Bhim Agiyaras 2022: समय, तिथि, कहानी और महत्व जाने हिंदी में

Bhim Agiyaras 2022: Date, Time, Story And Importance In Hindi

भारत एक धार्मिक देश है, जहां आए दिन कोई न कोई पर्व आते रहते है, उन्हीं में से एक है Bhim Agiyaras, जिसे Nirjala Ekadashi या Pandav Ekadashi के नाम से भी जाना जाता है। Bhim Agiyaras भारत देश के गुजरात राज्य में बहुत ही चर्चित है। तो चलिए जानते है इस त्योहार के समय, तिथि और इसके महत्व के बारे में।

Bhim Agiyaras 2022

Bhim Agiyaras 2022: समय, तिथि, कहानी और महत्व जाने हिंदी में

Bhim Agiyaras केवल भारत में रहने वाले हिंदुओ में ही नहीं बल्कि विदेशों तक भी इस त्योहार को मनाया जाता है और बहुत महत्व दिया जाता है। अगर देखा जाए तो कुल एकादशी की संख्या 24 है लेकिन यह एकादशी या अगियारास सबसे महत्वपूर्ण है इन चौबीसों में से। Nirjala Ekadashi यानी Bhim Agiyaras हिंदू कैलेंडर में अगर देखा जाए तो दिक्र पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की 11 तारीख को मनाया जाएगा। लेकिन साल 2022 में Nirjala Ekadashi यानी Bhim Agiyaras को 10 जून, 2022 को पूरे दुनिया भर में मनाया जाएगा। लेकिन सभी लोग नीचे दिए गए समय के अनुसार 11 जून, 2022 को ही व्रत रखेंगे, क्योंकि Agiyaras का सूर्य उदय 11 जून, 2022 को ही होगा।

Bhim Agiyaras 2022 दिन, तिथि और समय का समय सारणी

Agiyaras तिथि शुरू 07:25 पूर्वाह्न 10 जून 2022
Agiyaras तिथि समाप्त 11 जून 2022 को सुबह 05:45 बजे
Bhim Agiyaras का दिन और तारीखशुक्रवार, 10 जून, 2022
पुराना समय — 11 जून, 2022 को दोपहर 01:44 अपराह्न से 04:32 बजे तक
पारण दिवस पर हरि वासरा समाप्ति क्षण 11 जून, 2022 को पूर्वाह्न 11:09

Bhim Agiyaras की कहानी क्या है

Bhim Agiyaras को Nirjala Ekadashi या पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। भारतवर्ष में हिंदू शास्त्रों के माने तो निर्जला एकादशी या Bhim Agiyaras को पांडव पुत्र भीम के नाम से जाना जाता है। आइए इसके पीछे की कहानी जानते है।

भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए पांडू पुत्र भीम की Ekadashi या Agiyaras का व्रत करने की बहुत इच्छा थी, लेकिन ये तो जग जाहिर है की भीम को अपने भूख पर नियंत्रण नहीं था, जबकि उनके आस पास के सारे लोग और स्वयं उनके सभी भाई भी एकादशी का व्रत सफलता पूर्वक रख लेते थे। भीम को इस बात का बड़ा ही सुख था की वह कोई भी एकादशी का व्रत नही का पाते। अपनी इसी समस्या के निवारण हेतु, महाभारत के रचियता ऋषि व्यास के पास गए और एकादशी का व्रत न कर पाने की समस्या का हल पाने के लिए।

ऋषि व्यास जी ने भीम की समस्या का हल करने के लिए भीम को निर्जला एकादशी करने को कहा। क्योंकि अगर भीम निर्जला एकादशी को पूर्ण रूप से कर लेते है तो उनके सभी एकादशी में व्रत न कर पाने के बोझ से मुक्त हो जाएंगे और यह तक की बस अगर निर्जला एकादशी ही भीम कर लेते है तो सभी एकादशी का लाभ उन्हे मिल जाएगा। इसी लिए निर्जला एकादशी सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक है। भीम के इस घटना के बाद इस Bhim Ekadashi या गुजराती भाषा में Bhim Agiyaras कहा जाने लगा।

Bhim Agiyaras का क्या महत्व है

Bhim Agiyaras का बहुत महत्व है, इस दिन को सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। सबसे कठिन उपवास अगर कोई है तो वो निर्जला एकादशी या भीम अगियारस का उपवास है, जिसमे व्रत रहने वाले पूरे दिन बिना पानी और भोजन के रहना पड़ता है। Bhim Agiyaras करना सबसे कठिन होता है लेकिन इसका इतना महत्व है की लोग इसी एकादशी का व्रत रखने के लिए इसके आने का इंतजार करते है।

हिंदू शास्त्र की माने तो जो व्यक्ति इस अनूठे Bhim Agiyaras के व्रत को अच्छे से कर लेता है तो वह व्यक्ति अपने पिछले जन्म के किए गए सारे बुरे कामों के फल से बच जाता है और उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

निष्कर्ष:

आज हमने इस आर्टिकल में Bhim Agiyaras दिन, तिथि और समय के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस योजना से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।