दोस्तो अगर आप जानना चाहते है कि Sahayak NG Kya Hai तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। भारत सरकार देश की सुरक्षा को लेकर बहुत ही चिंतित रहती है। भारत सरकार देश की आंतरिक सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करना चाहती है। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार निरंतर प्रयास करती रहती है। जिससे की भारतीय जनता पूरी तरह से सुरक्षित रहे और हमारे देश की सेना सबसे ज्यादा बलशाली बने। इसलिए वह नये-नये अविष्कार करती है जिसके लिये स्वदेशी तकनीक क्षेत्र पर जोर दिया जा रहा है। जिससे देश के भीतर ही स्वदेशी उपकरणों का उत्पादन हो।
इसी को देखते हुए हाली में DROD ने एक स्वदेशी तकनीक से सहायक एनजी का एयर कंटेनर को विकसित किया है। Sahayak NG Kya Hai, सहायक एनजी का इस्तेमाल कैसे करें, सहायक एनजी के लाभ क्या है, सहायक एनजी का डिजाइन कैसा है, विशेषता इत्यादि इन सबका संक्षिप्त रूप में वर्णन इस आर्टिकल के माध्यम से करेगें। अगर आप सहायक एनजी के बारे में पूरी इंफॉर्मेशन जानना चाहते है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
Sahayak NG Kya Hai
दोस्तों सहायक NG एक तरह का स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया गया एक एयर ड्रॉपेबल कंटेनर है। जिसका निर्माण नौसेना के रक्षा अनुसंधान और DROD संगठन ने मिलकर किया है। सहायक NG एक ऐसा एयर ड्रॉपेबल कंटेनर है जो की हवा से जमीन में उतरने में सक्षम है। यह 50 किलो तक का वजन उठा सकता है।
सहायक NG का नौसेना में आने से बहुत अधिक बल मिलेगा। यह समुद्र तट से लगभग 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। स्वदेशी तकनीक इंजीनियर का एक शानदार नमूना है जिसका परीक्षण 30 दिसंबर 2020 में सफलता पूर्वक विशाखापट्टनम में किया गया था।
जिसका डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि यह किसी भी भारी भरकम विमान को हवा में गिरा सकता है। यह एक ऐसा एयरक्राफ्ट है जिसे स्वदेशी तकनीक के माध्यम से भारत में ही विकसित किया गया है।
Sahayak NG जीपीएस से है लैस
भारत में निर्मित किया गया पहला स्वदेशी सहायक NG एक ऐसा एयर कंटेनर है जिसको जीपीएस जैसी सुविधा से लैस बनाया गया है। सहायक NG में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो किसी भी निशाने को सटिक तरीके से भेद सकता है। एवेंटेल निजी कंपनी और DROD जैसी सरकारी संस्था प्रयोगशाला ने इसे मिलकर तैयार किया है। सहायक NG हवा से मार करने वाला एमकेआई का एक एडवांस वर्जन है।
Sahayak NG का वजन क्षमता
दोस्तों सहायक NG ड्रॉपेबल कंटेनर को लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक सांझा बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने यह बताया है कि सहायक NG डंपर कंटेनर 50 किलो ग्राम वजन तक ले जाने की क्षमता रखता है। हाल ही में इसका सफल परीक्षण किया गया था। जिसमें इसे हवा से जमीन सतर पर गिराया गया। यह पहला ऐसा स्वदेशी एयर ड्रॉपेबल कंटेनर है। जिसका नौसेना में आने से नौसेना की शक्ति अत्यधिक बढ़ गई है।
Sahayak NG की मुख्य विशेषताएं
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर की विशेषताएं के बारे में बताते हुए कहा है कि हवा में विमान से गिराया जाने वाला यह पहला स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया गया जीपीएस जैसी सुविधा से लैस है। जिस की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
- सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर एमकेआई एडवांस टेक्नोलॉजी का एक न्यू वर्जन है।
- सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर अपने साथ 50 किलोग्राम तक का पेलोड वजन ले जाने में पूरी तरह से सक्षम है।
- सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर हवा से गिराया जाता है और समुंदर तट से लगभग 2000 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी विमान को मार कर सकता है।
- सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर पानी स्तर में पूरी तरह से टाइट है।
- सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर को किसी भी भारी भरकम पैराशूट के माध्यम से नीचे गिराया जा सकता है।
- सहायक NG ड्रॉपेबल कंटेनर को इस तरह से डिजाइन के माध्यम से विकसित किया गया है कि यह किसी भी समुंदरी जल के झटकों को बहुत ही आसानी से झेल सकता है।
Sahayak NG का डिजाइन
दोस्तों सहायक एयर ड्रॉपेबल कंटेनर का डिजाइन सरकारी संस्था और निजी कंपनियों के माध्यम से तैयार किया गया है। इसको बनाने के लिये Avantel नामक निधि कंपनी और DRDO जैसी सरकारी संस्था का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। इसके साथ ही एनटीएसएल, एआरडीई, आगरा और विशाखापत्तनम जैसी संस्थाओं ने भी मिलकर इस एयर ड्रॉपेबल कंटेनर को डिजाइन करने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
Sahayak NG के लाभ
दोस्तों भारतीय नौसेना के मार्शल चीफ ने सहायक NG के लाभ बताते हुए कहा है कि इस एयर ड्रॉपेबल कंटेनर का नौसेना के बेड़े में शामिल होना अपने आप में एक बहुत ही बड़ा लाभ है।
- सहायक NG एयर ड्रॉपेबल समुद्र तट से 2000 किलोमीटर की दूरी पर तैनात जहाजों को स्टोरेज करके ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करेगा।
- जहाजों के कार्य से संबंधित जहाजो के पुर्जे को ले जाने के लिए समुंदर तट के किनारों पर नहीं आना पड़ेगा। यह सारा काम इस सहायक NG एयर ड्रॉपेबल कंटेनर के माध्यम से भरपूर तरीके से किया जा सकता है।
Sahayak NG के प्रकार
भारतीय नौसेना में अभी तक तीन प्रकार के एयर ड्रॉप टेबल मौजूद है। जिनके नाम इस प्रकार है।
- हाई-वेलोसिटी एयर ड्रॉप
- लो-वेलोसिटी एयरड्रॉप
- फ्री फॉल एयर ड्रॉप
हाई-वेलोसिटी एयर ड्रॉप
हाई-वेलोसिटी एयर ड्रॉप एक ऐसा सिस्टम है जिससे LAPES कहा जाता है। LAPES एक तरह का एक ऐसा अल्टीट्यूड पैराशूट एक्सट्रैक्शन सिस्टम है। जिसके इस्तेमाल से भोजन खाने को सैन्य तक पहुंचाया जाता है। यह मुसबित में फंसे लोगों को बहुत ही कम ऊंचाई से बहुत ही आसानी से निकाल कर ले जा सकता है।
लो-वेलोसिटी एयरड्रॉप
लो-वेलोसिटी एयरड्रॉप कंटेनर को इस तरह से डिजाइन किया गया है। की जब इसे जमीनी स्तर पर लाया जाता है तो यह हवा में ही किसी भी कंटेनर को जमीन से टकराने से पहले उसकी गति को धीमा कर देता है।
फ्री फॉल एयर ड्रॉप
फ्री फॉल एयर ड्रॉप को इस तरह से डिजाइन किया गया है। की जहां पर किसी भी पैराशूट का उपयोग नहीं करते हैं। वहां सिर्फ पृथ्वी और आकाश के बीच पर गुरुत्वाकर्षण की मदद से ही इसको गिराया जाता है और यह अपने आप को सही तरीके से कंट्रोल कर लेता है। इस तरह के ड्रॉप को हम फ्री फॉर एयर ड्रॉप कह कर पुकारते हैं।
Sahayak NG Kya Hai निष्कर्ष:
आज हमने इस आर्टिकल में Sahayak NG Kya Hai, सहायक एनजी का इस्तेमाल कैसे करें, सहायक एनजी के लाभ क्या है, सहायक एनजी का डिजाइन कैसा है, विशेषता इत्यादि के बारे में समस्त जानकारी आपके समक्ष रखी। हम आशा करते है कि आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इसे जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल या विचार है तो हमे नीचे comment करके आसानी से बता सकते है।
FAQs:
प्रश्न: Sahayak NG क्या होता है?
उत्तर: सहायक NG एक तरह का स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया गया एक एयर ड्रॉपेबल कंटेनर है। जिसका निर्माण नौसेना के रक्षा अनुसंधान और DROD संगठन ने मिलकर किया है।
प्रश्न: Sahayak NG किस तरह डिजाइन किया गया है?
उत्तर: स्वदेशी तकनीक से डिजाइन किया गया है।
प्रश्न: Sahayak NG कितना वजन तक उठा सकता है?
उत्तर: 50 किलोग्राम तक