CRPC Bill Kya Hai – कौन से तीन नये कानूनों को भारत सरकार ला रही

आज के अपने इस आर्टिकल में हम ऐसे ही अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए कानून बिलों के ऊपर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही CRPC Bill Kya Hai, कौन से तीन नये कानूनों को भारत सरकार ला रही है। इन सब की जानकारी अपने इस आर्टिकल में हम आपको संक्षिप्त रूप में देगें। आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें और तीन नये बिल 2023 से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त करें।

CRPC Bill Kya Hai - कौन से तीन नये कानूनों को भारत सरकार ला रही

भारत सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने आप को प्रतिबद्ध मानती है। जिसके लिए वह कानून प्रक्रिया मामलों में देरी के चलते या किसी कारणवश पुराने कानूनों के चलते कई बार आरोपी छूट जाते है। इसको ध्यान में रखते हुए कानून प्रक्रिया को मजबूत बनाने जा रही है, जिसके तहत भारत सरकार पुराना कानून CRPC को खत्म करके नए कानून “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023” को लाने का प्रस्ताव रखा है।

CRPC Kya Hai

CRPC जिसकी फुल फार्म “Code Of Criminal Procedur” है, जिसे दंड प्रक्रिया संहिता कहकर संबोधित किया जाता है। भारत के अंदर जब कोई व्यक्ति अपराध करता है, तब पुलिस के द्वारा इसी कानून प्रकिया के आधार पर जांच की जाती है। जिसमें आरोपी पक्ष और पीड़ित पक्ष से संबंधित अपराधी घटनाओं का ब्यूरो दिया गया है। इसी आधार पर जांच प्रक्रिया आगे बढ़ती है, जिसे CRPC कहते हैं।

CRPC Bill Kya Hai

भारत सरकार कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अंग्रेजो के द्वारा बनाए गए कानून बिल को खत्म करने जा रही है। जिसके तहत 1860 में IPC (Indian Penal Code) , 1973 में CRPC (Criminal Procedure Code) और 1872 में IEC (Indian Evidence Code) कानूनों को खत्म कर दिया जाएगा।

इनके बदले भारत सरकार IPS की जगह “भारतीय न्याय संहिता 2023” CRPC की जगह “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023” और IEC की जगह “भारतीय साक्ष्य संहिता 2023” को लेकर आई है, जिसमें काफी बदलाव किए गए है।

CRPC Bill में क्या होगें बदलाव

CRPC बिल जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों समेत पूरे भारत में चर्चा का माहौल गरमाया हुआ है। इस बिल की जगह भारत सरकार ने “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023” को लाने का प्रस्ताव रखा है। CRPC में 533 धाराएं हैं, जिसमें भारत सरकार ने 9 धाराओं को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

इसके अलावा 160 धाराओं में बहुत बदलाव किए जाएंगे, ताकि वह न्याय प्रकिया को मजबूत और सुदृढ़ बना सके। इसके अलावा IEC में भी बदलाव करके उसे भारतीय साक्ष्य संहिता का नाम दिया गया है,  जिसमें 170 धाराएं होगी।

इसके अलावा 23 धाराओं में पूरी तरह से बदलाव किया जाएगा और नई धाराओं को भी जोड़ा जाएगा, जिसमें किसी भी अपराधी घटना के मामले में सजा को देने तक के प्रवधान को बहुत ही कठोर बनाया जाएगा। इसके अलावा राजद्रोह जैसे कानून को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

क्योंकि भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में कहा है कि भारत में सबको बोलने की आजादी है। तो उसे स्थिति में अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए राजद्रोह कानून उनकी सहूलियत के लिए थे, जिसे आज के दौर में भारत स्वीकार नहीं कर सकता। इसीलिए राजद्रोह जैसे कानून को भी पूरी तरह में खत्म कर दिया गया है।

अपराधिक सजा को लेकर बदलाव

गृह मंत्री अमित शाह ने सदन के पट पर यह साफ कर दिया है कि जिन नए बिल को भारत सरकार लेकर आ रही है। उनमें सजा का प्रावधान में भी बदलाव किए जाएंगे। जिसके तहत सजा को 3 साल, 7 साल या उम्रकैद और फांसी तक भी दी जाएगी। ऐसे ही कुछ मुख्य बिंदु है, जिनका उल्लेख हम नीचे करने जा रहे हैं।

  • ऐसे सेंसिटिव मामले जो आपराधिक श्रेणी में बहुत ही संवेदनशील मुद्दा माना जाता हो, उस स्थिति में किसी भी थाने के क्षेत्र में जीरो एफआईआर करवाई जा सकती है। फिर उस एफआईआर को थाना प्रभारी जिस क्षेत्र की वह घटना है, उससे संबधित थाने में एफआरआई को ट्रांसफर करेंगे।
  • किसी भी अपराधी घटना की शुरुआत से लेकर यानी कि FIR से लेकर चार्जशीट तक और जजमेंट की कॉपी तक सभी फैंसलो को डिजिटाइजेशन करना अनिवार्य होगा।
  • अगर कोई अपराधिक मामला या किसी भी तरह का कोई व्यक्तिगत मामला हो। तो उस स्थिति में 90 दिन के अंदर चार्जशीट को दाखिल करना होगा।
  • अगर किसी पुलिस अधिकारी के ऊपर कोई आरोप लगता है। तो उस स्थिति में सरकार को 120 दिन के अंदर उसके ऊपर ट्राई चलाने का निर्णय सरकार को देना होगा।
  • अगर किसी आपराधिक मामले में न्यायपालिका सजा-ए-मौत की सजा देती है। तो उसे स्थिति में उसे सिर्फ उम्र कैद में ही बदला जा सकता है।
  • अगर किसी के साथ कोई मॉब लिंचिंग होती है। तो उस स्थिति में 7 साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान होगा।
  • एक बार दोनों पक्षों की तरफ से बहस पूरी हो जाने के बाद कोर्ट को 1 महीने के अंदर ही अपना फैसला देना होगा।
  • जिस अपराध में 7 साल से अधिक की सजा हो। तो उस स्थिति में पीड़ित पक्ष का पूरा बयान सुना होगा और उसके बिना केस को बंद नहीं किया जा सकेगा।
  • गैंगरेप की घटना के मामले में 7 साल की सजा या उम्र कैद की सजा होगी।
  • अगर किसी भी नाबालिक या 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ कोई दुष्कर्म करता है या गैंगरेप की घटना को अंजाम देता है। तो उस स्थिति में आरोपी को फांसी की सजा दी जाएगी।
  • छोटे आपराधिक मामलों में कम्युनिटी सर्विस का प्रावधान है। इसीलिए कम्युनिटी सर्विस की शुरुआत पहली बार की जा रही है।
  • यौन उत्पीड़न मामले में वीडियो ग्राफी रिकॉर्डिंग करना आवश्यक होगा। इसके साथ ही अगर किसी की सजा 7 साल या 7 साल से अधिक की है। तो उसे स्थिति में फॉरेंसिंग टीम का जांच स्थल पर होना अनिवार्य होगा। 
  • चुनाव समय के दौरान अगर कोई वोटर को लुभावनी चीजें या रिश्वत प्रस्तुत करता है। तो उस स्थिति में 1 साल की सजा होगी।
  • अपराधिक मामले में अगर आरोपी एक बार दोषी सिद्ध हो जाता है। तब उस स्थिति में 1 महीने के भीतर उसे सजा सुनानी होगी।

स्टैंडिंग कमेटी को भेजा गया बिल

भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने इन तीनों नए कानून बिल को लोकसभा के सदन पट पर रखा है, जिसके बाद सर्व समिति से यह प्रस्ताव पास हुआ। अब इस बिल को स्टैंडर्ड कमेटी के पास भेजा गया है, जिसमें अगर किसी ने कुछ बदलाव करना है या अपना सुझाव देना है, वह स्टैंडर्ड कमेटी को दे सकता है।

इसके बाद फिर से इस बिल को लोकसभा के सदन पट रखा जाएगा। तब इस बिल पर पूरी गहनता से साथ चर्चा होगी और इसे लोकसभा से पास करवाया जाएगा। फिर राज्यसभा में इस बिल को रखकर वहां से भी पास करवाया जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति जी के पास इन तीनों बिलों को भेजा जाएगा, जिस पर राष्ट्रपति जी की मोहर लगेगी।

फिर यह तीनों बिल कानूनी रूप से भारतीय संविधान का हिस्सा बनेंगे और कानून व्यवस्था में एक नई रोशनी को लेकर आएंगे। जिससे कोई भी अपराधी किसी भी कारणवश अपराध करने से डरेगा और पीड़ित पक्ष को पूरी तरह से न्याय मिलेगा।

राजद्रोह शब्द को हटाकर उसकी परिभाषा को स्पष्ट किया गया

अंग्रेजों द्वारा 1860 में IPC कानून के तहत अगर कोई अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में होता था, तो उस पर सीधा 124A धारा लगा देते थे, जिसे राजद्रोह की श्रेणी में रखा गया था।

इसमें इसकी परिभाषा को स्पष्ट नहीं किया गया था। इसलिए भारत सरकार ने इस राजद्रोह की धारा को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इसके तहत “भारतीय न्याय संहिता 2023” में एक नई 150 धारा को जोड़ा गया है।

जिसमें यह स्पष्ट रूप से साफ किया गया है कि अगर कोई भारत की संप्रभुता, अखंडता, एकता, सशस्त्र गतिविधियां, प्लान किया गया, लिखकर या बोलकर या कोई संकेत देकर या जानबूझकर, अलगाववाद या वित्तीय संसाधनों से या योजना वध तरीके से अपराधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है। तो उसे स्थिति में उसे उम्र कैद सजा दी जाएगी।

CRPC Bill Kya Hai Conclusion

इस लेख में हमनें जाना CRPC Bill Kya Hai, कौन से तीन नये कानूनों को भारत सरकार ला रही है। हम आशा करते है कि इस लेख से जुड़ी सारी जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर यह लेख आपको पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया में अवश्य शेयर करें।

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