मोरधन क्या है, मोरधन चावल, मोरधन का उपयोग, मोरधन के फायदे, मोरधन के नुकसान, Mordhan In Hindi, Mordhan Kya Hota Hai, Mordhan Recipe
अक्सर लोग मोरधन व्रत अथवा उपवास के लिए इसका इस्तेमाल करते है। सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो मोरधन का उपयोग ऐसे आहार के रूप में किया जाता है जिसमे ग्लूटेन की मात्रा बहुत कम पाई जाती है अर्थात ऐसे आहार जो ग्लूटेन फ्री होते है। लोग ऐसे आहार को गूगल में भी सर्च करते है। ग्लूटेन फ्री के मामले में मोरधान एक आहार के रूप में एक अच्छा विकल्प हो सकता है। स्वास्थ्य के लिए मोरधन लाभकारी है ही, इसके साथ साथ धार्मिक कार्यों में भी इसका उपयोग ज्यादा देखा जाता है।
मोरधन के इतने सारे फायदे होने के साथ साथ क्या आपको पता आखिर ये मोरधन क्या है, मोरधन में पोषक तत्वों की मात्रा, मोरधन के उपयोग, मोरधन के फायदे और नुकसान क्या है इत्यादि के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से संपूर्ण विषयो में चर्चा करेगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।
मोरधन क्या है (Mordhan In Hindi)
मोरधन एक प्रकार का चावल होता है जो अधिकतर घने झाड़ियों या जंगल में घास के बीज की तरह पाया जाता है। इस जंगली घास के बीज को समा का चावल या मोरधन कहा जाता है। इसकी खेती भी आसानी से की जा सकती है। यह चावल, जंगली घास होने के कारण इनसे उत्पन्न होने वाले बीज को लोग जंगली चावल के नाम से भी जानते है।
यह घास, धान के जैसे नम स्थान और नमी में उगता है। मोरधन या समा के चावल बहुत छोटे छोटे होते है। यह चावल आकार में गोल होते है। मोरधन का उपयोग धार्मिक कार्यों में उपवास और कई तरह की होने वाली बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
मोरधन के नाम (Names Of Mordhan)
मोरधन एक तरह का चावल होता है। मोरधन का नाम अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामों से जाना जाता है। मोरधन (Mordhan Rice) को अधिकांश लोग समा के चावल के नाम से जानते है। मोरधन को बार्नयार्ड बाजरा के नाम से भी जाना जाता है। मोरधन को और अन्य नामों जैसे कोदरी, सामक, वरई, समवत इत्यादि से भी जाना जाता है।
गुजराती में (Mordhan In Gujarati) इसे सामो और मोरियो कहते है। महाराष्ट्र में इसे वरी और भगर कहते है। बंगाल में मोरधन को श्यामा चावल के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में मोरधन (Mordhan In English) को बार्नयार्ड मिलेट (Barnyard Millet) कहते है।
मोरधन के क्या उपयोग है (Mordhan Uses In Hindi)
मोरधन का उपयोग ज्यादातर धार्मिक कार्यों और आयुर्वेदिक में रोगो के उपचार में औषीय के रूप में होता है। इसका उपयोग धार्मिक कार्यों में प्राचीन काल से किया जा रहा है। इसका उपयोग व्रत या उपवास में खाने के लिए किया जाता है। क्योंकि यह हल्का, स्वादिष्ट होता है और आसानी से पच भी जाता है।
इससे कई तरीके के व्यंजन बनाए जा सकते है। जैसे कि उपमा, खिचड़ी, खीर, पूरी, डोसा इत्यादि स्वादिष्ट आहार बनाए जा सकते है। मोरधन स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है। इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व पाए जाते है। जिसके कारण यह हमारे शरीर में होने वाले कई बीमारियों से निजात भी दिलाता है।
मोरधन का धार्मिक महत्व (Religious Significance of Mordhan)
मोरधन, जंगली घास या समा का चावल का उपयोग धार्मिक कार्यों में किया जाता है। क्योंकि हिंदू धर्म में मोरधान को बहुत ही पवित्र और पूजा करने योग्य माना जाता है। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही धार्मिक कार्यों के लिए होता आ रहा है। मोरधन विशेष करके ऋषि पंचमी व्रत के दिन इसका उपयोग पूजा अथवा भगवान की आराधना के लिए किया जाता है।
ऋषि पंचमी व्रत के दिन महिलाएं बहुत ही श्रद्धा भाव से मोरधन को एक सूती के सफेद और साफ कपड़े में अच्छी तरह लपेट कर भगवान सप्तऋषि का निर्माण करती है। मोरधन से बनाए गए भगवान सप्तऋषि को महिलाए पूरे श्रद्धा भाव से फल, दूध, दही, पंचाम्रत, फूल से भगवान की आराधना करती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस पूजा का महत्व यह है कि इस पूजन से भाई की लंबी उम्र और पितृ दोष के निवारण हेतु इस उपवास को किया जाता है। इसके तत्पश्चात घर के बड़े बुजुर्गो का आर्शीवाद लिया जाता है। इस उपवास में एक विशेष तरह की खीर बनाई जाती है जो मोरधन की बनी होती है और इसके साथ साथ यह बहुत ही स्वादिष्ट भी होती है। इस पूजन में महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती है और मोरधन से बने खीर का सेवन करती है।
मोरधान से बनने वाले व्यंजन (Mordhan Recipe)
मोरधन से कई तरह के स्वादिष्ट और चटपटी पकवान बनाए जा सकते है। जो कि सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। मोरधन से बने व्यंजन उपवास के लिए ज्यादा बनते है। अलग अलग तरीके की मोरधन की रेस्पी के लिए आप यूट्यूब में जा कर देख सकते है। तो ऐसे में मोरधन से बनने वाले व्यंजन जो निम्नलिखित है:–
- मोरधन की खीर
- उपमा
- डोसा
- कचोरी
- मोरधन की पूरी
- मोरधन की खिचड़ी (Mordhan Khichdi)
- मोरधन से बने कटलेट
- इडली
- पुलाव
- चकली
मोरधन में पोषक तत्व (Nutrients In Mordhan)
मोरधन हमारे शरीर के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है। क्योंकि इसमें बहुत से पोषक तत्व पाए जातें है। जो हमारे शरीर में होने वाली कई बीमारियों से हमे बचाता है। मोरधन में उपस्थित पोषक तत्व और उनकी मात्रा जो निम्न है:–
पोषक तत्व | मात्रा |
कैलोरी | 300 kcal |
वसा | 3.6 gm |
डायट्री फाइबर | 13.6 gm |
आयरन | 18.6 mgm |
कैल्शियम | 22 mgm |
प्रोटीन | 11 gm |
थायमिन | 0.33 mgm |
नियासिन | 4.2 mgm |
कार्बोहाइड्रेट | 55 gm |
विटामिन बी1 | 0.33 mgm |
विटामिन बी2 | 0.10 mgm |
विटामिन बी3 | 4.2 mgm |
मोरधन के क्या फायदे है (Benefits of Mordhan)
मोरधन यानी समा के चावल का उपयोग खास कर धार्मिक कार्यों और आयुर्वेदिक औषधीय के रूप में किया जाता है। इस लिहाज से भी मोरधन के बहुत से फायदे है जो हमारे शरीर के लिए उपयोगी है। मोरधन शरीर में होने वाले हर तरीके से दोष से मुक्त करने वाली औषधियों में से एक है। वैसे मोरधन के अनगिनत फायदे है, आज हम कुछ महत्वपूर्ण फायदे को बताने जा रहे है तो चलिए जानते है मोरधन के क्या क्या फायदे है:–
- मोरधन डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। मोरधन में फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत पाया जाता है। इसलिए इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
- एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण मोरधन के सेवन से हृदय रोग से संबंधित बीमारियां, मधुमेह और कैंसर जैसे जटिल बीमारियों से बचा जा सकता है।
- फैट और कार्ब्स की मात्रा मोरधन में काफी कम पाई जाती है। इसलिए इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल को रोकने और घटाने में काफी मदद मिलती है।
- इसमें घुलनशील और अघुलनशील दो तरह की फाइबर मौजूद होती है। जिसकी वजह से कब्ज के मरीजों के लिए मोरधन काफी फायदेमंद होता है।
- मोरधन में बहुत से पौष्टिक तत्व पाए जाते है। इसमें आयरन और जिंक की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जिसकी वजह से यह हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य भी करता है।
- मोरधन का एक फायदा ये भी है कि इसमें ग्लूटेन की मात्रा बहुत कम होती है अर्थात् यह ग्लूटेन फ्री होते है।
- यह काफी हल्का और एनर्जी की अच्छी मात्रा पाई जाती है। एक कटोरी मोरधन में 75 कैलोरी और 1.5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है। जो सेहत के लिए अच्छा होता है।
मोरधन के क्या नुकसान है (Disadvantages Of Mordhan)
मोरधन का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों के लिए और शरीर में होने वाले बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है। मोरधन का सेवन करना काफी फायदेमंद है। यह शरीर में होने वाली कई तरीके के बीमारियों से बचाता है। लेकिन मोरधन का ज्यादा सेवन करना आपके सेहत में इसका बुरा असर हो सकता है। मोरधन का अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए थोड़ा नुकसानदेह हो सकता है। इसके फायदे के बारे में जाने के साथ साथ आपके इसके होने नुकसान के बारे में भी जानना चाहिए जो निम्नलिखित है:–
- मोरधन में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। अगर आप मोरधन का सेवन ज्यादा करते है तो आपको पेट फूलने, पेट में गैस बनने, उल्टी की समस्या देखने को मिल सकती है।
- मधुमेह या डायबिटीज की मरीजों के लिए मोरधन काफी फायदेमंद माना गया है। लेकिन मोरधन का अधिक सेवन डायबिटीज की मरीजों के लिए अच्छा नहीं है। डायबिटीज की मरीजों में मोरधन के अधिक सेवन से लो ब्लड शुगर की समस्या देखी जा सकती है। इसलिए मधुमेह के मरीजों को मोरधन का सेवन थोड़े मात्रा में करना अच्छा होता है।
- मोरधन में देखा जाए तो आयरन अधिक मात्रा में होती है। तो ऐसे में कुछ लोगो में मोरधन का अधिक सेवन उनके सेहत के लिए अच्छा नहीं माना गया है। मोरधन का अधिक सेवन से शरीर में कमजोरी, वजन का लगातार कम होना इत्यादि समस्या को देखा जा सकता है।
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निष्कर्ष:
दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में मोरधन क्या है, मोरधन के फायदे के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।
FAQs
प्रश्न: मोरधन का मतलब क्या होता है?
उत्तर: मोरधन एक प्रकार का चावल होता है जो अधिकतर घने झाड़ियों या जंगल में घास के बीज की तरह पाया जाता है। इस जंगली घास के बीज को समा का चावल या मोरधन कहा जाता है।
प्रश्न: मोरधन खाने के क्या फायदे है?
उत्तर: मोरधन यानी समा के चावल का उपयोग खास कर धार्मिक कार्यों और आयुर्वेदिक औषधीय के रूप में किया जाता है। इस लिहाज से भी मोरधन के बहुत से फायदे है जो हमारे शरीर के लिए उपयोगी है।
प्रश्न: मोरधन से उपवास टूटता है क्या?
उत्तर: अगर ऐसा उपवास है जिसमे किसी खाद्य पदार्थ को खाए जाने की मान्यता है तो ऐसे में आप मोरधन का इस्तेमाल कर सकते है।