कैस्टर ऑयल क्या है – कैस्टर ऑयल के उपयोग, फायदे, नुकसान, पौष्टिक तत्व

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प्राचीन काल से ही हमारे देश में स्वास्थ्य समस्याओं के लिए लोग घरेलू नुस्खे या प्राकृतिक दवाओं का इस्तेमाल करते है। शरीर में होने वाली कई समस्याओं से निजात पाने के लिए इन घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल रोजाना किसी न किसी रूप में करते ही है।

इन घरेलू नुस्खों में से एक घरेलू नुस्खा यह भी है जिसका नाम कैस्टर ऑयल है। जिसे अधिकतर लोग अरण्डी के तेल के नाम से जानते है। कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल भी प्राचीन काल से होता आ रहा है।

लेकिन बहुत से लोगो को कैस्टर ऑयल के बारे में ठीक से मालूम नही होता है। तो ऐसे में आज हम कैस्टर ऑयल क्या है, कैस्टर ऑयल के उपयोग, फायदे, नुकसान, पौष्टिक तत्व इत्यादि के बारे में इस लेख के माध्यम से कैस्टर ऑयल से संबंधित संपूर्ण जानकारी देने जा रहे है। अतः इसे अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

कैस्टर ऑयल क्या है (Castor Oil In Hindi)

कैस्टर ऑयल क्या है - कैस्टर ऑयल के उपयोग, फायदे, नुकसान, पौष्टिक तत्व

कैस्टर ऑयल एक तरह का वेजिटेबल ऑइल यानी वनस्पति तेल है जो अरण्डी के बीज से निर्मित होता है। कैस्टर ऑयल को अरण्डी के तेल के नाम से भी जाना जाता है। जो आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने वाला औषधीय तेल है। अरण्डी एक तरह का बारहमासी पैदा होने वाला पुष्पीय पौधा होता है। अरण्डी के बीजों से ही कैस्टर ऑयल बनता है।

कैस्टर ऑयल के प्रकार (Types of Castor Oil)

कैस्टर ऑयल, अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग प्रकार के होते है। वैसे आमतौर पर कैस्टर ऑयल तीन प्रकार के होते है जो निम्न है:–

1) पीला कैस्टर ऑयल

यह कैस्टर ऑयल सीधे अरण्डी के बीजों से निकाला जाता है। इसमें सभी पोषक तत्वों को बिना नुकसान पहुंचाए यानी बिना गर्म किए ही तैयार किए जाते है। यह कैस्टर ऑयल का ऑर्गेनिक रूप होता है। इसका रंग पीला होता है इसलिए इसे पीला कैस्टर ऑयल भी कहा जाता हैं।

2) काला कैस्टर ऑयल

इस कैस्टर ऑयल को प्राप्त करने के लिए इसे गर्म करने की आवश्यकता होती है। जिसके कारण इसमें से राख निकलती है। बचे राख को उस तेल में अच्छी तरह से पूरा मिलाया जाता है। यह तेल काले रंग के होने के कारण इसे काला कैस्टर ऑयल कहते है। इसमें भी पीला कैस्टर ऑयल की तरह ही सभी पोषक तत्व पाए जाते है। लेकिन यह काला कैस्टर ऑयल ज्यादा खारा होता है।

3) हाइड्रोजनेटेड कैस्टर ऑयल

यह कैस्टर ऑयल अन्य कैस्टर ऑयल के अपेक्षा बिना गंध का पानी में ना धुलने वाला तेल होता है। इस कैस्टर ऑयल में एक रासायनिक तत्व होता है जो निकल (Nickel) होता है। जिसके कारण इसे कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए उपयोग किया जाता है। यह पानी में न घुलने की स्थिति या हाइड्रोजनेटेड अवस्था में होने के कारण इसे हाइड्रोजनेटेड कैस्टर ऑयल कहा जाता है।

कैस्टर ऑयल के नाम (Names Of Castor Oil)

कैस्टर ऑयल का नाम अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामों से जाना जाता है। अरण्डी से ही कैस्टर ऑयल यानी अरण्डी के तेल का निर्माण होता है। अरण्डी का वैज्ञानिक नाम रिसिनस कम्युनिस होता है और ये युफोर्बिएसी कुल का होता है। अधिकत्तर लोग इसे अरण्डी के तेल के नाम जानते है। अंग्रेजी में इसे लोग कैस्टर ऑयल (Castor Oil) के नाम जानते है। आयुर्वेद में इसे एरण्ड का तेल, आमण्ड तेल, गन्धर्वहस्तक तेल, पञ्चाङ्गुल का तेल, वर्धमान का तेल, दीर्घदण्ड तेल, वातारि तेल, चित्रबीज का तेल के नाम से भी जाना जाता है।

कैस्टर ऑयल का मुख्य स्त्रोत (Main Source Of Castor Oil)

कैस्टर ऑयल या अरण्डी के तेल का उपयोग हजारों वर्षो से किया जा रहा है।अरण्डी का बीज, कैस्टर ऑयल का मुख्य स्त्रोत होता है। अरण्डी के बीजों में 40 से 60 प्रतिशत तक तेल पाए जाते है। जिसमें ट्राईग्लाइसराइड्स और अधिक मात्रा में रिसिनोलीन पाया जाता है। अरण्डी के बीजों में रिसिन नाम का पदार्थ भी पाया जाता है जो कि विषैला होता है। यह अरण्डी के पेड़ो के सभी भाग में मौजूद होते है। जब अरण्डी के तेल यानी कैस्टर ऑयल बनाया जाता तो ऐसे में तेल को गर्म करने प्रक्रिया के दौरान बीजों में मौजूद विषैले रिसिन एंजाइम पूरी तरह से समाप्त हो जाता है।

कैस्टर ऑयल के उपयोग (Castor Oil Uses In Hindi)

कैस्टर ऑयल एक पीला पारदर्शी तेल होता है। कैस्टर ऑयल से बहुत से महत्वपूर्ण उत्पादों को बनाया जाता है। आपको बता दे कि कैस्टर ऑयल के उपयोग से कृत्रिम चमड़े को निर्मित किया जाता है। इसके साथ साथ पारदर्शी साबुन बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा कैस्टर ऑयल का प्रयोग ज्यादातर आर्युवेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग होता है। आयुर्वेद में कई तरह के शरीर में होने वाले बीमारियों को ठीक करने में इसका उपयोग भारी मात्रा में किया जाता है।

कैस्टर ऑयल में पौष्टिक तत्व (Castor Oil Nutritional Value)

कैस्टर ऑयल या अरण्डी के तेल में कई तरह के पौष्टिक तत्व पाए जाते है। कैस्टर ऑयल में रिकिनोलेइक एसिड की मात्रा सबसे ज्यादा यानी 90% से ज्यादा पाया जाता है। कैस्टर ऑयल में पाए जाने कुछ पौष्टिक तत्व जो निम्न है:–

पौष्टिक तत्वमात्रा
रिकिनोलेइक एसिड85% से 95%
ओलिक एसिड2% से 6%
लिनोलिक एसिड1% से 5%
अल्फा-लिनोलेनिक एसिड0.5% से 1%
पामिटिक एसिड, स्टीयरिक एसिड0.5% से 1%
डायहाइड्रोक्सीस्टीयरिक एसिड0.5% से 1%

कैस्टर ऑयल के फायदे (Benefits Of Castor Oil)

कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जा रहा है। प्राचीन काल में कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल गर्भवती महिलाओ को होने वाले लेबर पेन के दौरान किया जाता था। इसके साथ आंखों में होने वाले की जलन की समस्या से छुटकारा पाने हेतु इसका इस्तेमाल ज्यादा होता था। और भी बहुत से फायदे है कैस्टर ऑयल के जो कि निम्न है:–

  • कैस्टर ऑयल बालों के लिए ज्यादा फायदेमंद बताया जाता है। क्योंकि इसमें प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है। जिससे बालो को अच्छा पोषण मिलता है और बालो में होने वाले कई समस्या से निजात पहुंचाता है। जैसे बालो में होने वाले इनफेक्शन, स्प्लिट एंड्स, बालो को अनियमित टूटना या झड़ना इत्यादि।
  • चेहरे यानी स्क्रीन के लिए भी कैस्टर ऑयल को अच्छा माना जाता है। यह चेहरे में होने वाले कील मुंहासों, फेसिअल टेक्सचर, संवेदनशील त्वचा में होने वाली समस्या इत्यादि को दूर करने में कैस्टर ऑयल काफी फायदेमंद है।
  • कैस्टर ऑयल त्वचा से संबंधित होने वाले परेशानियों को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। जैसे कि त्वचा में खुजली, जलन, मॉइस्चराइज और त्वचा में चिपकने वाले गंदगी या धूल को दूर करता है।
  • यह त्वचा, बालों, चेहरे के अलावा कैस्टर ऑयल दांतो की बीमारियों में भी राहत पहुंचाता है।
  • कैस्टर ऑयल एक तरह से इम्युनिटी बूस्टर का भी कार्य करता है।
  • यह शरीर में होने वाले कई तरह के बैक्टीरिया, मोल्ड वायरस, इत्यादि से भी बचाता है।
  • जोड़ के दर्द, कमर में दर्द, गठिया इत्यादि की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है।
  • कैस्टर ऑयल यानी अरण्डी के तेल से घावों को जल्दी भरने और कीटाणुरहित करने में काफी मदद भी करता है।
  • दाद और फंगल इन्फेक्शन से संबंधित बीमारियों को भी कैस्टर ऑयल की मदद से दूर किया जा सकता है।

कैस्टर ऑयल के नुकसान (Disadvantages Of Castor Oil)

कैस्टर ऑयल या अरण्डी के तेल के बहुत से नुकसान और दुष्प्रभाव है। कैस्टर ऑयल का सेवन अगर आप बिना किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक या अपने अनुमान से इसका ज्यादा मात्रा लेते है तो यह आपको नुकसान कर सकता है। यह आपके शरीर में कई तरह के समस्याओं को पैदा कर सकता है। कैस्टर ऑयल की मात्रा अधिक लेने पर चक्कर आना, बेहोशी, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी, छाती में दर्द होना इत्यादि दुष्प्रभाव शरीर में देखे जा सकते है। अतः इसका प्रयोग अपने चिकित्सक के सुझाव या देखरेख में ही करे। इसके अलावा और भी नुकसान है जो निम्नलिखित है:–

  • कैस्टर ऑयल के सेवन से कभी कभी स्वाद के कारण उल्टी भी आ सकती है।
  • इसके उपयोग से दस्त भी हो सकता है।

कभी कैस्टर ऑयल लेने के बाद में पेट में ऐंठन की समस्या भी हो सकती है।

  • किसी किसी को कैस्टर ऑयल के उपयोग से मुंह या चेहरे में सूजन, त्वचा में चकतो का पड़ना, एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है।
  • महिलाओं में इसके सेवन से एक समस्या यह देखा गया कि गर्भवती महिलाओं को कैस्टर ऑयल के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा हो सकता है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में कैस्टर ऑयल क्या है, कैस्टर ऑयल के उपयोग, फायदे, नुकसान, पौष्टिक तत्व इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: कैस्टर ऑयल किसे कहते है?

उत्तर: कैस्टर ऑयल एक तरह का वेजिटेबल ऑइल यानी वनस्पति तेल है जो अरण्डी के बीज से निर्मित होता है। कैस्टर ऑयल को अरण्डी के तेल के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न: कैस्टर ऑयल को हिंदी में क्या कहते हैं?

उत्तर: कैस्टर ऑयल को हिंदी में अरण्डी का तेल कहते है।

प्रश्न: कैस्टर ऑयल के क्या फायदे हैं?

उत्तर: कैस्टर ऑयल का प्रयोग ज्यादातर आर्युवेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग होता है। आयुर्वेद में कई तरह के शरीर में होने वाले बीमारियों को ठीक करने में इसका उपयोग भारी मात्रा में किया जाता है।