Onam Kya Hota Hai – ओणम का धार्मिक महत्व, Dates

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भारत विभिन्न जातियों और संस्कृतियों का देश है। जहां हर तरह के धर्म के लोग अपने अपने त्योहारों को बड़े ही धूम धाम से मनाते है। भारत में कुछ प्रमुख त्यौहार है जिन्हे बड़ी जोरो सोरो से हर साल मनाया जाता है। जैसे कि दीवाली, होली, ईद, क्रिसमस, दुर्गा पूजा, बैशाखी, गणेश पूजा इत्यादि। ऐसे ही दक्षिण भारत में खासतौर केरल में एक त्यौहार मनाया जाता है जो बहुत ही लोकप्रिय है। जी हां हम बात कर रहे है “ओणम” की, जो केरल में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

लेकिन बहुत लोगो को इस त्योहार के बारे में थोड़ी भी जानकारी नहीं होती है। इसलिए हम इस लेख के माध्यम से ओणम क्या होता है (Onam Kya Hota Hai), ओणम का धार्मिक महत्व, ओणम का पर्व क्यों मनाया जाता है, ओणम का पर्व कब मनाया जाता है, इत्यादि के बारे में आज हम इस संबंध में संपूर्ण चर्चा करेंगे। अतः इस लेख को अंतिम तक पूरा अवश्य पढ़े।

Onam Kya Hota Hai

ओणम क्या होता है (Onam Kya Hota Hai)

ओणम एक मलयालम त्यौहार है, जो केरल में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार मंदिरों में नही बल्कि घर में ही मनाया जाता है। जैसे दिवाली का त्यौहार घर में मनाया जाता है ठीक उसी तरह केरल में ओणम का त्यौहार भी घर में मनाया जाता है और साथ में भगवान की पूजा आराधना भी करते है। ओणम का त्यौहार कृषि के लिए खास होता है। किसान इस दिन अपने फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज हेतु पूरे श्रद्धा भाव से श्रावण देवता और पुष्पदेवी की पूजा आराधना करते है।

ओणम के पर्व के दिन केरल में चार दोनो की छुट्टी रहती है। उस दिन पूरे केरल में अवकाश होता है। ओणम का त्यौहार देखने के लिए पर्यटक बहुत दूर दूर से भारी संख्या में यहां एकत्र होते है। ओणम का त्यौहार पूरे केरल में 10 दिनो तक मनाया जाता है।

ओणम का धार्मिक महत्व (Religious Significance Of Onam)

ओणम का पर्व प्राचीन काल से ही मनाई जा रही है। आज के समय में भी लोग इस त्यौहार को बड़े ही धूम धाम से नाचते गाते हुए मनाते है। ओणम फसलों और ऊपजों की बेहतर वृद्धि के लिए भी मनाया जाता है। इसे फसल और उपज का त्यौहार भी कहते है। पौराणिक मान्यताओं की माने तो ओणम का पर्व राजा महाबली और भगवान विष्णु से जुड़ी हुई है।

मान्यता है कि राजा महाबली खुद ओणम के पर्व के दिन लोगो से मिलने आते है और उनका हाल चाल भी लेते है। इसलिए ओणम के पर्व का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। ओणम का पर्व, राजा महाबली के आदर और उनके आगमन के सम्मान में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।

ओणम का पर्व कब मनाया जाता है (When Is Onam Celebrated)

ओणम का पर्व चिंगम महीने में मनाया जाता है। चिंगम महीना, मलयालम कैलेंडर के आधार पर अगस्त-सितम्बर के महीने में आता है। मलयालम कैलेंडर के मुताबिक चिंगम पहला महीना होता है। अलग अलग कैलेंडर के अनुसार इस महीने को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। ओणम के पर्व के महीने को कुछ कैलेंडर के मुताबिक सिम्हा भी कहा जाता है। तमिल के कैलेंडर के मुताबिक अवनी महीना के नाम से भी इसे जाना जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के आधार पर चिंगम महीना ओणम के पर्व के लिए उत्तम माना जाता है और थिरुवोनम नक्षत्र जब चिंगम महीने में आता है तो ओणम का पर्व उस दिन को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार थिरुवोनम नक्षत्र को श्रवना के नाम से भी जाना जाता है। ओणम का पर्व हर साल अगस्त से सितंबर तक चलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ओणम का पर्व श्रावण महीने की शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है, इसलिए ओणम के पर्व को तिरू-ओणम के नाम से भी जाना जाता है।

ओणम का पर्व कैसे मनाते है (How Is Onam Celebrated)

ओणम का पर्व बहुत लोकप्रिय और रंगारंग त्योहार है। इस त्यौहार को मनाने के लिए पर्यटक बहुत दूर दूर से आते है। इस दिन केरल के लोग पूरे घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करते है। इसके बाद घर को फूलों से सजाते है और दीए जलाते है। इसके साथ साथ रंग बिरंगी रंगोली भी बनाते है। यह त्यौहार कम से कम 10 दिनों तक चलता रहता है।

ओणम के त्यौहार में सबसे खास व्यंजन साद्य होता है। जिसके बिना पूरा ओणम का पर्व फीका लगता है। राजा महाबली को प्रसन्न करने हेतु साद्य और लजीज़ व्यंजनों को चढ़ाया जाता है। इस दिन एक पारंपरिक दावत भी रखी जाती है। जिसमे कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते है। जैसे कि पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर, केले और पापड़ के चिप्स इत्यादि मुख्य रूप से बनाए जाते है।

इस दावत में केले के पत्ते में पारंपरिक रूप से सभी व्यंजन आए हुए अथितियो को परोसे जाते है। इस पारंपरिक दावत में सभी एक दूसरे को ओणम के पर्व की बधाईयां और शुभकामनाएं देते है।

ओणम का पर्व क्यों मनाया जाता है ( Why Is Onam Celebrated)

ओणम का पर्व पूरे केरल में बड़े की घूमघाम से मनाया जाता है। ओणम को किसानों का त्यौहार भी कहा जाता है। किसान इस दिन फसलों की सुरक्षा और उपजो की वृद्धि के लिए भगवान की पूजा आराधना करते है। ओणम का पर्व मनाने का एक और कारण भी है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक राजा महाबली केरल के राजा थे और इनके राज्य में सभी प्रजा बहुत ही खुश और संतुष्ट थी।

राजा महाबली महादानी थे। राजा महाबली ने अपने दान और बल से तीनों लोकों को जीत लिया था। भगवान विष्णु राजा महाबली का उद्धार करने के लिए स्वयं धरती पे आए। राजा महाबली से दान के लिए भगवान विष्णु ने अपना रूप बदल कर वामन रूप का अवतार लिया था। फिर भगवान विष्णु ने राजा महाबली से दान में तीन पग भूमि मांगा।

राजा महाबली समझ जाते है कि ये कोई साधारण बालक नही है। तब भी उन्होंने वामन को तीन पग भूमि का दान दिया। दान की बात सुन कर वामन एक विशाल रूप धारण कर लेते है। फिर इसके बाद वामन ने पहला कदम धरती पर, दूसरा कदम स्वर्गलोक पर और तीसरे कदम के लिए राजा महाबली के पास दान के लिए कुछ नहीं होता है।

इसलिए वो अपनी बात रखने के लिए वामन के पैर के नीचे अपना सर रख देते है। दान की बात सुन कर वामन अपने विशाल रूप में आ जाते है. उनके पहले कदम में सारी धरती समां जाती है, उनके दुसरे कदम में स्वर्गलोक आ जाता है. अब उनके तीसरे कदम के लिए राजा के पास कुछ नहीं होता है, तो अपने वचन को पूरा करने के लिए, राजा अपना सर वामन के पैर के नीचे रख देते है और पाताललोक में समा जाते है।

इस प्रकार राजा महाबली का उद्धार हो जाता है। मान्यता है कि राजा महाबली साल में एक बार ओणम के पर्व के अपने प्रजा का हाल चाल लेने आते है। आपको बता दे तभी से ओणम के पर्व का धार्मिक महत्व काफी ज्यादा है। इसी दिन से केरल में हर साल राजा महाबली के आगमन के सम्मान में ओणम का पर्व घूम धाम से मनाया जाता है।

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Onam Kya Hota Hai निष्कर्ष:

दोस्तों, आज हमने इस आर्टिकल में ओणम क्या होता है (Onam Kya Hota Hai), ओणम का धार्मिक महत्व, ओणम का पर्व क्यों मनाया जाता है इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।

FAQs

प्रश्न: ओणम क्या है?

उत्तर: ओणम एक मलयालम त्यौहार है, जो केरल में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार मंदिरों में नही बल्कि घर में ही मनाया जाता है।

प्रश्न: केरल में ओणम क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: पौराणिक मान्यताओं की माने तो ओणम का पर्व राजा महाबली और भगवान विष्णु से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि राजा महाबली खुद ओणम के पर्व के दिन लोगो से मिलने आते है और उनका हाल चाल भी लेते है। इसलिए ओणम के पर्व का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है।

प्रश्न: ओणम का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर: हिंदू पंचांग के अनुसार ओणम का पर्व श्रावण महीने की शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है, इसलिए ओणम के पर्व को तिरू-ओणम के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न: ओणम कहाँ मनाया जाता है?

उत्तर: ओणम का पर्व मंदिरों में नही बल्कि घर में ही मनाया जाता है।

प्रश्न: ओणम का संबंध किस भगवान से है?

उत्तर: कथा के अनुसार ओणम का संबंध राजा महाबली से है।