Net Set Slet Kya Hai – फायदे एवं UGC के नए नियम

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Net Set Slet Kya Hai - फायदे एवं UGC के नए नियम

Net Set Slet पास करने वालों के लिए एक बहुत ही बड़ी खुशखबरी निकल कर सामने से आ रही है। भारत सरकार के अंतर्गत आने वाला संगठन UGC ने हाल ही में नियम और रेगुलेशन में बदलाव किया है, जिसे सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा। जिसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरा जाएगा।

अगर आप भी यूनिवर्सिटी या विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपको यह नियम और रेगुलेशन को जानना बहुत ही आवश्यक है। Net Set Slet क्या है? Net Set Slet करने के फायदे क्या है? Net Set Slet के बिना भी असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बन सकते? इन सब की जानकारी संक्षिप्त रूप में देंगे। UGC के नए नियमों के बदलाब के बारे में भी जानने के लिए आपको हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ना होगा। इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

Net Set Slet Kya Hai

Net Set Slet एक तरह का एग्जाम होता है। जिसे नेशनल पर, स्टेट स्तरीय और स्टेट लेवल स्तरीय के द्वारा लिया जाता है। इस एग्जाम को क्लियर करने के बाद आप अध्यापक की नौकरी के पद को पाने के लिए पात्र बन जाएंगे।

Net का फुल फॉर्म इन इंग्लिश में “National Eligibility Test” होता है, जिसे हिन्दी में “राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा” कहा जाता है।

Set का फुल फॉर्म इन इंग्लिश में “State Eligibility Test” होता है, जिसे हिन्दी में “राज्य पात्रता परीक्षा” कहा जाता है।

Slet का फुल फॉर्म इन इंग्लिश में “State Level Entrance Test” होता है, जिसे हिन्दी में “राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा” कहा जाता है।

Net Set Slet के बिना असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बने

जो उम्मीदवार Net Set Slet के एग्जाम नहीं दे सकते या कहें जिन्होंने Net Set Slet के एग्जाम को पास नहीं किया हुआ है। तो वह भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए नियुक्त हो सकते हैं। बस उनके पास पी.एचडी या एम.फिल की डिग्री होना अनिवार्य है।

इस नियम में UGC ने कड़ा संज्ञान लेते हुए बदलाव किया गया है। UGC ने भारत के अंदर जितने भी विश्वविद्यालय हैं। जो यूजीसी के द्वारा मान्यता प्राप्त है या गैर मान्यता प्राप्त संस्था या फिर विश्वविद्यालय हैं।

उन सब को बिना Net Set Slet को पास किये भी असिस्टेंट पदों की भर्ती करने के लिए कहा है अर्थात अब अगर किसी उम्मीदवार ने Net Set Slet का एग्जाम की परीक्षा पास नहीं किया है। तो वह भी असिस्टेंट पद के लिए नियुक्त हो सकते है। आखिर UGC का नए नियम क्या है? इसे जानने के लिए आपको हमारा यह आर्टिकल आगे तक पढ़ना होगा।

Net Set Slet करने के फायदे

Net की बात करें, तो यह एक राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षा होती है। इसे पास करने के बाद यूजीसी नियमों के अनुसार इस बात की पुष्टि होती है। कि यह उम्मीदवार यूजीसी संस्था जो राष्ट्रीय स्तर पर है। कहें राज्य स्तर पर भी लेक्चरर की या कहें सहायक प्रोफेसर की नौकरी प्राप्त करने के लिए पात्र माने जाते हैं।

Set की बात करें, तो यह एक राज्यस्तरीय परीक्षा होती है। जिसे पास करने के बाद उम्मीदवार किसी भी राज्य स्तरीय स्कूल या कॉलेज में लेक्चर की नौकरी पाने के लिए पात्र माने जाते हैं।

Slet की बात करें, तो एसएलईटी की परीक्षा इस बात की पुष्टि करता है। कि यह व्यक्ति या कहें उम्मीदवार भारतीय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में न्यूनतम शिक्षण, अनुसंधान भूमिकाओं को पूरा करता है। जिसके बाद यह यूजीसी मानक आधारो के आधार पर किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के पद के तहत नियुक्ति पा सकता है।

असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्यता

अगर आप असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को प्राप्त करना चाहते हैं। तो आपके पास निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए। उसके बाद आप किसी भी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट के पद को प्राप्त कर सकते हैं। जिसका उल्लेख हमने नीचे किया है।

असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को प्राप्त करने के लिए। किसी भी तरह की कोई भी आयु सीमा नहीं रखी गई है। आपके पास उच्चतम डिग्री होने के बाद आप सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र माने जाएंगे।

ऐसे उम्मीदवार जिनके पास किसी संस्था का या विद्यालय में पढ़ाने का अनुभव हो। ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी अर्थात उनको फर्स्ट प्योरिटी दी जाऐगी।

यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर पद को प्राप्त करने के लिए आपके पास शैक्षणिक योग्यता के तौर पर यूसीसी के नए नियमों के अनुसार Net Set Slet पास होने वाले भी इस पद के तहत पात्र रहेंगे। इसके अलावा पी.एचडी करने वाले उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए सीधे तौर पर एलजीबी माने जाएंगे।

UGC ने नियम में क्या बदलाव किये

UGC एक ऐसी संस्था है, जिसे भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन या संस्था है। इस संस्था का काम भारत के अंदर जितने भी विश्वविद्यालय या कहें यूनिवर्सिटी है। उनके अधिकारी नियमों में बदलाव करना और उनकी परीक्षा और शिक्षा के संबंधित मांगों के अधिनियम समन्वय का रखरखाव करने का जिम्मा इसी संस्था के अंतर्गत आता है। जिसे “Universal Grant Commission” या “सार्वभौमिक अनुदान आयोग” के नाम से जाना जाता है।

यूजीसी ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए रेगुलेशन 2018 के तहत सेक्शन 3 में एक सब-सेक्शन 3.10 था, जिसे खत्म कर दिया गया है। इस सब सेक्शन 3.10 को 2021 में जुलाई के महीने में लागू किया गया था। जिसके तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए पी.एचडी से संबंधित डिग्री अनिवार्य थी।

अपने इस ही नियम में बदलाव करते हुए यूजीसी ने 1 जुलाई 2023 में एक नया रेगुलेशन पास किया है। जिससे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए न्यूनतम शिक्षा Net Set Slet की रहेगी अर्थात जो व्यक्ति Net Set Slet के एग्जाम को पास कर लेते हैं।

वह असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र माने जाएंगे। इसके अलावा सेक्शन 3.3 में कोई बदलाव नहीं किया गया है अर्थात अगर कोई पी.एचडी डिग्री वाला अभ्यार्थी हो। तो वह सीधा असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पात्र माना जाएगा।

UGC ने सभी विश्वविद्यालयों और यूजीसी के अंतर्गत आने वाली यूनिवर्सिटीयों को यह नियम रेगुलेशन के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की नियुक्ति करने के लिए कहा है। 1 जुलाई 2023 के बाद इन सभी यूनिवर्सिटीयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद की नियुक्ति यूजीसी नियम बदलाव 2023 के तहत होगी।

Net Set Slet Kya Hai निष्कर्ष

आज हमने इस लेख में Net Set Slet क्या है? Net Set Slet करने के फायदे क्या है? Net Set Slet के बिना भी असिस्टेंट प्रोफेसर कैसे बन सकते? एवं UGC के नए नियम इत्यादि के बारे में बहुत ही सरल और आसान शब्दों में समझाया और इससे जुड़ी समस्त जानकारियां आप तक पहुंचाई।

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