Charging Station Kya Hai – इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग स्टेशन के फायदे

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भविष्य में पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों पूरी तरह से बंद हो जाएगी क्योंकि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों का है। इन वाहनों की खास बात यह है की इनसे प्रदूषण नही होता है और यह पर्यावरण के लिए सही है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ौतरी देखने को मिली है। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग भारत में बढ़ती जा रही है। इसके साथ साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (Charging Infrastructure) को भी जगह जगह पर लगाए जा रहे है।

तो ऐसे में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन से संबंधित कई सवाल आपके मन में भी आ रहे होगे? तो चलिए जानते है Charging Station Kya Hai, Charging Station के चार्जर के प्रकार, Charging Station से कितना वाहन चार्ज किया जा सकता है, इसके फायदे, कितना समय लगता है इत्यादि से जुड़ी समस्त जानकारी आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

Charging Station Kya Hai (चार्जिंग स्टेशन क्या है)

जिस प्रकार पेट्रोल, डीजल से चलने वाली गाड़ियों के लिए पेट्रोल पंप स्टेशन होता है। उसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को चलाने के लिए उसे चार्ज करने की जरूरत होती है, उसके लिए जगह जगह पर उन वाहनों को चार्ज करने हेतु चार्जिंग प्वाइंट (Charging Point) बनाए गए है। इन्ही चार्जिंग प्वाइंट को चार्जिंग स्टेशन कहते है।

यह इलेक्ट्रिक कारों (Electric Cars), इलेक्ट्रिक ट्रकों, इलेक्ट्रिक बसों (Electric Bus), इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल (Electric Bike) इत्यादि को आसानी से चार्ज कर देता है। चार्जिंग स्टेशन इलेक्ट्रिक वाहनों को पावर देने के लिए यह उन्हे चार्ज करता है और चार्ज के समय इसे विद्युत की आवश्यकता पड़ती है।

Charging Station के चार्जर के प्रकार (Types Of Electric Station Charger)

भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने लगी है। इसी को देखते हुए अब भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में तेजी से उतारा जा रहा है और साथ में चार्जिंग स्टेशन का निर्माण भी भारी संख्या में किया जा रहा है। भविष्य में अब वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों का जमाना रहने वाला है। अब बात करे चार्जिंग स्टेशन की तो चार्जिंग स्टेशन के चार्जर सामान्य तौर पर दो प्रकार के होते है। पहला एसी चार्जिंग या स्लो चार्जिंग और दूसरा डीसी चार्जिंग या फास्ट चार्जिंग। तो अब चलिए इन दोनो प्रकार के चार्जरों के बारे में आगे पूरी तरह से समझते है:–

1. एसी चार्जिंग/स्लो चार्जिंग (AC Charging/Slow Charging)

  • ये चार्जिंग स्टेशन के चार्जर AC चार्जर होते है।
  • ये इलेक्ट्रिक वाहनों को धीमी गति से चार्ज करते है।
  • Ac चार्जिंग के चार्जर से इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने थोड़ा समय लगता है।
  • इस स्लो चार्जिंग के चार्जर को कम बिजली की खपत की आवश्यकता होती है।
  • इन्हें घर के इतना जगह में या घरलू स्थानों में भी स्थापित किया जा सकता है। यानी इन्हे स्थापित करना काफी आसान होता है।
  • इसे एक इलेक्ट्रिक वाहन को संपूर्ण चार्ज करने में कम से कम 6 से 14 घंटे का समय लग जाता है। 
  • AC Charging को स्थापित करना या लगाना काफी आसान है। इसके साथ साथ ये काफी सस्ते होते है।
  • AC Charging या Slow Charging का इस्तेमाल अधिकांश दो पहिया, तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन ही करते है।

2. डीसी चार्जिंग/फास्ट चार्जिंग (DC Charging/Fast Charging)

  • ये चार्जिंग स्टेशन के चार्जर DC चार्जर यानी डिवाइस हाई-पावर डायरेक्ट करंट चार्जर होते है।
  • ये इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज गति से चार्ज करते है। लेकिन उन्ही इलेक्ट्रिक वाहनों को जिनकी बैटरी उच्च क्षमता वाली होती है।
  • DC चार्जिंग के चार्जर से इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की प्रक्रिया थोड़ा जल्दी होती है। इसमें समय कम लगता है।
  • दो पहिया, तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में फास्ट चार्जिंग से चार्ज करना संभव नहीं है।
  • DC चार्जिंग के चार्जर की क्षमता 15 किलोवाट से 150 किलोवाट तक होती है।
  • फास्ट चार्जिंग पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता पर निर्भर करता है कि वो कितना जल्दी चार्ज होते है।
  • DC Charging को स्थापित करना या लगाना AC Charging के अपेक्षा थोड़ा मुश्किल होता है।
  • इन्हें उसी जगह पर स्थापित किए जा सकते है जहां पर बिजली की उच्च मात्रा प्राप्त हो सके। यानी जहां हाई पावर आसानी से उपलब्ध हो सके।

Charging Station से कितना वाहन चार्ज होगा

चार्जिंग स्टेशन पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की क्षमता पर निर्भर करता है कि वो कितना समय चार्ज करने में लेते है। एनएचईवी (NHEV) के आधार पर चार्जिंग स्टेशन से एक दिन में 1000 से अधिक इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षमता के आधार पर ये चार्जिंग स्टेशन अधिक या इससे कम भी चार्ज कर सकते है।

Charging Station के चार्ज का समय (Charge Timing)

चार्जिंग स्टेशन में कई तरह ही बड़ी तथा छोटी गाड़ियां आती रहती है ऐसे में हर गाड़ियों की बैटरी क्षमता अलग अलग होती है। अगर वाहन बड़ा है यानी बस तो इसमें लगने वाली बैटरी की क्षमता भी ज्यादा होती है और अगर कोई छोटी वाहन है तो इसमें बैटरी की क्षमता कम होती है।

इससे ये स्पष्ट होता है की चार्जिंग स्टेशन में किसी भी वाहन की चार्जिंग टाइम उसकी बैटरी की क्षमता, पावर डेंसिटी जैसी मानकों पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा बैटरी की क्षमता होगी उसमे समय भी उतना ही लगेगा।

चार्जिंग स्टेशन में किसी वाहन की बैटरी को चार्ज करने में लगने वाले समय को आप इस तरह माप सकते है,

चार्जिंग करने में लगने वाला समय = किसी वाहन के बैटरी क्षमता / बैटरी पावर

Charging Station का एशिया में विस्तार (Expansion of Charging Station to Asia)

चार्जिंग स्टेशन का यूरोप के देशों में ही नही बल्कि एशियाई देशों में भी काफी अच्छा खासा विस्तार मौजूद हैं। एशिया के देश भारत में भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा चुके हैं। राजधानी दिल्ली एनसीआर में देश का सबसे बड़ा ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाया जा चुका है और गुरुग्राम में भी एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जा चुका है। ऐसे में भारत में दो बड़े चार्जिंग स्टेशनों को बनाया जा चुका है।

एशिया के देश जापान ने चार्जिंग स्टेशन के मामले में काफी इतिहास अपने नाम दर्ज किए हैं आपको बता दे की जापान, पूरी दुनिया में फास्ट चार्जिंग स्टेशनों की सबसे बड़ी संख्या रखने वाला देश साल 2012 था। जिसमे 1381 डीसी फास्ट चार्जिंग स्टेशन शामिल थे। एसी चार्जिंग स्टेशन भी थे जिसकी संख्या केवल 300 थीं।

चीन में भी कुछ चार्जिंग स्टेशन साल 2012 तक लगाए जा चुके थे, हालाकि जापान के तरह ये फास्ट चार्जर नहीं थे बल्कि स्लो चार्जर थे। फास्ट चार्जर चार्जिंग स्टेशन चीन में नही लगाए थे।

Charging Station कहां होना चाहिए (Perfect Place)

चार्जिंग स्टेशन भी लगभग पेट्रोल पंप की तरह ही है। चार्जिंग स्टेशन का वही होना सही रहेगा जहां वाहन को पार्क करने के लिए एक बड़े स्थान इतना पर्याप्त जगह हो और साथ ही बिजली की भी पर्याप्त मात्रा में स्रोत होना जरूरी होता है।

अगर चाहे तो चार्जिंग स्टेशन अपने घरों में, कार्यस्थलों तथा होटल के आस पास होना भी सही होगा। हालांकि इन निजी स्थानों में चार्ज करने से आपको उतनी सुविधा नहीं होगी जितना की किसी खास तौर पर बनाए गए चार्जिंग स्टेशनों में मिलेगी।

चार्जिंग स्टेशन सार्वजनिक स्थानों जैसे की बड़े बड़े राजमार्गो के किनारे, दुकानों तथा अस्पतालों के पार्किंग में भी खोले जा सकते है।

Charging Station के लाभ (Benefits of EV Charging Stations)

फास्ट चार्ज (Fast Charge)

आमतौर से उपयोग करने वाले साकेट की तुलना में इसकी चार्ज करने की स्पीड थोड़ा ज्यादा होती है। इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन अधिकतम चार्ज के लिए पूरी तरह से सक्षम होता है यानी ये इलेक्ट्रिक वाहनों को जल्दी चार्ज करने में यह सक्षम है।

आसान और सुरक्षित चार्जिंग (Easy And Safe Charging)

इस चार्जिंग स्टेशन का काम बहुत ही स्मार्ट होता है इसलिए इसे स्मार्ट चार्जिंग डिवाइस भी कहा जाता है। यानी स्मार्ट चार्जिंग डिवाइस से चार्ज करना आसान और पूरी तरह से सुरक्षित है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने से पहले यह स्मार्ट चार्जिंग डिवाइस वाहन और डिवाइस के संयोजन की एक बार स्वयं से इसकी जांच करता है। अगर एक ही खेमे में कई चार्जिंग पॉइंट हैं तो डायनामिक लोड की स्थिति में सुरक्षा को और बढ़ाया जाता है। इसके साथ साथ जरूरत के हिसाब से इसे बीच में रोका भी जा सकता है।

बिजली खर्च की मॉनिटरिंग (Power Consumption Monitoring)

यह ‘इलेक्ट्रिक’ चार्जिंग स्टेशन होने के कारण बिजली खर्च की सारी जानकारी रखता है। यानी यह बिजली की खपत की निगरानी या मॉनिटरिंग करता है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में जितनी बिजली की खर्च होती है वो चार्जिंग स्टेशन के मालिक को भुगतान करना होता है।

चार्जिंग टाइम को ऑप्टिमाइज करना (Optimizing Charging Time)

चार्जिंग स्टेशन को चार्जिंग के लिए मिले मूल्य के हिसाब से समय को ऑप्टिमाइज या अनुकूलित किया जा सकता है। चार्जिंग स्टेशन से पैसों की बचत के साथ साथ यह पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा है। इसके अलावा इससे बिजली ग्रीड को भी फायदा मिलता है। चार्जिंग के समय के अनुकूलन के साथ साथ यह बिजली की आपूर्ति और बिजली की मांग को सामान्य रखता है और बिजली खपत की आवश्यकता को कम करने में काफी मदद करता है।

चार्जिंग स्टेशन को आसानी से ढूंढना (Easy to Search Charging Station)

चार्जिंग नेटवर्क से जुड़े होने के कारण चार्जिन स्टेशन से कोई भी इलेक्ट्रिक वाहन का मालिक यानी उस वाहन का ड्राइवर ये पता लगा सकता है की स्टेशन अभी खाली है या अभी उसमे काम चल रहा है। इस तरह चार्जिंग स्टेशन को आसानी से ढूंढा जा सकता है।

निष्कर्ष:

आज हमने इस आर्टिकल में Charging Station Kya Hai, Charging Station के चार्जर के प्रकार, Charging Station से कितना वाहन चार्ज किया जा सकता है, इसके फायदे, इसमें लगने वाले समय के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: Electric Charging Station क्या होता है?

उत्तर: चार्जिंग स्टेशन इलेक्ट्रिक वाहनों को पावर देने के लिए यह उन्हे चार्ज करता है और चार्ज के समय इसे विद्युत की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न: Charging Station से कितना वाहन चार्ज हो सकता है?

उत्तर: एनएचईवी (NHEV) के आधार पर चार्जिंग स्टेशन से एक दिन में 1000 से अधिक इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज किया जा सकता है।

प्रश्न: Charging Station को एक वाहन चार्ज करने में कितना समय लगता है?

उत्तर: चार्जिंग स्टेशन में किसी भी वाहन की चार्जिंग टाइम उसकी बैटरी की क्षमता, पावर डेंसिटी जैसी मानकों पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा बैटरी की क्षमता होगी उसमे समय भी उतना ही लगेगा।

प्रश्न: Charging Station को कहां लगाया जा सकता है?

उत्तर: चार्जिंग स्टेशन भी लगभग पेट्रोल पंप की तरह ही है। चार्जिंग स्टेशन का वही होना सही रहेगा जहां वाहन को पार्क करने के लिए एक बड़े स्थान इतना पर्याप्त जगह हो और साथ ही बिजली की भी पर्याप्त मात्रा में स्रोत होना जरूरी होता है।