकारी होना आवश्यक है। 5 मुखी रुद्राक्ष को पूरे श्रद्धा भाव और भगवान के मंत्रों को जपते हुए धारण करना मंगलकारी और लाभकारी होता है। इसको धारण करने से आपकी सारी मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण होती है। 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि जो निम्नलिखित है:–

  • 5 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार या वृहस्पति के दिन धारण करना शुभ होता है। इसलिए दोनो में से किसी एक दिन का चुनाव कर ले।
  • अब सुबह नहाने के बाद साफ कपड़े पहन लेने है।
  • अब भगवान शिव की मूर्ति और शिवलिंग एक साफ चौकी में लाल रंग कपड़े को बिछा कर रख ले।
  • अब भगवान शिव के शिवलिंग को गंगा जल से अभिषेक करे या पंचामृत से नहला दे।
  • अब शिवलिंग को अक्षत, चन्दन, सुपारी, फूल, बेलपत्र, चढ़ा दे।
  • भगवान के सामने एक दिया प्रज्वलित करे और धूप जला ले।
  • भगवान शिव को अब फल और प्रसाद अर्पण करे।
  • अब भगवान शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय का 11 बार जाप करना है।
  • अब शिवलिंग को 5 मुखी रुद्राक्ष को चढ़ा दे। चढ़ाने के बाद अब धारण मंत्र का जाप करते हुए 5 मुखी रुद्राक्ष को धारण कर लेना है। 5 मुखी रुद्राक्ष का धारण मंत्र ॐ ह्रीं क्लीं नम: है।

5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद रोजाना नियम से भगवान शिव की पूजा आराधना करनी चाहिए।

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5 मुखी रुद्राक्ष क्या है निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में 5 मुखी रुद्राक्ष क्या है, 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे, 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के नियम और विधि इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs:

प्रश्न: 5 मुखी रुद्राक्ष क्या है?

उत्तर: 5 मुखी रुद्राक्ष भी रुद्राक्ष का एक प्रकार ही है। आमतौर पर जिस रुद्राक्ष के पांच मुख होते है उसे ही 5 मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। पांच मुख होने के कारण इसे पंचमुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है। 5 मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि के रूप से भी जाना जाता है।

प्रश्न: 5 मुखी रुद्राक्ष को कौन से धागे में पहनना चाहिए?

उत्तर: 5 मुखी रुद्राक्ष को लाल, पीला और सफेद धागे में ही धारण करना चाहिए।

प्रश्न: 5 मुखी रुद्राक्ष कौन कौन पहन सकता है?

उत्तर: 5 मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है चाहे वो पुरुष, महिला या बच्चे ही क्यों ना हो, हर कोई इसे आसानी से धारण कर सकता है।

प्रश्न: 5 मुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है?

उत्तर: भगवान रुद्र कालाग्नि का प्रतीक है।

प्रश्न: 5 मुखी रुद्राक्ष कब पहनना चाहिए?

उत्तर: 5 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार या वृहस्पति के दिन धारण करना शुभ होता है।