हाइड्रोजन फ्यूल क्या होता है | Hydrogen Fuel Advantages And Disadvantages

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पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और प्रदूषण युक्त ईंधन होने के कारण आज पूरी दुनिया प्रदूषण रहित ईंधन की तलाश कर रही है। दुनिया भर के विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों का दौर भविष्य में ना के बराबर रहने वाला है। लेकिन इन बातों से आपस में उनकी सहमति एक जैसी नहीं है। उनके विचार अलग अलग है। अगर देखा जाए तो एक दो सालो से इलेक्ट्रिक वाहनों का दौर तेजी से बढ़ता जा रहा है। लेकिन ईंधन के रूप में पेट्रोल डीजल के अलावा और भी विकल्प ढूंढे जा रहे है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को एक टोयोटा मिराई कार से संसद में पहुंचे। जो भारत का पहला ऑल-हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक वाहन है। भारत सरकार के द्वारा 2021 से 2022 के बजट में नेशनल हाइड्रोजन मिशन को लाने की घोषणा की गई। इस मिशन के तहत हाइड्रोजन फ्यूल सेल को बढ़ाना जिससे की सस्ता और प्रदूषण मुक्त ईंधन बनाया जा सके और इसे बड़े पैमाने में स्टोर किया जा सके।

ऐसे में आपके मन में भी ये विचार आता होगा कि क्या सभी वाहन हाइड्रोजन फ्यूल से चलेंगे? क्या पेट्रोल डीजल की जगह हाइड्रोजन फ्यूल से वाहनों को चलाया जा सकता है? तो चलिए जानते है हाइड्रोजन फ्यूल क्या होता है, हाइड्रोजन फ्यूल कैसे बनता है और हाइड्रोजन फ्यूल के फायदे और नुकसान क्या है।

हाइड्रोजन फ्यूल क्या होता है

हाइड्रोजन फ्यूल क्या होता है (What Is Hydrogen Fuel)

हाइड्रोजन फ्यूल एक ऐसा ईंधन है जिसकी एनर्जी बाकी ईंधनों के अपेक्षा ज्यादा होती है और साथ ही यह सस्ता और हल्का भी होता है। पेट्रोल डीजल के बढ़ती कीमतों के कारण अब इसके विकल्पों को तलाशा जा रहा है जो की हाइड्रोजन एक अच्छा और सस्ता विकल्प ईधन के रूप में दिखाई दे रहा है। जिसकी सहायता से कार, बस, हवाई जहाज, बड़े प्लांट्स को आसानी से चलाया जा सकता है।

हाइड्रोजन फ्यूल कैसे बनता है (How Do You Make Hydrogen Fuel)

हाइड्रोजन एक ऐसा तत्त्व है जो वायुमंडल में किसी ना किसी से जुड़ा हुआ प्राप्त होता है। यह शुद्ध रूप से वायुमंडल में उपलब्ध नहीं हो पाता है। पृथ्वी में हाइड्रोजन की कोई कमी नहीं है लेकिन इसे एक फ्यूल के रूप में इक्ट्ठा करना थोड़ा कठिन काम है। वैज्ञानिकों की माने तो एक किलो हाइड्रोजन में नैचुरल गैस से 2.6 गुना ज्यादा एनर्जी होती है। ऐसे में
इसका भंडारण किया जा सकता है और जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है।

हाइड्रोजन को प्राप्त करने के लिए जल में विद्युत-अपघटन या Electrolysis की क्रिया अपनायी जाती है यानी जल में दो इलेक्ट्रोड कैथोड और एनोड पर विद्युत-अपघटन की प्रकिया होती है। जिससे हाइड्रोजन और आक्सीजन प्राप्त होतीं हैं। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक या विद्युत की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए पवन ऊर्जा, सोलर ऊर्जा, कोयला, नैचुरल गैस जैसे रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रदूषण नही होता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद जो फ्यूल प्राप्त होता है। उसे ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है जिसे एकत्र करके ईधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

हाइड्रोजन को प्राप्त करने की बहुत सी प्रक्रिया है। अन्य प्रक्रिया में हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन मेथेन से प्राप्त किया जाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में प्रदुषण अधिक होता है।

हाइड्रोजन फ्यूल कैसे काम करता है (How Hydrogen Fuel Works)

उदाहरण के तौर पर बात करे हाइड्रोजन कार की तो हाइड्रोजन कार को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल (Hydrogen Fuel Cell) की मदद से इलेक्ट्रिक को जनरेट करना पड़ता है। आक्सीजन और ईधन टैंक में भरे हाइड्रोजन के बीच रासायनिक क्रिया करा के इलेक्ट्रिक उत्पन्न किया जाता है। दोनो के बीच हुए रासायनिक क्रिया से बाइप्रोडक्ट पानी (H2O) और इलेक्ट्रिसिटी प्राप्त होता है। इसी प्राप्त इलेक्ट्रिसिटी से कार को चलाया जाता है।

हाइड्रोजन फ्यूल के प्रकार (Type Of Hydrogen Fuel)

अगर रंग के आधार पर देखे तो हाइड्रोजन को तीन प्रकार से बांटा गया है

ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen) – अगर हाइड्रोजन को जीवाश्म ईंधन, क्रूड आयल के माध्यम से प्राप्त किया जाता है तो इसे ग्रे हाइड्रोजन कहते हैं। इसमें प्रदुषण अधिक मात्रा होता है।

ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) – जब प्राकृतिक गैस को हाइड्रोजन और कार्बन डाई ऑक्साइड में विघटित किया जाता है और इस कार्बन डाई ऑक्साइड को एकत्र करके कार्बन भंडारण में रख दिया जाता है जिससे ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम होता है। इस हाइड्रोजन को पारिस्थिति के अनुकूल माना जाता है। इसलिए इस हाइड्रोजन को ब्लू हाइड्रोजन कहा जाता है।

ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) – जब जल में विद्युत अपघटन(Electrolysis) प्रक्रिया से हाइड्रोजन को प्राप्त किया जाता है और इसमें प्रदूषण नही होता है। इसमें विद्युत की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए पवन ऊर्जा, सोलर ऊर्जा, कोयला, नैचुरल गैस जैसे रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है। तो इस प्राप्त हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहते हैं।

हाइड्रोजन फ्यूल के फायदे और नुकसान (Hydrogen Fuel Advantages And Disadvantages)

हाइड्रोजन फ्यूल के बहुत सारे फायदे भी है और साथ ही बहुत से नुकसान भी है जो इस प्रकार है:–

हाइड्रोजन फ्यूल के फायदे (Hydrogen Fuel Advantages)

  • यह सस्ता ईंधन का विकल्प हो सकता है।
  • इसे स्वच्छ और अधिक ऊर्जा (Energy) वाला ईंधन माना जाता है।
  • हाइड्रोजन फ्यूल पर्यावरण के लिए अच्छा है इससे प्रदूषण नही होता है।
  • यह यातायात और ट्रांसपोर्ट के लिए लाभकारी होगा। खासकर के लंबी दूरी तय करने के मामले में इससे ज्यादा फायदा मिल सकेगा।

हाइड्रोजन फ्यूल के नुकसान (Hydrogen Fuel Disadvantages)

  • यह बेहद ज्वलनशील और विस्फोट होता है। जिसके वजह से दुर्घटना होने की संभावना भी हो सकती है।
  • हाइड्रोजन को प्राप्त करना और स्टोर करना दोनो ही कठिन प्रक्रिया है। क्योंकि हाइड्रोजन को लिक्विड में रखने के लिए -252.8 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है और इस तापमान पर किसी भी धातु के लिए अपने स्थिति को बनाये रखना कठिन होता है। इसलिए इसे स्टोर करना बहुत मुश्किल कार्य है।
  • हाइड्रोजन के ट्रांसप्लांटेशन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की अभी बहुत कमी है।

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हाइड्रोजन फ्यूल क्या होता है FAQs

Q. हाइड्रोजन फ्यूल पर्यावरण के लिए कैसा है?

Ans. यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल है।

Q. क्या हाइड्रोजन फ्यूल को भविष्य का ईंधन कहा जा सकता है?

Ans. जी हां लेकिन इसे आने में अभी समय लग सकता है।

Q. हाइड्रोजन फ्यूल से क्या नुकसान है?

Ans. यह बेहद ज्वलनशील और विस्फोट होता है। जिसके वजह से दुर्घटना होने की संभावना भी हो सकती है और इसे स्टोर करना काफी मुश्किल है।