एंकर बाइट क्या है – एंकर बाइट की भाषाशैली, सावधानियां, प्रकार

एंकर बाइट क्या है, एंकर बाइट किसे कहते है, एंकर बाइट से आप क्या समझते है, एंकर बाइट का मतलब, एंकर बाइट की सावधानियां, टीवी खबर के प्रकार

जैसा की हम सबको पता है की अखबार पढ़ने से ज्यादा हम सबको दृश्यों को देखकर खबर जल्दी समझ आ जाता है इसीलिए टेलीविजन में दृश्यों की महत्ता सबसे ज्यादा है। यह कहने की जरूरत नहीं कि टेलीविजन किसी खबर को देखने और सुनने का सबसे अच्छा माध्यम है।

टीवी न्यूज या खबर दिखाने में कई चरण होते है जिनमे से एक एंकर बाइट होता है और ये टीवी खबरों में सबसे प्रमुख भाग होता है। आजकल लोग इसे जानना तथा समझना भी चाहते है। आज हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने वाले है की एंकर बाइट क्या है, टीवी खबर के चरण और एंकर बाइट के लिए सावधानियां के बारे में विस्तार से जानेंगे, आगे जरूर पढ़े।

एंकर बाइट क्या है

एंकर बाइट क्या है

एंकर बाइट में “बाइट” का मतलब कथन होता है जो की टेलीविजन न्यूज में बहुत महत्वपूर्ण होता है। “एंकर” का मतलब वह पत्रकार होता है जो मौजूदा खबर को कवर करता है।

अगर हम इसे सरल शब्दों में आपको बताए तो जब हम टेलीविजन में कोई खबर देखते है तो उसमे किसी भी ख़बर का सत्यापन करने के लिए इससे संबंधित कथन या बाइट दिखाई जाती है। किसी घटना की सूचना देने और उससे संबंधित कुछ दृश्य दिखाने के साथ ही उस घटना के बारे में उस घटना को देख रहे व्यक्तियों या उससे संबंधित व्यक्तियों का कथन दिखा और सुनाकर खबर को प्रामाणिकता प्रदान की जाती है।

टेलीविजन खबर का एंकर बाइट एक महत्वपूर्ण चरण है लेकिन टेलीविजन खबर में एंकर बाइट के अतिरिक्त और भी चरण होते है जिससे खबर अच्छे से दिखाई जा सके। आइए जानते है उन सारे चरणों के बारे में विस्तार से, आगे जरूर पढ़े।

एंकर बाइट के अतिरिक्त टी०वी० खबरों के विभिन्न चरण

किसी भी टी०वी० चैनल पर ख़बर देने का मूल आधार वही होता है जो प्रिंट या रेडियो पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रचलित है, यानी सबसे पहले सूचना देना। टी०वी० में भी ये सूचनाएँ कई चरणों से होकर दर्शकों के पास पहुँचती हैं। ये चरण हैं-

  • फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज
  • ड्राई एंकर
  • फोन-इन
  • ऐकर विजुअल
  • एंकर बाइट
  • लाइव
  • एंकर- पैकेज

फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज- सबसे पहले कोई बड़ी खबर फ्लैश या ब्रेकिंग न्यूज के रूप में तत्काल दर्शकों तक पहुँचाई जाती है। इसमें कम से कम शब्दों में महज सूचना दी जाती है।

ड्राई एकर – इसमें एकर खबर के बारे में दर्शकों को सीधे-सीधे बताता है कि कहाँ, क्या, कब और कैसे हुआ जब तक खबर के दृश्य नहीं आते तब तक एकर दर्शकों को रिपोर्टर से मिली जानकारियों के आधार पर सूचनाएँ पहुँचाता है।

फोन-इन – इसके बाद खबर का विस्तार होता है और एंकर रिपोर्टर से फोन पर बात करके सूचनाएँ दर्शकों तक पहुँचाता है। इसमें रिपोर्टर घटना वाली जगह पर मौजूद होता है और वहाँ से उसे जितनी ज्यादा से ज्यादा जानकारियाँ मिलती हैं, वह दर्शकों को बताता है।

एंकर-विजुअल- जब घटना के दृश्य या विजुअल मिल जाते हैं. तब उन दृश्यों के आधार पर ख़बर लिखी जाती है, जो एंकर पढ़ता है। इस खबर की शुरुआत भी प्रारंभिक सूचना से होती है।
और बाद में कुछ वाक्यों पर प्राप्त दृश्य दिखाए जाते हैं।

एंकर- बाइट- एंकर बाइट के बारे में आपने ऊपर जान ही लिया होगा और अगर नही देखा।

लाइव – लाइव यानी किसी खबर का घटनास्थल से सीधा प्रसारण सभी टी०वी० चैनल कोशिश करते हैं कि किसी बड़ी घटना के दृश्य तत्काल दर्शकों तक सीधे पहुँचाए जा सके। इसके लिए मौके पर मौजूद रिपोर्टर और कैमरामैन ओ०बी० वैन के जरिये घटना के बारे में सीधे दर्शकों को दिखाते और बताते हैं।

एंकर-पैकेज – एंकर-पैकेज किसी भी खबर को संपूर्णता के साथ पेश करने का एक जरिया है। इसमें संबंधित घटना के दृश्य, उससे जुड़े लोगों की बाइट, ग्राफिक के जरिये जरूरी सूचनाएँ आदि होती हैं। टेलीविजन लेखन इन तमाम रूपों को ध्यान में रखकर किया जाता है। जहाँ जैसी जरूरत होती है, वहाँ वैसे वाक्यों का इस्तेमाल होता है। शब्द का काम दृश्य को आगे ले जाना है ताकि वह दूसरे दृश्यों से जुड़ सके, उसमें निहित अर्थ को सामने लाए, ताकि खबर के सारे आशय खुल सकें।

एंकर बाइट समाचार की भाषा तथा शैली

टी०वी० आम आदमी तक सम्पूर्ण व सटीक खबर पहुंचाने का प्रमुख माध्यमों में से एक हैं। भारत जैसे विकासशील देश में उसके सुनने और देखने वाले लोगो में पढ़े-लिखे लोगों से अनपढ़ तक और मध्यम वर्ग से लेकर किसान मजदूर तक सभी होते हैं। इन सभी लोगों तक खबर पहुंचाने की जरूरतें पूरी करना ही टी०वी० का उद्देश्य है। लोगों तक पहुँचने का माध्यम भाषा है और इसलिए भाषा ऐसी होनी चाहिए कि वह सभी की समझ में आसानी से आ सके, लेकिन साथ ही भाषा के स्तर और उसकी गरिमा के साथ कोई समझौता भी न करना पड़े।

टेलीविज़न के समाचारों में आपसी बोलचाल की सरल भाषा का प्रयोग

  • वाक्य छोटे, सीधे और स्पष्ट लिखे जाएँ।
  • जब भी कोई खबर लिखनी हो तो पहले उसकी प्रमुख बातों को ठीक से समझ लेना चाहिए।
  • हम कितनी सरल, संप्रेषणीय और प्रभावी भाषा लिख रहे हैं, यह जाँचने का एक बेहतर तरीका
  • यह है कि हम समाचार लिखने के बाद उसे बोल-बोलकर पढ़ लें।
  • भाषा प्रवाहमयी होनी चाहिए।

एंकर बाइट की सावधानियाँ

रेडियो और टी०वी० समाचार में भाषा और शैली के स्तर पर काफ़ी सावधानी बरतनी पड़ती है हमने कुछ सावधानियों को नीचे बताया है, नीचे जरूर पढ़े-

  • ऐसे कई शब्द हैं, जिनका अखबारों में धडल्ले से इस्तेमाल होता है लेकिन टी०वी० खबर में उनके प्रयोग से बचा जाता है। जैसे “निम्नलिखित”, “उपयुक्त”, “अधोहस्ताक्षरित” और “क्रमाक” आदि शब्दों का प्रयोग टीवी खबरों जैसे माध्यमों में बिलकुल मना है। इसी तरह “द्वारा” शब्द के इस्तेमाल से भी बचने की कोशिश की जाती है क्योंकि इसका प्रयोग कई बार बहुत भ्रामक अर्थ देने लगता है।

उदाहरण के लिए – “पुलिस द्वारा चोरी करते हुए दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया”, इसकी जगह पर ऐसे कहना चाहिए “पुलिस ने दो व्यक्तियों को चोरी करते हुए पकड़ लिया” ये ज्यादा स्पष्ट है।

  • तथा एव, अथवा, व, किंतु, परंतु, यथा आदि शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए और उनकी जगह और, या, लेकिन आदि शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • साफ़-सुथरी और सरल भाषा लिखने के लिए गैरजरूरी विशेषणों, सामासिक और तत्सम शब्दों, अतिरंजित उपमाओं आदि से बचना चाहिए। इनसे भाषा कई बार बोझिल होने लगती है।
  • मुहावरों के इस्तेमाल से भाषा आकर्षक और प्रभावी बनती है, इसलिए उनका प्रयोग होना चाहिए। लेकिन मुहावरों का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से और जहाँ जरूरी हो वहीं होना चाहिए, अन्यथा वे भाषा के स्वाभाविक प्रवाह को बाधित करते हैं।
  • वाक्य छोटे-छोटे हों और एक वाक्य में एक ही बात कहनी चाहिए।
  • सभी वाक्यों में जुड़ाव ऐसा हो कि कुछ टूटता या छूटता हुआ न लगे।

निष्कर्ष:

आज हमने इस लेख में एंकर बाइट क्या है, टीवी खबर के चरण और एंकर बाइट के लिए सावधानियां के बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई। यदि आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तो और परिवार के साथ सोशल मीडिया में जरुर साझा करे। इससे जुड़ी और भी जानकारी और इसमें आने वाले अपडेट की जानकारी के लिए इस लेख से अवश्य जुड़े।

FAQs

प्रश्न: एंकर बाइट किसे कहते है?

उत्तर: एंकर बाइट में “बाइट” का मतलब कथन होता है जो की टेलीविजन न्यूज में बहुत महत्वपूर्ण होता है। “एंकर” का मतलब वह पत्रकार होता है जो मौजूदा खबर को कवर करता है।

प्रश्न: एंकर बाइट की भाषाशैली क्या है?

उत्तर: लोगों तक पहुँचने का माध्यम भाषा है और इसलिए भाषा ऐसी होनी चाहिए कि वह सभी की समझ में आसानी से आ सके, लेकिन साथ ही भाषा के स्तर और उसकी गरिमा के साथ कोई समझौता भी न करना पड़े।

प्रश्न: एंकर बाइट में किन शब्दों से बचना चहिए?

उत्तर: तथा एव, अथवा, व, किंतु, परंतु, यथा आदि शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए और उनकी जगह और, या, लेकिन आदि शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।