MLC Election Kya Hota Hai – MLC चुनाव की पात्रता, होने वाले राज्य और कार्यकाल

MLC Election Kya Hota Hai, MLC Election कैसे होते हैं, MLC Election के लिए पात्रता, MLC चुनाव किन राज्यों में होंगे इत्यादि से संबंधित संपूर्ण जानकारी हम इस आर्टिकल के माध्यम से विस्तारपूर्वक देंगे। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े और MLC चुनाव से संबंधित सभी जानकारियों को हमारे द्वारा विस्तारपूर्वक समझे।

दोस्तो भारत एक लोकतंत्र देश है जहां पर लोकतंत्र की ही सरकार चलती है। जो जनता के द्वारा चुनी जाती है। भारत में कई तरह के चुनाव होते है जिन्हें लोग त्योहारों की तरह मनाते हैं। इन चुनावों का अपना एक मह्त्व होता है। तो आज हम जिस चुनाव के बारे में बात करने जा रहे हैं। उसका नाम MLC है।

MLC Election Kya Hota Hai - MLC चुनाव की पात्रता, होने वाले राज्य और कार्यकाल

MLC Election Kya Hota Hai (MLC Election In Hindi)

दोस्तों MLC को अंग्रेजी में मतलब “Member of the Legislative Council” होता है। जिसे आप सब हिन्दी में “विधान परिषद के सदस्य” कह कर संबोधित करते है। भारतीय संविधान के अनुसार अधिनियम 169 में MLC चुनाव कराने का अधिकार दिया गया है। जैसे लोकसभा से ऊपर की सभा राज्यसभा होती है। वैसे ही राज्य प्रदेशों में भी विधानसभा से ऊपर विधान परिषद होता है।

जिसके तहत MLC सदस्य चुनकर आते हैं। इसी चुनावी प्रक्रिया को हम आसान भाषा में MLC चुनाव कहते हैं। मौजूदा समय में भारत के 6 प्रदेशों में ही MLC चुनाव करवाए जाते हैं और यहां पर ही विधान परिषद का गठन हुआ है।

MLC Election किन राज्यों में होते है

दोस्तों MLC चुनाव भारत के 6 राज्य में होते हैं जिनमें के नाम इस प्रकार हैं। जिसके बारे में हमने नीचे बताया है–

राज्यों के नामसीटों की संख्या
उत्तर प्रदेश100 सीटों पर
बिहार58 सीटों पर
महाराष्ट्र78 सीटों पर
कर्नाटका75 सीटों पर
तेलंगाना40 सीटों पर
आंध्र प्रदेश58 सीटों पर

MLC Election क्यों करवाए जाते है

दोस्तों भारतीय संविधान का जब गठन हुआ था। तब उसमें ऐसी व्यवस्था बनाई गई थी कि जितने भी शिक्षित और स्नातक से संबंधित व्यक्ति (Snatak MLC Election) होते हैं। उन सब कि भारत निर्माण में अहम भूमिका रहे। इसी को देखते हुए संविधान के कानून 169 अनुच्छेद में MLC चुनाव का गठन किया गया है।

अगर आप स्नातक एमएलसी चुनाव क्या है ये जानना चाहते है तो आगे हमे इसकी पूरी जानकारी दी है। स्नातक एमएलसी चुनाव, जिसमें शिक्षक और स्नातक से संबंधित व्यक्ति ही हिस्सा लेते हैं। एक MLC के पास विधानसभा के विधायक जैसी ही पावर होती है। MLC के माध्यम से शिक्षित वर्ग के लोगों को विधानसभा परिषद में लाया जाए। यही इस चुनाव का मुख्य उद्देश्य था। इसीलिए MLC चुनाव करवाए जाते हैं।

MLC Election लड़ने की पात्रता (Eligibility)

दोस्तों MLC का चुनाव शिक्षक वर्ग से आ रहे लोग ही मुख्य रूप से लड़ सकते हैं। जिनमें मुख्य रूप से स्कूलों के टीचर, कॉलेज के टीचर, विश्वविद्यालयों के टीचर, प्रिंसिपल इत्यादि प्रकार के सदस्य ही MLC के चुनाव लड़ सकते हैं।

  • MLC का चुनाव लड़ने के लिए आवेदन करने वाले शिक्षक की आयु 30 वर्ष से ऊपर की होनी चाहिए।
  • MLC का चुनाव लड़ने वाला शिक्षक मूल रूप से भारतीय ही होना चाहिए।
  • कोई भी ऐसा शिक्षक MLC का चुनाव नहीं लड़ सकता जिसके ऊपर कानून के तहत कोई भी धारा लगी हो।

MLC Election कैसे होते हैं

MLC का चुनाव निम्नलिखित तरीके से करवाये जाते है। जिन्हें हम अपने इस आर्टिकल में विस्तार पूर्वक आपको निचे समझाएंगे। इसके बारे में हमने नीचे बताया है–

  • MLC का चुनाव एक ऐसा चुनाव होता है जिसमें लोग वोट नहीं करते है। बल्कि चुने हुए प्रतिनिधि ही MLC चुनाव में हिस्सा लेते हैं और उन्हें ही वोटिंग करने का अधिकार होता है।
  • जिनमें मुख्य रूप से विधानसभा के विधायक, नगर परिषद के सदस्य, नगर पालिका के सदस्य, राज्य के शिक्षक, विश्वविद्यालयों के शिक्षक ही इस चुनाव के तहत वोटिंग करते हैं।
  • MLC से चुने गए सदस्यों के कार्यकाल की अवधि 6 वर्ष की होती है। उसके बाद इन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है।
  • MLC Election में उम्मीदवार का नाम होता है, पार्टी की कोई आकृति या चिन्ह नही होती है
  • इस चुनाव में नाम के आगे प्राथमिकता लिखनी होती है यानी जिस नाम के आगे सबसे अधिक प्राथमिकता होती है वही उम्मीदवार चुनाव जीतता है।

MLC Election का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है

दोस्तों आपकी जानकारी के लिये हम आपको बता दे की MLC के सदस्यों का कार्यलय लगभग 6 वर्ष का होता है और एक MLC के वेतन की बात की जाये तों एक MLC के सदस्य का वेतन लगभग 25,000 रुपये महीना होता है। इसके अलावा एक MLC के सदस्य को सरकार द्वारा सरकारी भत्ते भी दिये जाते है।

MLC Election वोटिंग का क्रम

MLC चुनाव में 100% सदस्यों को चुनने का क्रम कुछ इसलिए प्रकार है, जिसमें एक तिहाई सदस्यों पर वोटिंग विधायक करते हैं। एक तिहाई सदस्यों पर वोटिंग नगर परिषद, नगर पालिका और नगर पंचायत के सदस्य करते हैं। जिसमें शिक्षक वर्ग 1/12 MLC सदस्य का चयन करते हैं। जिसमें रजिस्टर ग्रेजुएट के शिक्षक वर्ग 1/12 MLC सदस्यों का चयन करते हैं। इस तरह MLC चुनाव में वोटिंग की जाती है। इसके अलावा जितने सदस्य रह जाते हैं। उन सदस्यों को राज्यपाल के द्वारा ही मनोमीत करके MLC बनाकर विधान परिषद में भेजा जाता है।

उदाहरण के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य के MLC Election

दोस्तों उत्तर प्रदेश में MLC सदस्य की संख्या 100 है। जिनका क्रम निम्नलिखित रहता है। जिसके बारे में हमने नीचे विस्तार पूर्वक बताया है –

  • MLC 38 सदस्यों को विधानसभा के विधायक मिलकर चुनते है।
  • MLC के 36 सदस्यों को नगर परिषद के सदस्य, नगर पालिका के सदस्य, नगर पंचायत के सदस्य, पंचायत स्तर के सदस्य, यह सब मिलकर इन MLC के सदस्यों को चुनते हैं।
  • MLC के 8 सदस्यों को शिक्षक वर्ग के लोग चुनते हैं। जिनमें हाई स्कूल, सीनियर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज के शिक्षक भाग लेते है।
  • MLC के 8 सदस्यों को स्नातकोत्तर के शिक्षक मतलब यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मिलकर चुनाव करते हैं।
  • MLC के 10 सदस्यों को राज्यपाल के द्वारा मनोनीत किया जाता है।

MLC Election Kya Hota Hai निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में MLC Election Kya Hota Hai, MLC Election कैसे होते हैं, MLC Election के लिए पात्रता, MLC चुनाव किन राज्यों में होंगे इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs:

प्रश्न: MLC Election क्या है?

उत्तर: भारतीय संविधान के अनुसार अधिनियम 169 में MLC चुनाव कराने का अधिकार दिया गया है। जिसके तहत MLC सदस्य चुनकर आते हैं। इसी चुनावी प्रक्रिया को हम आसान भाषा में MLC चुनाव कहते हैं।

प्रश्न: MLC का पूरा नाम क्या है?

उत्तर: MLC को अंग्रेजी में मतलब “Member of the Legislative Council” होता है। जिसे हिन्दी में “विधान परिषद के सदस्य” कहते है।

प्रश्न: MLC Election का कार्यकाल कितने साल का होता है?

उत्तर: MLC Election का कार्यकाल लगभग 6 वर्ष का होता है।