राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है – राज्यपाल को नियुक्ति कौन करता है

राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है, राज्यपाल की नियुक्ति कैसे होती है, राज्यपाल को नियुक्ति कौन करता है, वेतन, शक्तियां, योग्यता

राज्यपाल सही मायने में राज्य को चलाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाते है। राज्य के मुख्यमंत्री को सलाह भी देने का काम करते हैं। राज्यपाल जो की इतना बड़ा पद है किसी राज्य के लिए जो चलिए जानते है की राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है, वेतन, कार्य अवधी तथा शक्तियों के बारे में, आगे जरूर पढ़े।

राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है

राज्यपाल किसे कहते है (What Is Governer)

राज्यपाल, राज्य का प्रमुख होता है। यानी जिस प्रकार केंद्र में शासन प्रमुख राष्ट्रपति होता है। उसी प्रकार राज्य में संवैधानिक प्रमुख होता है। तो इस संवैधानिक प्रमुख को राज्यपाल कहते है। राज्यपाल राज्य में केंद्र सरकार के पद की जगह कार्य कर सकता है। राज्यपाल उस राज्य के मंत्री के सुझाव के आधार पर ही काम करता है। राज्यपाल के कार्यकाल का कोई निश्चित समय नहीं होता है।

राज्यपाल के कार्यकाल की समय सीमा राष्ट्रपति द्वारा तय की जाती है। राष्ट्रपति के द्वारा ही राज्यपाल के कार्यकाल की समय सीमा को घटाता या बढ़ाया जा सकता है। संविधान के 7 वें संशोधन 1956 के अनुसार एक से अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त की जा सकती है। राज्यपाल, राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख भी होता है। इसके साथ साथ अपने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का कुलपति भी होता है।

राज्यपाल की नियुक्ति (Appointment)

राज्यपाल के आदेश पर ही राज्य में सभी कानून, सभी गतिविधियां और सभी कार्यालय के कार्य इसके द्वारा ही की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है। राज्यपाल की नियुक्ति तभी होती है जब तक राष्ट्रपति खुद से हस्ताक्षर नहीं कर देता, तब तक राज्यपाल की नियुक्ति नहीं होती है। संविधान के अनुच्छेद 155 के अंतर्गत राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा ही पूर्ण रूप से सही मानी जाती है। लेकिन सही मायनों में राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा केंद्र के मंत्रियों के अनुरोध पर की जाती है।

राज्यपाल की शक्तियां एवं कार्य (Power And Work)

राज्यपाल की कुछ विशेष शक्तियां एवं कार्य है जिन्हे आपको जानना चाहिए जो कि निम्न है:–

  • राज्यपाल द्वारा राज्य के महाधिवक्ता, राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य अध्यक्ष सदस्यों की नियुक्ति की जाती है।
  • राज्यपाल द्वारा राज्य की विधानसभा में प्राप्त अधिक बहुमत वाले नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए नियुक्ति करते है।
  • गठबंधन करने वाले दल को मुख्यमंत्री नियुक्त करने की शक्तियां भी राज्यपाल प्राप्त हुई होती है।
  • बिना राज्यपाल के अनुमति के धन विधेयक को विधानसभा में पास नहीं किया जा सकता है।
  • विधानमंडल में राज्यपाल के सहमति के बाद ही राज्य का वार्षिक वित्तीय बजट प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • अनुच्छेद 161 के तहत राज्य सूची के अंतर्गत आने वाले विषयों से संबंधित हुए अपराध में अपराधी की सजा को कम करना, क्षमा करना, स्थगित कर देना की शक्तियां राज्यपाल के हाथ में होता है।
  • राज्य के हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति राज्य के राज्यपाल से इसके विषय में विचार विमर्श कर सकता है।
  • राज्यपाल, राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख होता है।
  • इसके साथ साथ अपने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का कुलपति भी होता है।

राज्यपाल की योग्यता (Eligibility)

भारत के आर्टिकल 157 के अनुसार कुछ योग्यताएं तय की गई है, किसी राज्य के राज्यपाल नियुक्त होने के लिए, जो की निम्न है-

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • वह किसी भी सरकारी या इन राज्यों के नियंत्रण के अधीन किसी सार्वजनिक उपक्रम में लाभ के पद पर न हो।
  • वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।
  • वह उस राज्य का निवासी न हो जहा का राज्यपाल बनना है।
  • वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  • वह पागल या दिवालिया घोषित न किया जा चुका हो।

राज्यपाल की समयावधि (Tenure)

राज्यपाल केंद्र एवं राष्ट्रपति के विचार विमर्श से बनाया जाता है। राज्यपाल की पदावधी वैसे तो 5 साल के लिए ही होती है लेकिन राज्यपाल को उसके पद से कभी भी हटाया जा सकता है।

आपको बता से की जब राज्यपाल अपने पद ग्रहण के बाद 5 साल पूरे कर लेता है तब भी वह राज्यपाल पद से नही हटता जब तक की कोई नया राज्यपाल घोषित न हो जाए। किसी राज्य का राज्यपाल विश्वविद्यालयों का कुलपति भी होता है।

राज्यपाल का शपथ (Oath)

किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के राज्यपाल का उस राज्य में इतना बड़ा पद होता है तो आखिर एक राज्यपाल को शपथ का दिलाता होगा।

भारत में आर्टिकल 159 के अनुसार अगर देखा जाए तो राज्यपाल को शपथ उसी राज्य के उच्चतम न्यायालय (High Court) के मुख्य न्यायधीश (Chief Justice) द्वारा दिलाई जाती है। जबकि एक राज्यपाल, राज्य के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाने का काम करता है।

चलिए अब आपको एक झलक दिखाते है की आखिर एक राज्यपाल अपने शपथ समारोह के दौरान किस तरह के शब्दों को बोलकर शपथ लेते है।

राज्यपाल शपथ में क्या बोलते है

“मैं, (राज्यपाल का नाम), पूरी दृढ़ता से (या शपथ) करता हूं/करती हूं कि मैं राज्यपाल के कार्यालय (या राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन) (राज्य का नाम) का ईमानदारी से क्रियान्वयन करूंगा/करूंगी और अपनी क्षमता का सर्वश्रेष्ठ  परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा/करूंगी संविधान और कानून का बचाव करूंगा/करूंगी और मैं (राज्य का नाम) लोगों की सेवा और भलाई के लिए खुद को समर्पित करूंगा/करूंगी।”​

राज्यपाल का वेतन (Salary)

भारत का राज्यपाल, राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के बाद सबसे ज्यादा वेतन दिया वाला पद है। राज्यपाल का मन सम्मान बहुत ही बड़ा होता है। राज्यपाल को बहुत सी सुविधाएं दी जाती है। भारत में किसी राज्य के राज्यपाल का अधिकतम वेतन 3 से 3 लाख 50 हजार रुपए प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा उन्हें कई तरह की सरकारी भत्ते को सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। उनके स्वास्थ्य से लेकर कही घूमने जाने और हर तरीके के बिल को इन्ही सरकारी भत्तों द्वारा खर्च वहन किया जाता है यानी की राज्यपाल को अपनी तरफ से कुछ भी खर्च करने की आवश्यकता नहीं है।

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निष्कर्ष:

आज हमने इस आर्टिकल में राज्यपाल की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है, वेतन, कार्य अवधी तथा शक्तियों के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: राज्यपाल को नियुक्ति कौन करता है?

उत्तर: केंद्र सरकार तथा राष्ट्रपति द्वारा।

प्रश्न: राज्यपाल को कितना वेतन मिलता है?

उत्तर: राज्यपाल को प्रति माह 3 से 3.5 लाख रुपए मिलते है।

प्रश्न: राज्यपाल को शपथ कौन दिलाता है?

उत्तर: राज्य के उच्चतम न्यायालय ने मुख्य न्यायधीश।