हलाला क्या है | हलाला रस्म क्या है | हलाला क्या होता है | निकाह हलाला क्या है | Halala In Hindi | Muslim Nikah halala In Hindi
भारत को आजाद हुए 70 साल से अधिक हो गए है लेकिन आज भी इस्लाम में हलाला से संबंधित कोई ना कोई नई बात जरूर सामने आती है। हलाला जो की एक रस्म या प्रथा है इससे कई सालो से मुस्लिम औरतों का शौषण किया जा रहा है। कई ऑनलाइन वेबसाइटें है जो हलाला प्रथा को अपना धंधा बना कर बैठे है और हलाला के नाम पर मुस्लिम औरतों को मजबूर कर के उनसे अच्छी खासी मोटी रकम हलाला की गारंटी देते हुए वसूल किए जाते है।
तो चलिए जानते है ये हलाला क्या है और हलाला प्रथा का दुरुपयोग किस प्रकार हो रहा है, आज इन सब सवालों के जवाब इस लेख के माध्यम से हम विस्तार से जानेंगे। हलाला क्या है इसकी पूरी जानकारी के लिए आपको इस लेख को अंतिम तक पढ़ना होगा इसलिए कृपया इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।
हलाला क्या है (What Is Halala In Hindi)
हलाला एक रस्म है और हलाला उन औरतों के लिए होता है जो एक बार अपने पति से तलाक लेने के बाद अपने हालातो के चलते या किसी कारण वश फिर से अपने पति से निकाह करना चाहती है तो ऐसे में उन्हे हलाला का पालन करना पड़ता है। इस रस्म को निकाह हलाला के नाम से भी जाना जाता है। एक पीड़िता के अनुसार, अगर कोई शौहर अपने बीवी को तलाक दे देता है तो शौहर अपनी बीवी से तब तक निकाह नहीं कर पाएगा जब तक उसकी बीवी किसी दूसरे आदमी से निकाह करने के बाद तलाक ना ले ले।
ऐसे में वह तलाक ली हुई बीवी जब तक किसी दूसरे आदमी के साथ निकाह ना करले और उससे शारारिक सम्बंध ना स्थापित कर ले तब तक वह अपने शौहर के साथ दुबारा निकाह नहीं कर सकती। इसी वजह से कुछ मुल्ला-मौलवियों ने इस प्रथा को अपना धंधा बना लिया है। यह मौलवी मुस्लिम महिलाओं को हलाला की पक्की गारंटी देते है और बदले में मोटी रकम लेते है। ऐसे में मुस्लिम औरतों के साथ बहुत ज्यादा उत्पीड़न और शौषण किया जाता रहा है।
कुरान के अनुसार हलाला क्या है?
हलाला, जब एक पत्नी अपने पति से तलाक ले लेती है और पत्नी पूरी सहमति से किसी दूसरे व्यक्ति से निकाह कर लेती है तो अगर बाद में उस दूसरे व्यक्ति से भी किसी कारण वश रिश्ता निभाने में असमर्थ रहती है तो ऐसे उस दूसरे व्यक्ति से भी उसका तलाक हो जाए या उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, तब ऐसे में अगर वह औरत चाहे तो अपने पहले पति से दुबारा निकाह कर सकती है। यही असल इस्लामिक हलाला है। जिसे काजी और मौलवी के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है।
हलाला का इतिहास (History Of Halala)
हलाला की स्थापना पैगंबर के द्वारा की गई थी। इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट के रिसर्च एसोसिएट डॉ. फुरकान अहमद ने अंडरस्टैंडिंग द इस्लामिक लॉ ऑफ डिवोर्स में यह लिखा है कि पैगंबर ने कई बार इस्लामिक प्रथा को समाप्त करने की कोशिश की थी। जो कि पत्नी को तलाक देने के बाद दुबारा से निकाह करने की प्रथा थी। पैगंबर ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि इस प्रथा को लंबे समय तक चलने नही दिया जा सकता है।
ऐसे में अगर पति, पत्नी के साथ तलाक के बाद असल में दुबारा निकाह करना चाहता है या उसे अपनी भूल का अफसोस हो गया है तो वो दुबारा निकाह कर सकता है। अगर पति अपनी पत्नी से तलाक चाहता है तो दो तलाक के बाद तीसरा तलाक अन्तिम तलाक के रूप में काम करेगा।
हलाला रस्म का दुरुपयोग
हलाला रस्म, कुछ मुल्ला-मौलाना और मौलवी का कमाने का धंधा बन चुका है और सबसे विचित्र बात ये है कि यह सब कुछ जानबूझ कर होता है। ये मुल्ला-मौलाना और मौलवी यह कभी नहीं चाहते की इनका धंधा बंद हो, हलाला का काम ऐसे ही चलता रहे। ये खुद ही एक रात के लिए अजनबी मुस्लिम औरतों, जिनको ये जानते तक नहीं उनके लिए शौहर बन जाते है या किसी वृद्ध को इस धंधे का हिस्सा बना कर उनका शौहर बनने पर उनको इस काम के लिए पैसे दिए जाते है। कहे अनुसार अगली सुबह को उन्हें तलाक भी दे देते है।
इस काम के लिए वे महिलाओं से या उनके परिजनों से 50 हजार रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक अच्छा खासा रकम ऐंठते है। इस तरह का धंधा इस हलाला के आड़ में कुछ मौलवियों द्वारा चलाया जा रहा है। जो कि इस्लाम में पूरी तरह हराम है।
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निष्कर्ष
आज हमने इस लेख में हलाला क्या है और हलाला प्रथा का दुरुपयोग किस प्रकार हो रहा है? के बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई। यदि आपको यह लेख अच्छी लगी है तो इस लेख को अपने दोस्तो और परिवार के साथ सोशल मीडिया में जरुर साझा करे। इससे जुड़ी और भी जानकारी और इसमें आने वाले अपडेट की जानकारी के लिए इस लेख से अवश्य जुड़े।
FAQs
प्रश्न: हलाला का क्या अर्थ है?
उत्तर: जब एक पत्नी अपने पति से तलाक ले लेती है और पत्नी पूरी सहमति से किसी दूसरे व्यक्ति से निकाह कर लेती है तो अगर बाद में उस दूसरे व्यक्ति से भी किसी कारण वश रिश्ता निभाने में असमर्थ रहती है तो ऐसे उस दूसरे व्यक्ति से भी उसका तलाक हो जाए या उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाए, तब ऐसे में अगर वह औरत चाहे तो अपने पहले पति से दुबारा निकाह कर सकती है। यही असल इस्लामिक हलाला है।
प्रश्न: हलाला रस्म क्या है?
उत्तर: हलाला एक रस्म है और हलाला उन औरतों के लिए होता है जो एक बार अपने पति से तलाक लेने के बाद अपने हालातो के चलते या किसी कारण वश फिर से अपने पति से निकाह करना चाहती है तो ऐसे में उन्हे हलाला का पालन करना पड़ता है।
प्रश्न: हलाला की स्थापना किसने की थी?
उत्तर: हलाला की स्थापना पैगंबर ने की थी।